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What is erectile dysfunction? Erectile dysfunction kyun hota hai? What are the causes of Erectile dysfunction? What are the symptoms of erectile dysfunction (इरेक्टाइल डिसफंक्शन ke lakshan)? Who can face the ED problem? Can ED be cured? Dr Shapur Kamalakar Nandakishore, a Urologist with over 23 years of experience, talks to us in detail about erectile dysfunction. Video Breakdown: 00:00- 0:34 Erectile Dysfunction क्या होता है ? 0:45 इरेक्टाइल डिसफंक्शन के प्रकार 1:44 साइकोलॉजिकल इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपाय 2:05 आर्गेनिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपाय 2:49 इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने की क्या वजह होती है ? #ED #ErectileDysfunctionCauses #EDProblem Subscribe to our channel for more videos: https://bit.ly/30zJeig Visit our website: https://www.practo.com/ For video consultations with top doctors, visit: https://prac.to/video-consult Connect with us: Facebook: / practo Twitter: / practo Instagram: / practo LinkedIn: / practo-technologies-pvt-ltd Video Transcript: जिस लिंग में इरेक्शन भी नहीं हो रहा या शुरु में इरेक्शन होता है लेकिन इसे बहुत लंबे समय तक बनाए रखना संभव न हो रहा हो तो इसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) कहा जाता है। सामान्य रुप से लिंग के इरेक्शन में समस्या आने की दो वजहें होती हैं – पहली है, साइकोजेनिक यानि मनोजन्य कारण या ऑर्गेनिक (जैविक) कारण। ऑर्गेनिक (जैविक) कारणों में यह मस्तिष्क में शुरु होता है जैसे मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र की कोई समस्या। दूसरा होता है हार्मोन्स की समस्या, जैसे टेस्टोस्टेरोन की कमी जिसें मर्दानगी का हार्मोन कहते हैं। या तीसरा होता है खून आपूर्ति की समस्या जो रक्तवाहिनी या नसों के ठीक से काम न कर पाने की वजह से हो सकता है और रक्तवाहिनी खून नहीं ले जा पाती है। इन सभी को हम ऑर्गेनिक (जैविक) कारण कहते हैं। भारत में ऑर्गेनिक कारण की तुलना में साइको जेनिक कारण बहुत ज़्यादा होते हैं। मानसिक कारणों की वजह से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन। जैसे आदमी सुस्त हैं, तनाव में है, मन विचलित है और वह ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा है तो इस वजह से इरेक्शन नहीं हो पाता। यदि साइकोजेनिक कारण है तो जितना संभव हो सके हम उसकी काउन्सलिंग करते हैं और उसे दलदल से बाहर निकालकर बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन यदि समस्या गहरी है और काफी बढ़ चुकी है तो हम मनोरोग चिकित्सक की मदद लेते हैं और मरीज़ को इससे बाहर निकालकर सामान्य सेक्स करने या परफॉर्म करने के लायक बना सकते हैं। जब वजह ऑर्गेनिक (जैविक) हो तो हम दवाईयाँ देते हैं। आमतौर पर वायग्रा नामक दवाई का इस्तेमाल करते हैं जिसके बहुत सारे प्रकार होते हैं। एक ऐसा चरण भी आता है जिसमें ये दवाइयाँ भी काम नहीं करती। ऐसे में हम लोग इंजेक्शन थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं, एक प्रकार का इंजेक्शन आता है जिसे लिंग पर दिया जाता है जिससे लिंग का इरेक्शन होता है और इसकी वजह से मरीज़ संभोग कर सकता है। एक वैक्यूम डिवाइस भी आता है जिसमें एक वैक्यूम का निर्माण कर इरेक्शन बनाए रखा जाता है. इसका इस्तेमाल किया जाता है। अंत में यदि कोई भी उपाय काम न करे और यह सब करने के बावजूद मरीज़ खुश नहीं है तो हम लोग एक सर्जिकल इम्प्लांट करते हैं। ऐसे लोग जो लगातार शराब का सेवन करते हैं, अल्कोहोल की एक स्वस्थ सीमा से ज़्यादा लेते हैं, उनके लीवर को नुकसान पहुँचता है। लीवर को नुकसान कर वो अंत में शरीर में कई जगह तबाही मचाता है। इन लोगों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) की समस्या होती है। धूम्रपान, तंबाकू सेवन खतरनाक होता है और यह शराब से भी ज़्यादा हानिकारक है क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर देता है। लिंग की रक्त-वाहिका आकार में ह्रदय की रक्तवाहिनी के 1/5 या 1/3 ही होती है। शुरुआत पहले इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से होती है और वह मरीज़ धूम्रपान करना जारी रखे तो उसे हार्ट अटैक भी हो सकता है। इस प्रकार इरेक्टाइल डिसफंक्शन हमारे लिए ह्रदय की जाँच करने का भी संकेत है और हम लोग ह्रदय का भी मूल्यांकन करते हैं।