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हमारी सांस्कृतिक धरोहरः ‘लोक संस्कृति संग्रहालय’ #DrYashodharMathpal #MUSEUM #Bhimtal #PankajBisht #संग्रहालय #पुरातात्विक_संग्रहालय #uttarakhand लोक संस्कृति संग्रहालय के आकर्षक और पुरातात्विक संकलनः लोक संस्कृति संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुऐं और शोधकार्य को प्रागैतिहासिक, आद्यैतिहासिक और ऐतिहासिक काल खण्डों के अनुसार क्रमशः देखा जा सकता है। संग्रहालय की प्रचीनतम वस्तुओं में टेथीज समुद्र के 15 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म हैं, जिससे हिमालय पर्वत के किसी समुद्र में हुई भू-गर्भीय हलचल से बनने के प्रमाण मिलते हैं। इसके बाद वह 700 पाषाण उपकरण हैं जिन्हें लगभग 5 लाख वर्ष से लगभग 4 हजार वर्ष पूर्व तक इंसानों द्वारा बनाया और उपयोग किया गया था। संग्रहालय में पाषाणकालीन गुफाचित्रों की कलात्मक अनुकृतियां भी हैं जिनसे उस वक्त के इंसान की जिन्दगी, दिनचर्या और प्रकृति के करीब होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। गुफाचित्रों की लगभग एक हजार रंगीन अनुकृतियां संग्रहालय की कलादीर्घा का प्रमुख आकर्षण हैं, जिन्हें पिछले 4 दशकों में देश के 400 से अधिक शिलाश्रयों और गुफाओं में जाकर जलरंगों से हस्तनिर्मित कागजों में अनुकृत किया गया है। आद्यौतिहासिक और ऐतिहासिक कालों के शिल्प, ईटें, मृदमाण्ड, आठ पाषाण वीर स्तम्भ, दो दर्जन से अधिक प्राचीन कृषि उपकरण इस संग्रहालय में देखने को मिलते हैं। अतीत और वर्तमान समय का प्रतिनिधित्व करती वस्तुओं में पाण्डुलिपियाँ, लघु पुस्तक चित्र, बहुमूल्य पुस्तकें, बाँस, रिंगाल, लकड़ी, पत्थर, लोहा, ताँबा व काँसे के बर्तन, वाद्य यंत्र, लोक देव प्रतिमाएँ, वस्त्र, विशाल झंडे, विवाह अलंकरण और हजारों पुराने सिक्के भी इस संग्रहायल में देखे जा सकते हैं। कुछ सिक्के तो 2 हजार वर्षों से भी प्राचीन हैं। पर्वतीय समाज की वस्तुविनिमय प्रणाली में प्रयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के मापक इस संग्रहालय की बहुमूल्य धरोहर हैं। विलुप्त हो चुकी पारम्परिक कुमाऊँनी काष्ठ कला के नायाब नमूने व इनसे जुड़े चित्र, पारम्परिक कुमाऊँनी चित्रकला ऐपण के नायाब नमूनों को इस संग्रहालय में देखा जा सकता है। लोक संस्कृति संग्रहालय में सजोई गयी प्रत्येक वस्तु मानव विकास की एक अनोखी कहानी को बयांन करती हैं। लोक कला और संस्कृति का प्रसार एवं प्रशिक्षणः अब यह संग्रहालय केवल एक संग्रहालय न होकर लोक संस्कृति का एक केन्द्र बन गया है। यहाँ हर किसी के सीखने के लिए बहुत कुछ है। यहाँ शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, समाज कार्य विशेषज्ञों, कला प्रेमियों, विद्यार्थियों और बच्चों के लिए समय-समय पर कार्यशालाओं एवं प्रर्दशनियों का आयोजन भी किया जाता है। इसके साथ ही संग्रहालय देखने के इच्छुक व्यक्ति ग्रीष्म काल में प्रातः 10 से सायं 5 बजे तक और शीतकाल में प्रातः 11 से सायं 4 बजे तक संग्रहालय में आ सकते हैं। संग्रहालय के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.baatpahaadki.com/ पर विजिट करें। विजिट के लिए अपना स्लाट बुक कराएँ डॉ. सुरेश मठपाल मोबाइल नम्बर +91 9412094613 पता: "लोक संस्कृति संग्रहालय" गीताधाम भीमताल (नैनीताल) उत्तराखंड प्रस्तुति: पंकज सिंह बिष्ट CCRT Fellow और पत्रकार मुक्तेश्वर (नैनीताल)