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Mukteshwar | Uttarakhand Tour | Road Trip From Haldwani To Mukteshwar | Part1| Mukteshwar Kaise Jaye नैनीताल जा रहे हो तो मुक्तेश्वर जरूर जाना, क्यों कि... नैनीताल जिले में घूमने के लिए एक और खूबशुरत जगह है मुक्तेश्वर। मैंने 'गेटवे ऑफ कुमाऊं ’यानी हल्द्वानी से अपनी यात्रा शुरू की। 1. IVRI- 7500 फीट पर स्थित और एक धार्मिक स्थल के रूप में जाने जाते मुक्तेश्वर को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से एक नई पहचान मिली। हाँ। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई)। मुक्तेश्वर मंदिर से ठीक पहेले आईवीआरआई आता है. ये एशिया का दूसरे नंबर का सबसे बडा शोध संस्थान है। यह 1889 में पुणे से यहां स्थानांतरित किया गया था जब जानवरो में प्लेग फेला था। अभी यहां कोरोना का रिसर्च चल रहा है। जिसकी वजह से अंदर जाने की अनुमति नहीं मिल सके। मुझे थोड़ा अफ़सोस हुआ लेकिन कोई बात नहीं । 2. मुक्तेश्वर मंदिर मुक्तेश्वर नैनीताल से 51 किमी और हल्द्वानी से 72 किमी की दूरी पर है। मुक्तेश्वर उत्तराखंड का फ्रूट बेल्ट है। मुक्तेश्वर का नाम 5350 साल पुराने शिव मंदिर के नाम पर रखा गया है जो 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जिम कॉर्बेट ने अपनी कहानी में जिस जगह पर वन्यजीवों का वर्णन किया है वह यही का जंगल है। यहां का शिवलिंग सफेद रंग का है। ऐसा माना जाता है कि यहां जो भी आप मांगते हैं वह पूरा होता है। यह देश में शिव के 18 मुख्य मंदिरों में से एक माना जाता है। यहाँ भगवान शिव ने एक राक्षस का वध किया और उसे मुक्त किया, इसलिए इसका नाम मुक्तेश्वर पड़ा। मंदिर में प्रवेश करने से पहले, माल्टा (नारंगी का एक प्रकार) और किन्नू (किन्नौर में उगाया जाने वाला फल) से थेले मिलते है। मुझ से रहा नहीं गया क्योंकि मुझे माल्टा और किन्नू दोनों ही पसंद हैं इसलिए मैंने मंदिर जाने से पहले ही उसला लूफ्त उठा लिया था। यदि आप जाते हैं, तो इन दो फलों का आनंद जरुर उठाना। 3. चोली की जाली मंदिर के बाईं ओर एक पहाड़ी है। सीधी चढ़ाई और चट्टान पर चढ़ने की कोई संभावना नहीं है। इसके शीर्ष पर एक छोटा सा छेद है ये इतना छोटा हे के एक सिंगल पसली का इन्सान बडी मुश्केल से इसमे से निकल पाये। जिसका नाम 'चोली की जाली ’ है। चोली का अर्थ है चट्टान और जाली का अर्थ है छेद। चोली की जाली ’से लगभग 4 से 5 हज़ार फीट नीचे एक जटा मंदिर है। 'चोली की जली' की मान्यता यह है कि जो महिलाएं निःसंतान होती हैं। वह शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर जटा मंदिर के कुंडमे स्नान करने के चल के चोली की जाली तक आती हैय और इस चोली की जाली ’(हॉल) से गुजरती है और मुक्तेश्वर मंदिर में एक पेड़ पर धागा बांधती है। चोली की जाली मुझ से केवल 10 कोट दूर थी और मेरा पैर फीसला था। उसके बाद मेने उस के एक दम पास जाने की हिंमत न की बल 5 कदम की दुरी से जीतना भी दिखा उतने मे मेने संतोष मान लीया, लेकिन मे बहुं खुश थी ये जगह से दिखने वाले नजारे को देख कर। क्योंकि बहुत अधिक प्रयास मुझे सीधे रसातल(वेली) में ले जा सकते थे। वैसे पूरी कुमाऊं घाटी मुक्तेश्वर मंदिर और चोली की जाली से दिखाई देती है। इस अद्भुत दृश्य को देखकर मुझे जोर से चिल्ला के उछल कर अपने आनंद को व्यक्त करने का मन कीया था. माने मेने जन्नत देखली हो। 'चोली की जाली' देखने के लिए जब मे चट्टान पर चढ़ रही थी। तब मैंने अपनी बाईं तरफ एक शानदार घर के खंडहर को देखा। यह घर 100 से 150 साल पुराना है। मुझे ये जान के बहुत आश्चर्य हुआ ओर मज़ा आया कि इस घर को बनाने के लिए किसी भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था। यह पत्थरों से बना था। दो पत्थरों के बीच सीमेंट के बजाय लोकल दाल और आटे का पेस्ट इस्तेमाल किया गया था। इस घर मे सालों से अंग्रेज रहे और फिर आईवीआरआई के अधिकारियों का ये निवास स्थान बना। और कई सालों तक यह बिना किसी देखभाल के कारण बर्बाद हो गया है। 4. ज़ीरो पॉइंट मुक्तेश्वर में एक ज़ीरो पॉइंट भी है। जहां से हिमालयन की रेंज दिखाई देती है। पूरी गढ़वाल रेंज, नंदा घुंटी, त्रिशूल, त्रिशूल पूर्व, नंदा देवी, नंदा देवी पूर्व, नंदा कोर्ट और पंचचुली यहीं से दिखाई देती है। मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा है। अगली बार आप जब भी नैनीताल आने का सोचे तो मुक्तेश्वर जरुर आना क्योंकि यह एक हिल स्टेशन भी है। मे गुजराती हुं तो भोजन प्रेम तो मेरे खून मे है. मैं हंमेशा ट्रावेल के समय स्थानीय भोजन आनंद उठाने का हंमेशा प्रयास करती हुं. तो मेरी तरह आप भी अगर कुमाऊं रेंज में जाते हैं, तो कुमाऊं नी थाली को ज़रूर आज़माएँगा। मेरी गारंटी है कि आपको बहुत मज़ा आएगा। जिसमें Aloo Ke Gutke, Bhatt Ke Dukke, Kumaoni Jolly, Bhatt Ki Churkhani (Dal), Gahat Dal, Palak Ka Kapa, Madua Roti और उनका खीरे का रायता भी बडा अनोखा होता है तो Kheer ka Raita और bhang chutney का एक बार जरुर लूफ्त उठाइयेगा। ताकी आपको बाद मे पछतावा ना हो। Mukteshwar Mandir Mukteshwar Dham Pathankot Mukteshwar Dham Temple Mukteshwar Kaise Jaye How To Reach Mukteshwar #Thetrekkingshoes #Mukteshwar #Uttarakhand #CholiKiJali #Nainital #mukteshwardham #IVRI Remember to LIKE, Comment, Share & SUBSCRIBE to the channel The TrekkingShoes :) Let's connect on Social Media? Enquiry: [email protected] Follow us on Facebook : / dharmishtha.patel.505 Follow us on Instagram : https://instagram.com/thetrekkingshoe... Follow us on Twitter : / ttrekkingshoes @TTrekkingshoes Also, see : Kasar Devi • Kasar Devi is Best Place For Meditati... Laatu Devta Mandir • Laatu Devta Mandir : Wan : MY 365 Days