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दिल्ली के भाटिया परिवार की दर्दनाक कहानी जिसे सुनकर रूह काँप जाएगी | Horror Sunday With Sanjay | इस वीडियो का कंटेंट दोस्तों आज एक ऐसी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ जिसे सुनकर आपकी रूह काँप जाएगी, आप सोचने पर मजबुर हो जाएंगे की आज के इस परिवेश में भी कोई अंधविश्वास पर जीता है 2018 की बात है, दिल्ली में एक साधारण-सा परिवार रहता था, बुरारी का भाटिया परिवार। घर के मुखिया थे 77 साल के नारायण देवी, जो अपने बेटे, दो बेटियों, बहू और पाँच पोते-पोतियों के साथ रहती थीं। कुल मिलाकर 11 लोग थे। पड़ोसियों की मानें तो यह एक धार्मिक और खुशहाल परिवार था। किसी को कोई शिकायत नहीं थी। उनका घर हमेशा मेहमानों से भरा रहता था और वे आसपास के लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। लेकिन 1 जुलाई 2018 को एक भयानक राज़ सामने आया। सुबह जब दूधवाला आया, तो उसने देखा कि भाटिया परिवार के घर का दरवाज़ा खुला है। उसने अंदर जाकर देखा और जो उसने देखा उससे उसकी रूह कांप गई। 10 लोग छत से लटके हुए थे और 77 साल की नारायण देवी फर्श पर मृत पड़ी थीं। पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची। यह आत्महत्या का मामला लग रहा था, लेकिन कुछ बातें अजीब थीं। सभी की आँखें और मुँह कपड़े से ढके हुए थे। उनके हाथ और पैर भी बंधे हुए थे। पुलिस को यह आत्महत्या से ज़्यादा सामूहिक हत्या जैसा लगा। जांच शुरू हुई। पुलिस ने घर की तलाशी ली और उन्हें 11 डायरियाँ मिलीं। इनमें पिछले 11 सालों से भाटिया परिवार की दिनचर्या और उनके कुछ अजीब अनुष्ठानों का जिक्र था। इन डायरियों में लिखा था कि परिवार का एक मृतक सदस्य, ललित भाटिया, उनकी आत्मा से बात करता है और उन्हें निर्देश देता है। ललित भाटिया ने कुछ सालों पहले आत्महत्या की थी। डायरी में लिखा था कि "मोक्ष" पाने के लिए उन्हें एक ख़ास अनुष्ठान करना होगा। इस अनुष्ठान में उन्हें खुद को फांसी लगाकर देवी-देवताओं को खुश करना था। डायरी में पूरी प्रक्रिया का विवरण था, जैसे किस तरह से लटकाना है, किसको कहाँ खड़ा होना है और आँखों पर पट्टी क्यों बांधनी है। डायरियों में यह भी लिखा था कि इस अनुष्ठान के बाद वे सभी जीवित हो जाएंगे। पुलिस ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह सामूहिक हत्या नहीं, बल्कि एक भयावह सामूहिक आत्महत्या का मामला था। परिवार के लोग अपने अंधविश्वास के जाल में इस कदर फंस चुके थे कि उन्होंने अपनी जान लेने से भी गुरेज़ नहीं किया। डायरी में जो लिखा था, उसे पढ़कर लगता था कि वे सच में मानते थे कि वे वापस जीवित हो जाएंगे। यह घटना आज भी दिल्ली के इतिहास में एक काला अध्याय है। यह बताती है कि कैसे अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी एक पूरे परिवार को खत्म कर सकती है। तो दोस्तों, अगर आपको यह कहानी पसंद आई, तो इस वीडियो को लाइक करें, अपने दोस्तों के साथ शेयर करें, और ऐसे ही और भी रोचक कहानियों के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें। धन्यवाद अस्वीकरण इस वीडियो का कंटेंट दिल्ली कि एक सच्ची घटना पर आधारित है जो केवल शिक्षा के लिए है की कभी भी अंधविश्वास को अपने ऊपर हावी ना होने दे। यदि कहानी अच्छी लगे तो इस वीडियो को लाइक शेयर और कमेंट जरूर करे और इस चैनल को सब्स्क्राइब करे।