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सतोपंथ स्वर्गरोहिणी दर्शन - पांच पांडवों की अंतिम यात्रा || Satopanth Swargarohini Darshan 4 года назад


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सतोपंथ स्वर्गरोहिणी दर्शन - पांच पांडवों की अंतिम यात्रा || Satopanth Swargarohini Darshan

Album - Satopant Swargarohoni Darshan Song - Satopant Swargarohoni Darshan Voice - Rajesh Prince Script - Shubhah Bose Label - Ambey bhakti Parent Label(Publisher) - Shubham Audio Video Private Limited. SN OLD-546 पांडव जब स्वर्ग जाने के लिए निकले तो रास्ते में ही द्रौपदी सहित भीम, अर्जुन, नकुल व सहदेव की मृत्यु हो गई। सिर्फ युधिष्ठिर ही सशरीर स्वर्ग जा पाए। ये बात हम सभी जानते हैं। लेकिन युधिष्ठिर के अलावा अन्य पांडवों व द्रौपदी की मृत्यु क्यों हुई, ये बात बहुत कम लोगों को पता है। आज हम आपको बता रहे हैं युधिष्ठिर कैसे पहुंचे सशरीर स्वर्ग और रास्ते में ही क्यों हो गई द्रौपदी व अन्य पांडवों की मृत्यु? सतोपंथ ताल - उत्तराखंड में स्थित सतोपंथ झील, यहाँ के प्राकृतिक झीलों में से एक है। यह झील न सिर्फ धार्मिक लिहाज़ से बल्कि अपने अद्वितीय प्राकृतिक सौन्दर्य की वजह से भी विश्व के पर्यटन मानचित्र में दर्ज है। अक्सर प्राकृतिक झीलों का आकार गोल या चौकोर होता है लेकिन यह अद्वितीय झील त्रिभुजाकार या तिकोने आकार में है। भारतीय पर्यटकों को तो यह अपनी ओर लुभाती ही है, विदेशी पर्यटकों को भी अपने तेज से अछूती नहीं रखती। पर्यटक यहाँ मिलने वाली अद्भुत शांति और इसकी सुंदरता के कायल हैं। कई विदेशी सैलानियों को तो यह झील इतना पसंद है कि पर्वतारोहण के लिए वे इस झील को उच्च प्राथमिकता देते हैं। स्वर्गरोहिणी- धरती पर अगर स्वर्ग की अनुभूति करनी है तो बदरीनाथ धाम के पास स्वर्गारोहिणी चले आइए। मान्यता है कि ज्येष्ठ पांडव धर्मराज युधिष्ठिर ने स्वान के साथ स्वर्गारोहिणी से ही सशरीर वैकुंठ के लिए प्रस्थान किया था। देखा जाए तो सचमुच अद्भुत है यहां का सौंदर्य। एक बार कदम रखने पर लौटने का मन ही नहीं करता। यही वजह है कि इन दिनों खुशगवार मौसम होने के कारण स्वर्गारोहिणी पहुंचने वाले यात्रियों का उत्साह देखते ही बन रहा है। बदरीनाथ धाम से नारायण पर्वत पर 30 किमी का पैदल सफर तय कर स्वर्गारोहिणी पहुंचा जा सकता है। यह क्षेत्र वर्षभर बर्फ से ढका रहता है। मार्ग का ज्यादातर हिस्सा हिमखंडों से पटे रहने के कारण इस सफर में तीन दिन लग जाते हैं। कुदरत ने यहां खुले हाथों से सुंदरता बिखेरी है। कहीं झरने तो कहीं दूर तक फैले बुग्याल (मखमली घास के मैदान) यात्रियों व प्रकृति प्रेमियों को सम्मोहित सा कर देते हैं। चारों ओर बर्फ से ढकी पहाड़िया असीम शांति का अहसास कराती हैं। जिधर नजर दौड़ाओ सैकड़ों प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल यात्रियों की आगवानी करते नजर आते हैं। सतोपंथ स्वर्गरोहिणी दर्शन - पांच पांडवों की अंतिम यात्रा || Satopanth Swargarohini Darshan Digital Partner - Vianet Media Label: Ambey Bhakti Copyright - Shubham Audio Video Stay Connected with us!!!! For More Latest Updates Subscribe Us:- http://bit.ly/ambeybhakti Like us on Facebook:   / ambeybhakti   Like & Follow us on Instagram: https://www.instagram.com/ambeybhakti... Contact For Audio , Video Release - 9717072 067.(11am -6pm , Monday to Saturday Only)

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