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पाइल्स, जिसे बवासीर भी कहते हैं, मलाशय और गुदा की सूजी हुई नसें हैं। ये दो प्रकार की होती हैं: आंतरिक और बाहरी। आंतरिक पाइल्स गुदा के अंदर होती हैं और आमतौर पर दर्द रहित होती हैं, जबकि बाहरी पाइल्स गुदा के पास की त्वचा के नीचे होती हैं और अधिक दर्दनाक हो सकती हैं। लक्षणों में खुजली, दर्द, मल त्याग के दौरान रक्तस्राव, और गुदा के पास गांठें शामिल हैं। पाइल्स के प्रकार आंतरिक पाइल्स: मलाशय के अंदरूनी हिस्से में होती हैं। ये अक्सर दर्द रहित होती हैं, लेकिन मल त्याग के दौरान रक्तस्राव हो सकता है। ये बाहर तक निकल सकती हैं और संवेदनशील हो सकती हैं। बाहरी पाइल्स: गुदा के आसपास की त्वचा के नीचे स्थित होती हैं। ये अधिक दर्दनाक होती हैं और सूजन या जलन पैदा कर सकती हैं। इनमें रक्त के थक्के (थ्रोम्बोस्ड पाइल्स) बन सकते हैं, जिससे गंभीर और अचानक दर्द हो सकता है। पाइल्स के कारण लंबे समय तक बैठे रहना: खासकर शौचालय में। कब्ज या दस्त: बार-बार होने वाली कब्ज या दस्त के कारण। मल त्याग करते समय जोर लगाना: जिससे नसों पर दबाव पड़ता है। गर्भावस्था: हार्मोनल बदलाव और पेट पर दबाव के कारण। मोटापा: अत्यधिक वजन से शरीर पर दबाव पड़ता है। कम फाइबर वाला आहार: भोजन में फाइबर की कमी से मल कठोर हो सकता है। भारी सामान उठाना: लगातार भारी वजन उठाने से। पाइल्स के लक्षण मल त्याग के दौरान दर्द। गुदा के आसपास खुजली, लालिमा और सूजन। गुदा के पास गांठ या उभार जो संवेदनशील हो सकता है। मल त्याग करने के बाद भी पेट पूरी तरह खाली न होने का एहसास। मल के साथ या बाद में रक्तस्राव (टॉयलेट पेपर पर या टॉयलेट में)। गुदा से बलगम का निकलना। मल त्याग की बार-बार इच्छा होना, लेकिन मल न निकलना। उपचार घरेलू उपचार: फाइबर युक्त भोजन और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना, नियमित व्यायाम करना, और लंबे समय तक बैठने से बचना। दवाएं: डॉक्टर की सलाह पर दर्द और सूजन कम करने वाली दवाएं ली जा सकती हैं। सर्जरी: गंभीर मामलों में, सर्जरी जैसे लेजर सर्जरी, हेमरॉयडेक्टॉमी या स्टेपल्ड हेमरॉयडेक्टॉमी जैसे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।