У нас вы можете посмотреть бесплатно प्रियंका गांधी और पप्पू यादव दोनों नजर आए एक ही मंच पर — क्या बिहार चुनाव में नया समीकरण?” или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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नमस्कार दोस्तों! आप देख रहे हैं न्यूज़ ट्वैंटी फोर मीडिया, बिहार चुनावी माहौल अब पूरी तरह गर्म हो चुका है। इसी बीच एक बड़ा राजनीतिक नज़ारा देखने को मिला— जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख व सांसद पप्पू यादव एक ही मंच पर नज़र आए। क्या यह सिर्फ एक चुनावी संयोग था, या फिर किसी नए गठबंधन की शुरुआत का संकेत? आज की रिपोर्ट में हम इसी पर करेंगे पूरी चर्चा — प्रियंका और पप्पू के भाषणों के अहम बिंदु, महागठबंधन की रणनीति, और बिहार की राजनीति का बदलता समीकरण। बिहार के बेगूसराय ज़िले के बछवाड़ा में प्रियंका गांधी का मेगा रोड शो और जनसभा हुई, जहाँ उनके साथ मंच पर पहुंचे पप्पू यादव। दोनों नेताओं ने जनता से सीधे संवाद किया और केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में कहा— प्रधानमंत्री जी, मैं आपको एक सुझाव देना चाहती हूं — एक अपमान मंत्रालय बना दीजिए! जो हर दिन किसी न किसी का अपमान करता है, वो उसका प्रमुख होगा।” प्रियंका ने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता में बने रहने के लिए धर्म और नफ़रत की राजनीति करती है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे लोगों को वोट दें जो संविधान और आम लोगों के अधिकारों की रक्षा करें। प्रियंका गांधी के भाषण के बाद पप्पू यादव को भी बोलने का मौका मिला, जो खुद प्रियंका गांधी के बुलावे पर मंच से संबोधित हुए। उन्होंने कहा— “प्रियंका गांधी ग़रीबों की उम्मीद हैं। यह लड़ाई सत्ता पाने की नहीं, नफ़रत फैलाने वालों के ख़िलाफ़ है। अब बात करते हैं उस राजनीतिक समीकरण की जो इस मंच के पीछे छिपा है। बिहार में इस बार महागठबंधन यानी INDIA ब्लॉक चुनाव मैदान में है, जिसमें राजद, कांग्रेस, वाम दल, और VIP पार्टी शामिल हैं। मुख्यमंत्री पद का चेहरा तेजस्वी यादव हैं, जबकि कांग्रेस 60 से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। घोषणापत्र में “हर परिवार से एक नौकरी”, महिलाओं को ₹1500 पेंशन और किसान ऋण माफी जैसे वादे शामिल हैं। प्रियंका गांधी और पप्पू यादव का एक मंच पर आना कांग्रेस और स्थानीय नेताओं के बीच एकता का संकेत माना जा रहा है। लेकिन दूसरी ओर, NDA भी अपनी रैलियों और पीएम मोदी के रोडशो से माहौल बनाने में जुटा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह साथ मिलकर प्रचार करना बिहार की चुनावी तस्वीर पर असर डाल सकता है— खासकर सीमांचल और मिथिलांचल जैसे इलाकों में। तो क्या प्रियंका गांधी और पप्पू यादव का यह मंच बिहार की राजनीति का समीकरण बदल देगा? या यह सिर्फ एक चुनावी रणनीति भर है? आपकी क्या राय है, नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए। अगर वीडियो पसंद आए तो Like, Share और Subscribe करना न भूलें ताकि देश–प्रदेश की हर बड़ी खबर आप तक सबसे पहले पहुँचे। आज के लिए बस इतना ही, फिर मिलेंगे एक नई खबर के साथ मैं हूँ आकाश मौर्य, और आप देख रहे हैं News24Media — सच दिखाने की हमारी प्रतिबद्धता जारी रहेगी।