У нас вы можете посмотреть бесплатно सौन्दर्य लहरी l Saundary Lahri with Hindi Meaning l Adi Shankaracharya l Madhvi Madhukar или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
श्रीमद्भगवत्पाद जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने सौन्दर्यलहरी स्तोत्र में श्री आदि शक्ति मूलमाया एवं शुद्ध विद्या का तात्विक, यौगिक, और प्राकृतिक सगुणरुप का, रसगर्भित, भक्तिपूर्ण, व मनोहर वर्णन किया है। भगवत्पाद ने जो अनेक ग्रंथ तात्विक और धार्मिक विषय के लिखे हैं, उनमें 'सौन्दर्यलहरी' एक संकीर्ण स्तोत्र है, जिस की रचना भगवत्पादने बाल्यावस्था में ही की थी, ऐसा श्लोक ७५ और १०० से प्रकट होता है। आनंद लहरी में पहले 41 श्लोक हैं और सौंदर्य लहरी में अगले 59 श्लोक हैं. आनंद लहरी का अर्थ है खुशी की लहरें और सौंदर्य लहरी सिर से पैर तक देवी की सुंदरता को दर्शाती हैl "सौन्दर्य लहरी” श्री भगवत्पाद आद्य शङ्कराचार्य द्वारा रचित एक प्रासादिक स्तोत्र है जिसके पाठ से अनेक साधकों का महान कल्याण हुआ है। श्री जगजननी आदिशक्ति महात्रिपुर सुन्दरी के प्रकाश से यह सकल चर अचर प्रकाशित है। माँ की इस स्तुति से साधक शिशुओं के हृदय में अपार शान्ति एवं अपूर्व तेज और ओज का दिव्य समावेश होता है- यह अनेकों का अनुभव है। आदौ गणपतिं नत्वा, नत्वा शिवं जगद्गुरुम् । आचार्य शंकरं नत्त्रा भजे त्रिपुरसुन्दरीम् ।। सौन्दर्य लहरी १०३ श्लोकों का एक बृहत् स्तोत्र है जो श्री १००८ आदि शंकराचार्य शंकर भगवत्पाद का विरचित है। इस स्तोत्र में भगवती की स्तुति की गई है। कबिता और साहित्य की दृष्टि से भी इसका स्थान ऊंचा है। परन्तु विबर्तवाद के प्रवर्तक की लेखनी से निकला हुवा यह स्तोत्र तांत्रिक उपासना के रहस्यों पर प्रकाश डालता है और साथ ही प्रक्रियात्मक योग साधन की आवश्यकता सिद्ध करता है, इसलिये साधकों के लिये इसका विशेष महत्व है। सौन्दर्य लहरी की विशेषता इस बात में है कि केनोपनिषद की बहुशोभमाना उमा हैमवती, अथवा पुराणों की उमा हिमशैल-सुता पार्वती के मानुषी स्त्री रूप को सामने रखते हुए भी उसे सृष्टि की आदि कारण भूता शक्ति, योगियों की षट्चक्राधिष्ठात्री कुण्डलिनी शक्ति, तांत्रिक श्री चक्रस्थ श्री विद्या की अधिदेवता महात्रिपुरसुन्दरी, और सकल ब्रह्माण्ड में स्थूल रूप से स्वयं व्यक्त होने वाली विराट अधिभूता शक्ति का निर्गुण ब्रह्म की सत् चित् आनन्द से अभिव्यक्त होने वाली चिति अर्थात चिन्मयी शक्ति के साथ समन्वय करके अद्वैतवाद का ही प्रतिपादन किया गया है। Song Credits Song : Saundarya Lahri Lyrics : Adi Shankaracharya Singer : Madhvi Madhukar Jha Music label: SubhNir Productions Music Director: Nikhil Bisht, Rajkumar Flute : Kiran Kumar