У нас вы можете посмотреть бесплатно कैसे जानें कि ध्यान लगा? गुरूमंत्र कैसे आत्मा जगाएगा? क्रिया और ध्यानयोग में अंतर,क्या गुरु शरीर है? или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
Jai Shree Gurudev🙏 नये सधको के अनेक प्रश्नों के लिए ये वीडियो है। गुरुदेव के ब्रह्मलीन होने के 2 साल बाद मुझे आत्म जागृति प्राप्त हुई और मैं कभी गुरुदेव से भौतिक रूप से नहीं मिला। गुरु शरीर नहीं है वो सत्य स्वरूप है। सब परिवर्तन मंत्र से आता है गुरु मंत्र में प्राण के रूप में रहते हैं। My name is Rajshiv. I am siddhayoga practitioner. I do satsang on the basis of my own experiances and transformation. मेरा नाम राजशिव है मैं एक सिद्ध योग साधक हूँ मैं नियमित सत्संग करता हूँ और जो कुछ भी सत्संग में मैं बात करता हूँ वो मेरे निजी अनुभव और रूपांतरण के आधार पर है। साधना के विषय में अगर आपका कोई प्रश्न हो तो पूछें। सिद्ध योग साधना में आना चाहें तो जानकारी के लिए कमेंट करें। मेरे प्रिय गुरुदेव का नाम समर्थ सद्गुरदेव श्री रामलाल जी सियाग है उनके द्वारा सिद्ध योग साधना निःशुल्क है और घर बैठ के ही दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं। घर में बैठ के नाम जाप और ध्यान कीजिए सारा परिवर्तन नाम जाप से आएगा गुरु जी की तस्वीर जीवित तस्वीर है उसी तस्वीर का नियमित सुबह शाम ध्यान करना है। नाम जाप मन मन में करना है। गुरुजी जो मंत्र देते हैं वो संजीवनी मंत्र है इससे त्रिविध ताप शांत होते हैं और भौतिक शांति स्थापित होती है। संजीवनी मंत्र के लिये आप यूट्यूब पर गुरुदेव रामलाल जी सियाग के नाम से सर्च कीजिए या मुझे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जानिए या मुझे 8777211139 पे ह्वाट्सऐप मेसेज करें। मैं आपको सारी जानकारी भेज दूँगा। सरल साधना है कुछ भी छोड़ना नहीं है व्यक्तिगत जीवन जीते हुए आध्यात्मिक परिवर्तन आ जाता है और मोक्ष पद की प्राप्ति नाम जाप से हो जाती है लेकिन उसके लिए चेतना का विकास ध्यान तक ध्यान से समाधि तक आंतरिक रूप से आता है। ये एक यात्रा है ।हो सके तो नियमित सत्संग देखिए आपको धीरे धीरे इसकी जानकारी हो जाएगी। ये अंतिम दीक्षा है क्योंकि साधक समाधि तक विकसित हो जाता है। सच्चा गुरु आंतरिक है वो आपके अंदर है। सत्संग सहयोग निवेदन। सत्संग और प्रचार को नियमित रूप से चलाये रखने के लिए आर्थिक सहयोग की हमेशा आवश्यकता रहती है। जो भी सत्संग सहयोग से जुड़ना चाहें वो मुझे 8777211139 पे संपर्क कर सकते हैं । आपका सहयोग मुझे भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन बनाये रखने में सहायता करेगा और मैं गुरु कार्य निश्चिंत होकर करता रहूँगा।