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ममता कहानी का सारांश - जयशंकर प्रसाद : ममता कहानी जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित छोटी, किंतु अत्यधिक समृद्ध कृति है। ममता एक बाल-विधवा युवती है, जो रोहतास-दुर्ग के महल में बैठी सोन नदी के प्रबल बेग को देख रही थी। बालविधवा होने के कारण उसका जीवन दु:खों से भरा था। वह रोहतास दुर्ग के मंत्री चूड़ामणि की पुत्री थी। उसके पास सभी सुख-साधन थे परंतु भारतीय समाज में नारी का विधवा होना उसका सबसे बड़ा अपराध है, इसलिए उसके दु:खों का कोई अंत नहीं था। तभी चूड़ामणि महल में आते हैं, परंतु ममता उनके आगमन को न जान सकी। वह अपने दु:खों में बेसुध थी। चूड़ामणि अपनी पुत्री के दु:ख को देखकर चिंतामग्न होकर वापस लौट जाते हैं।