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🌟 कनकधारा स्तोत्र की कथा 🌟 घटना का आरंभ: बाल संन्यासी शंकराचार्य एक दिन भिक्षाटन करते हुए एक अत्यंत निर्धन ब्राह्मण के घर पहुँचे। उन्होंने 'भिक्षां देहि' (भिक्षा दो) कहकर आवाज़ लगाई। ब्राह्मणी का संकोच: घर की स्वामिनी, एक ब्राह्मणी, बहुत लज्जित और दुखी हुईं। उनकी गरीबी इतनी अधिक थी कि घर में अतिथि को देने के लिए अन्न का एक दाना तक नहीं था। वे संन्यासी को बिना भिक्षा दिए खाली हाथ लौटाना नहीं चाहती थीं, पर उनके पास कुछ भी नहीं था। अद्भुत दान: बहुत खोजने के बाद उन्हें घर के एक कोने में केवल एक सूखा आँवला (आमलक) मिला। अत्यंत करुणा और संकोच के साथ, उन्होंने वही सूखा आँवला शंकराचार्य जी को भिक्षा के रूप में दे दिया। शंकराचार्य का हृदय परिवर्तन: शंकराचार्य ने जब उस ब्राह्मणी की दीन-हीन दशा देखी और उनके पास भिक्षा देने के लिए केवल एक सूखा आँवला ही पाया, तो उनका हृदय करुणा से भर गया। स्तोत्र की रचना: उस निर्धन परिवार की दरिद्रता को दूर करने के लिए, शंकराचार्य ने तत्काल वहीं खड़े होकर, धन की देवी महालक्ष्मी का आवाहन करते हुए, अठारह श्लोकों का एक स्तोत्र संस्कृत में रचा। यह स्तोत्र अत्यंत भावपूर्ण था, जिसमें उन्होंने माँ लक्ष्मी की स्तुति की और उस निर्धन ब्राह्मणी पर कृपा करने की प्रार्थना की। देवी लक्ष्मी का प्रकट होना: शंकराचार्य के शुद्ध भाव और तीव्र स्तुति से प्रसन्न होकर, माता लक्ष्मी उनके सामने प्रकट हुईं। देवी का तर्क: माँ लक्ष्मी ने शंकराचार्य से कहा कि इस परिवार ने अपने पूर्वजन्म के कर्मों के कारण ऐसी दरिद्रता भोगने का प्रारब्ध बनाया है, इसलिए मैं उनकी सहायता नहीं कर सकती। शंकराचार्य की प्रार्थना: इस पर शंकराचार्य जी ने तर्क दिया, "हे माँ! इस ब्राह्मणी ने अपनी चरम निर्धनता के बावजूद, मुझे यह सूखा आँवला दान किया है। यह दान उनके सभी पिछले पापों को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है। यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं, तो इस दान के पुण्य के कारण आप इन पर कृपा करें और इनकी दरिद्रता दूर करें।" सोने की वर्षा: शंकराचार्य के अटल विश्वास और करुणा से भरे शब्दों को सुनकर माँ लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न हुईं। उन्होंने तुरंत उस ब्राह्मण के घर में स्वर्ण (सोने) के आंवलों की वर्षा कर दी। इस घटना के बाद, इस स्तोत्र को कनकधारा स्तोत्र (कनक = सोना, धारा = वर्षा) के नाम से जाना जाने लगा। मान्यता है कि यह स्तोत्र दरिद्रता को दूर करने और धन-समृद्धि प्रदान करने वाला एक अतिशीघ्र फलदायी उपाय है।