У нас вы можете посмотреть бесплатно तुलसी महारानी की महिमा कथा 1 -Glories of Tulasi Maharani - Part 1 (in Hindi) -Bhakti Rasamrita Swami или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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इस दिव्य प्रवचन के दूसरे भाग में परम पूज्य भक्ति रसामृत स्वामी महाराज ने तुलसी महारानी की भक्ति में भूमिका, उनके आध्यात्मिक महत्त्व, और श्रील प्रभुपाद द्वारा दिए गए तुलसी-संबंधी उपदेशों का विस्तृत वर्णन किया। महाराज ने बताया कि तुलसी महारानी केवल एक पवित्र पौधा नहीं हैं — वे भक्ति की मूर्तिमान देवी हैं, जो भगवान के चरणों में सदैव स्थित रहती हैं और शुद्ध भक्तों के हृदय में निवास करती हैं। इस प्रवचन में महाराज ने विस्तार से निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की 👇 🌿 तुलसी महारानी का भक्ति में महत्त्व — शास्त्रों में तुलसी को भगवान की प्रिया कहा गया है। बिना तुलसी पत्र के भगवान की पूजा अधूरी मानी जाती है। 📖 श्रीमद्भागवतम् (3.15.44) — चतुष्कुमारों के जीवन में तुलसी के दर्शन और स्पर्श से भक्ति का जागरण हुआ। यह बताता है कि तुलसी देवी का स्पर्श ही हृदय को परिवर्तित कर सकता है। 🕉️ श्रील प्रभुपाद के तुलसी पर उपदेश — महाराज ने बताया कि प्रभुपाद ने भक्तों को सिखाया कि तुलसी की सेवा और उनके प्रति श्रद्धा, भक्ति का अनिवार्य अंग है। तुलसी महारानी भक्ति की पवित्रता का प्रतीक हैं। 💫 तुलसी और चंदन का भगवान के चरणों में अर्पण — जब तुलसी पत्र और चंदन भगवान के चरणों में अर्पित किए जाते हैं, तो भक्त को अनंत पुण्य, मन की शुद्धि और भक्ति की वृद्धि प्राप्त होती है। 🌺 लक्ष्मी देवी द्वारा तुलसी का गुणगान — लक्ष्मीजी स्वयं तुलसी महारानी की स्तुति करती हैं क्योंकि तुलसी सदैव भगवान के चरणों में स्थित रहती हैं। वे सेवा, नम्रता और समर्पण की प्रतीक हैं। 📿 श्रील प्रभुपाद द्वारा दिए गए तीन तुलसी मंत्र — 1️⃣ “वृन्दाय तुलसीदेव्याय प्रियाय केशवस्य च।” — तुलसी महारानी को प्रणाम करने का मंत्र। 2️⃣ “ॐ तुलसी अमृतजनमसि सदा केशवप्रिय।” — तुलसी दल को तोड़ते समय बोला जाने वाला मंत्र। 3️⃣ “यानि कानि च पापानि ब्रह्महत्यादिकानि च।” — तुलसी की सेवा से पापों के शुद्ध होने का स्मरण। 💎 तुलसी दल तोड़ने के नियम — महाराज ने समझाया कि तुलसी दल निकालते समय सावधानी और श्रद्धा का भाव आवश्यक है। यह कर्म नहीं, बल्कि सेवा और भक्ति का कार्य है। 🎶 तुलसी आरती एवं उसका भावार्थ — महाराज ने स्वयं तुलसी आरती का गायन किया और उसका अर्थ बताया — तुलसी आरती का प्रत्येक शब्द सेवा, समर्पण और भक्ति के भाव से ओतप्रोत है। यह प्रवचन तुलसी महारानी की सेवा का गूढ़ रहस्य खोलता है और बताता है कि तुलसी के बिना भक्ति अधूरी है — क्योंकि वे भगवान और भक्त के बीच प्रेम का सेतु हैं। 4 November 2025 ISKCON Belagavi #BhaktiRasamritaSwami #TulsiMaharani #TulsiDevi #TulsiMahima #TulsiAarti #SrilaPrabhupada #TulsiMantra #BhaktiYoga #KrishnaBhakti #HareKrishna #ISKCON #SpiritualWisdom #BhaktiLife #VaishnavaTradition #BhaktiRasamritaSwamiMaharaj #VedicCulture #Devotion #TulsiPuja #TulsiVivah #ChaitanyaMahaprabhu #DivineService #VedicSpirituality For more information regarding His Holiness Bhakti Rasamrita Swami Maharaja and his various projects, kindly visit: https://www.bhaktirasamritaswami.com Follow us on:– Facebook: / hhbhaktirasamritaswami Instagram: / bhaktirasamritaswami Telegram: https://t.me/bhaktirasamritaswami Whatsapp: https://www.whatsapp.com/channel/0029... Social media: https://linktr.ee/BRSmediaseva