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सुखकर्ता - दुःखहर्ता आरती मराठी | Sukh Karta Dukh Harta | Ganpati Aarti | Sukhkarta Dukhharta Ganpati Aarti | Sukhkarta Dukhharta Full Aarti | BhaktiShakti | Devotional Songs | BhaktiShankti Songs सुखकर्ता दुःखहर्ता (गणपती आरती) - जय देव जय देव || JAI DEV JAI DEV - SUKH KARTA DUKH HARTA (AARTI) Sukhkarta Dukhharta | Shendur Lal Chadhayo | Shankar Aarti | Durge Durgat Bhari | Ghalin Lotangan Sukhkarta Dukhharta (Traditional) is a Marathi Ganpati Aarti (spiritual song), dedicated to the most favorite Hindu deity, Lord Ganesha. This Ganpati aarti 'Sukh Karta, Dukh Harta' refers to Him as someone who takes away all pains and sorrows and in return blesses us with love and happiness. This Aarti, written in Marathi is a vital part of all Hindu Maharashtrian rituals. Now you can sing along with the help of the lyrics in the video. सुखकर्ता दुखहर्ता (पारंपरिक) एक मराठी गणपति आरती (आध्यात्मिक गीत) है, जो सबसे पसंदीदा हिंदू देवता भगवान गणेश को समर्पित है। यह गणपति आरती 'सुखकर्ता, दुख हर्ता' उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में संदर्भित करती है जो सभी दर्द और दुखों को दूर करता है और बदले में हमें प्यार और खुशी का आशीर्वाद देता है। मराठी में लिखी गई यह आरती सभी हिंदू महाराष्ट्रीयन अनुष्ठानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अब आप वीडियो में दिए गए बोलों की मदद से इसे गा सकते हैं। Sukhkarta Dukhharta Aarti lyrics सुखकर्ता दु:खहर्ता वार्ता विघ्नाची नुरवी, पुरवी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति जय देव जय देव रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा हिरेजडित मुकुट शोभतो बरा रुणझुणती नूपुरें चरणी घागरिया जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति जय देव जय देव लंबोदर पीतांबर फणिवर वंदना सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना दास रामाचा वाट पाहे सदना संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवरवंदना जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति जय देव जय देव घालीन लोटांगण वंदीन चरण डोळ्यांनी पाहिन रूप तुझे प्रेमें आलिंगीन आनंद पूजन भावे ओवाळिन म्हणे नामा त्वमेव माता पिता त्वमेव त्वमेव बन्धु: सखा त्वमेव त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देवदेव ।। कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा । बुध्यात्मना वा प्रकृति स्वभावात् । करमि यद्यत् सकलं परस्मै । नारायणायेती समर्पयामि ।। अच्युतं केशवं राम नारायणम् कृष्णदामोदरं वासुदेवं भजे। श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभम् जानकीनायकं रामचंद्र भजे ।। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।। ।। मंगलमुर्ती मोरया ।। ।। गणपतिबाप्पा मोरया ।। #ganesha #aarti #sukhkartadukhharta #devotional