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अनकही राहें. Untold paths. (anakahee raahen) #trend #viralvideo #superhit expensivestory #superhit #hindistories #aivoice #trending #hindistories #sapnokiudhan#trending #trending #viralvideo #rajputking #viralvideo #trending #jangalmeinbolanevaaleebhed #motivation #viralvideo #rajputking #hindi #bodhithinkspy #aivideo#viralvideo #aiimage #rajputking #viraphindistorys |||||||||||||||||||||||||||||||||||| अनकही राहें अंशुमान और संजना की मुलाकात कॉलेज में हुई थी। अंशुमान एक शांत स्वभाव का लड़का था, जिसे किताबें पढ़ना और अपने ख्यालों में खोए रहना पसंद था। दूसरी ओर, संजना जिंदगी को खुलकर जीने वाली लड़की थी, जिसे हर पल का मज़ा लेना पसंद था। दोनों की सोच बिल्कुल अलग थी, लेकिन फिर भी उनके बीच एक अजीब-सा आकर्षण था। दोस्ती हुई और धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई।## कॉलेज के तीन साल जैसे पंख लगाकर उड़ गए। दोनों ने साथ पढ़ाई की, साथ सपने देखे और साथ जीने की कसमें खाईं। कॉलेज खत्म होने के बाद अंशुमान को एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई, जबकि संजना ने एक एनजीओ जॉइन कर लिया। दोनों अपनी-अपनी दुनिया में व्यस्त हो गए, लेकिन उनका प्यार वैसा ही रहा।## कुछ सालों बाद दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद कुछ समय तक सबकुछ ठीक चला। वे एक-दूसरे के साथ बहुत खुश थे। अंशुमान अपने काम में व्यस्त रहने लगा और संजना ने भी एनजीओ का काम संभाल लिया। धीरे-धीरे उनकी जिंदगी में जिम्मेदारियाँ बढ़ने लगीं। पहले जहाँ वे हर शाम एक साथ बैठकर घंटों बातें करते थे, अब वे फोन पर औपचारिक बातें करके दिन खत्म कर लेते थे।## एक दिन संजना ने अंशुमान से कहा, "तुम्हें मुझसे अब प्यार नहीं रहा।" अंशुमान ने हँसते हुए कहा, "ऐसी बात क्यों कह रही हो? मैं तो बस काम में व्यस्त हूँ।" संजना ने झुँझलाकर कहा, "बस काम ही तो रह गया है तुम्हारी जिंदगी में। मैं तुम्हारे लिए अब मायने नहीं रखती।"## अंशुमान ने उस बात को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन धीरे-धीरे उनके बीच की दूरियाँ बढ़ती गईं। अब संजना ज्यादा समय अपने एनजीओ में बिताने लगी और अंशुमान अपने ऑफिस में। दोनों एक ही घर में रहते थे, लेकिन उनके बीच संवाद खत्म हो गया था।## एक दिन संजना को एनजीओ के काम से दो हफ्ते के लिए एक छोटे-से गाँव जाना पड़ा। वहाँ उसने एक विधवा महिला सुनीता को देखा, जो अपने तीन बच्चों के साथ बहुत ही कठिनाई में रह रही थी। संजना ने उसकी मदद की और उसे आर्थिक रूप से भी सहारा दिया। उस महिला की आँखों में जो कृतज्ञता थी, उसे देखकर संजना का दिल पिघल गया। उसने सोचा, "यह औरत इतनी तकलीफ में भी अपने बच्चों के लिए मुस्कुरा रही है, और मैं अपने ही जीवनसाथी से दूर होती जा रही हूँ?"## वह तुरंत वापस घर लौट आई। लेकिन जब वह पहुँची, तो अंशुमान घर पर नहीं था। उसने देखा कि टेबल पर एक चिट्ठी रखी थी। उसमें लिखा था – "संजना, मुझे नहीं पता कि हम कहाँ गलत हो गए। मैं तुम्हें पहले की तरह हँसते हुए नहीं देखता। तुम्हारी आँखों में वह चमक नहीं दिखती, जो कभी मेरे लिए हुआ करती थी। शायद हमने अपने काम और जिम्मेदारियों को अपने प्यार से बड़ा बना लिया। मुझे लगा कि तुम्हारे बिना रहने की आदत डाल लूँगा, इसलिए बिना बताए जा रहा हूँ।"## संजना को लगा कि उसकी पूरी दुनिया उजड़ गई है। वह पागलों की तरह अंशुमान को ढूँढने लगी। उसके ऑफिस, दोस्तों, हर जगह गई, लेकिन वह कहीं नहीं था। वह दिन-रात रोती रही, खुद को कोसती रही। उसने सोचा कि काश, उसने पहले ही अपनी गलती मान ली होती।## छह महीने बीत गए। एक दिन अचानक उसे एक पुराना खत मिला, जो अंशुमान ने शादी से पहले उसे लिखा था। उसमें लिखा था – "संजना, तुम्हारी हँसी मेरी सबसे बड़ी दौलत है। अगर तुम कभी मुझसे नाराज हो जाओ, तो मुझे छोड़कर मत जाना। तुम्हारे बिना मेरा कोई अस्तित्व नहीं है।"## संजना का दिल पसीज गया। उसने फैसला किया कि वह चाहे कुछ भी हो, अंशुमान को वापस लाएगी। उसने अंशुमान के पुराने बॉस से बात की, जहाँ उसे पता चला कि वह अब पहाड़ों में एक छोटे से गाँव में बच्चों को पढ़ा रहा है।## संजना बिना देर किए वहाँ पहुँची। उसने देखा कि अंशुमान बच्चों को पढ़ा रहा था। उसके चेहरे पर एक सुकून था, लेकिन उसकी आँखों में संजना के लिए वही प्यार था। उसे देखते ही अंशुमान चौंक गया। संजना दौड़कर उसके पास गई और रोते हुए बोली, "तुम मुझे छोड़कर क्यों चले गए?"## अंशुमान ने उसकी आँखों में देखा और कहा, "मैंने तुम्हें छोड़ा नहीं था, खुद को खोजने चला गया था। लेकिन मैंने जाना कि मेरी तलाश तुमसे शुरू होती है और तुम पर ही खत्म होती है।"## उस दिन दोनों ने एक-दूसरे को कसकर गले लगाया। वे घंटों रोते रहे, एक-दूसरे का दर्द बाँटते रहे। उन्होंने तय किया कि अब वे कभी काम और जिम्मेदारियों को अपने प्यार के बीच नहीं आने देंगे।## वे पहाड़ों में ही बस गए। अंशुमान बच्चों को पढ़ाता और संजना एनजीओ के लिए काम करती। दोनों ने मिलकर एक अनाथालय खोला, जहाँ वे अनाथ बच्चों को सहारा देते। उनके बीच का प्यार पहले से कहीं ज्यादा गहरा हो गया था।## उनकी कहानी यह सिखाती है कि प्यार का मतलब सिर्फ साथ रहना नहीं, बल्कि एक-दूसरे को समझना और अपनाना होता है। रिश्ते में दूरियाँ तभी आती हैं जब संवाद खत्म हो जाता है, लेकिन जब दो दिल एक-दूसरे के लिए धड़कते हैं, तो वे फिर से मिल ही जाते हैं – चाहे रास्ता कितना भी मुश्किल क्यों न हो।