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दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में विश्वामित्र और स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सरा कही जाने वाली मेनका की प्रेम कहानी बता रहे हैं vishwamitra and menaka story आज आपको बता रहे हैं कि कैसे विश्वामित्र और स्वर्ग की अप्सरा मेनका के बीच प्रेम हुआ था। और क्यों अप्सरा मेनका विश्वामित्र को छोड़कर चली गई थी? तो चलिए आप को इस पोस्ट में बताते हैं इस रहस्यमई पौराणिक कथा के बारे में। दोस्तों बात उस समय की है जब महर्षि विश्वामित्र वन में कठोर तपस्या में लीन बैठे हुए थे। उनके चेहरे पर एक तेज और उनके शरीर में किसी भी प्रकार की हलचल नहीं हो रही थी। उनके आसपास जंगली जानवर घूम रहे थे। चिड़िया चहक रही थी। लेकिन महर्षि विश्वामित्र की तपस्या को भंग करने का साहस किसी के पास नहीं था। किसी ने महर्षि विश्वामित्र की तपस्या की सूचना देवताओं के राजा इंद्र को इंद्रलोक में जा कर दे दी। जब इंद्र देव ने खुद आकर ऋषि विश्वामित्र की तपस्या देखि, तो उन्हें विश्वामित्र की तपस्या को देखकर बहुत ही ज्यादा हैरानी हुई। देवेंद्र को हैरानी के साथ साथ एक ऐसा भय सताने लगा जिससे कि उनका अस्तित्व भी खत्म हो सकता था। क्योंकि उस समय ऋषि विश्वामित्र अपने कठोर तप से एक नए संसार की निर्माण करने की कोशिश कर रहे थे। इंद्र देव को यह चिंता थी,की यदि ऋषि विश्वामित्र अपने इस उद्देश्य में सफल हुए तो समस्त सृष्टि के देवता तो वह खुद ही बन जाएंगे।फिर तोह उनका अस्तित्व ही ख़तम हो जायेगा। लेकिन इंद्रदेव करें भी तो क्या करें महर्षि विश्वामित्र तो अपनी तपस्या में इतने मग्न थे। कि कोई भी उनकी तपस्या भंग करने में असमर्थ था। तब इंद्रदेव ने एक योजना बनाई। योजना थी ऋषि विश्वामित्र की तपस्या को भंग करने की। vishwamitra and menaka story लेकिन इंद्रदेव को चिंता थी कि यह कार्य होगा कैसे? एक पौराणिक वर्णन के अनुसार इसके बाद देवराज इंद्र ने स्वर्ग की एक सबसे सुंदर अप्सरा मेनका को अपने पास में बुलाया। और उसे नारी शरीर धारण कर मृत्युलोक (पृथ्वी लोक) में रहने का आदेश दिया। इंद्रदेव ने अप्सरा मेनका से कहा कि वह पृथ्वी लोक पर जाकर अपने सौंदर्य से ऋषि विश्वामित्र को अपनी ओर आकर्षित करें। और उनकी तपस्या को भांग करें। इंद्र देव की आज्ञा अनुसार अप्सरा मेनका जोकि इंद्रलोक की सभी अप्सराओं में सबसे ज्यादा सुंदर,सुरीली आवाज वाली और आकर्षण की मिसाल थी। वह ऋषि विश्वामित्र के सामने प्रकट हुई।