У нас вы можете посмотреть бесплатно 17-3-2025"आज की मुरली Text with Audio"17 March 2025 Today's Murli in Hindi,Aaj ki murli"Bk Aruna". или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
17-03-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा"' मधुबन“मीठे बच्चे - पढ़ाई ही कमाई है, पढ़ाई सोर्स ऑफ इनकम है, इस पढ़ाई से ही तुम्हें 21 जन्मों के लिए खजाना जमा करना है'' प्रश्नः-जिन बच्चों पर ब्रह्स्पति की दशा होगी उनकी निशानी क्या दिखाई देगी? उत्तर:-उनका पूरा-पूरा ध्यान श्रीमत पर होगा। पढ़ाई अच्छी तरह पढ़ेंगे। कभी भी फेल नहीं होंगे। श्रीमत का उल्लंघन करने वाले ही पढ़ाई में फेल होते हैं, उन पर फिर राहू की दशा बैठ जाती है। अभी तुम बच्चों पर वृक्षपति बाप द्वारा ब्रहस्पति की दशा बैठी है। गीत:-इस पाप की दुनिया से ...... मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते। धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) इस पुरानी दुनिया को देखते हुए बुद्धि का योग बाप वा नई दुनिया तरफ लगा रहे। ध्यान रहे - कर्मेन्द्रियों से कोई विकर्म न हो जाए। हमेशा शुद्ध कर्म करने है, अन्दर कोई बीमारी है तो सर्जन से राय लेनी है। 2) संगदोष बहुत खराब है, इससे अपनी बहुत-बहुत सम्भाल करनी है। अपने को और परिवार को सुखदाई बनाना है। पढ़ाई के लिए कभी बहाना नहीं देना है। वरदान:-श्रेष्ठ भावना के आधार से सर्व को शान्ति, शक्ति की किरणें देने वाले विश्व कल्याणकारी भव जैसे बाप के संकल्प वा बोल में, नयनों में सदा ही कल्याण की भावना वा कामना है ऐसे आप बच्चों के संकल्प में विश्व कल्याण की भावना वा कामना भरी हुई हो। कोई भी कार्य करते विश्व की सर्व आत्मायें इमर्ज हों। मास्टर ज्ञान सूर्य बन शुभ भावना वा श्रेष्ठ कामना के आधार से शान्ति व शक्ति की किरणें देते रहो तब कहेंगे विश्व कल्याणकारी। लेकिन इसके लिए सर्व बन्धनों से मुक्त, स्वतंत्र बनो। स्लोगन:-मैं पन और मेरापन - यही देह अभिमान का दरवाजा है। अब इस दरवाजे को बन्द करो। अव्यक्त इशारे - सत्यता और सभ्यता रूपी क्लचर को अपनाओ सत्यता की परख है संकल्प, बोल, कर्म, सम्बन्ध-सम्पर्क सबमें दिव्यता की अनुभूति होना। कोई कहते हैं मैं तो सदा सच बोलता हूँ लेकिन बोल वा कर्म में अगर दिव्यता नहीं है तो दूसरे को आपका सच, सच नहीं लगेगा इसलिए सत्यता की शक्ति से दिव्यता को धारण करो। कुछ भी सहन करना पड़े, घबराओ नहीं। सत्य समय प्रमाण स्वयं सिद्ध होगा। © Copyright 2025, Brahma Kumaris