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THIS VIDEO TELL ABOUT THE COMMON SONOGRAPHY FINDINGS OG HYDRONEPHROISSI IN COMMON HINDU LANGUAGE. #hydronephrosis #kidneyswelling #kidneyfailure #bansal hospital हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) क्या है हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) का शाब्दिक अर्थ है- Hydro : water (पानी) Nephrosis : filling up of kidneys (किडनी में भर जाना), अर्थात रुकावट के कारण पानी / मूत्र किडनी में भर जाना। एक ऐसी समस्या है जिसमें किडनी को पेशाब बनाने में परेशानी होती है और वह किसी रुकावट के कारण मूत्राशय तक पेशाब को ठीक से नहीं पहुँचा पाती जिसके कारण किडनी में सूजन आ जाती है। हाइड्रोयुरेटर– इसमें किडनी से मूत्राशय तक पेशाब पहुँचाने वाली मूत्रवाहिनियाँ (ureter) प्रभावित होती हैं। जब मूत्रवाहिनी में आई हुई रुकावट के कारण वे मूत्राशय तक पेशाब को ठीक से नहीं पहुँचा पाती तो उनमें सूजन आ जाती है। हाइड्रोयुरेटरनेफ्रोसिस– इसमें किडनी से मूत्राशय तक पेशाब पहुँचाने वाली मूत्रवाहिनियों (ureter) के साथ-साथ किडनी भी प्रभावित होती हैं। किडनी और मूत्रवाहिनी दोनों में सूजन आ जाने से स्थिति गंभीर हो जाती है। क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) के कारण चूंकि हाइड्रोनेफ्रोसिस एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह उन आंतरिक और बाहरी स्थितियों के कारण उत्पन्न होती है जो किडनी की कार्यक्षमता और मूत्र प्रणाली को प्रभावित करती हैं। इनके अलावा कुछ महत्वपूर्ण कारण है जैसे- अचानक उस मूत्रवाहिनी में रुकावट आ जाना जो किडनी को मूत्राशय से जोड़ती है। इस समस्या का सबसे आम कारण है किडनी की पथरी जिससे मूत्रवाहिनी या किडनी में रुकावट आ जाती है। किसी तरह का धाव या खून के थक्के (blood clots) बन जाना। मूत्रवाहिनी में रुकावट के कारण मूत्र वापस किडनी में जाने लगता है जिससे किडनी में सूजन आ जाती है। मूत्र के इस उल्टे बहाव को (VUR) कहा जाता है। किडनी और मूत्रवाहिनी के संगम (ureteropelvic junction) पर किसी तरह की गाँठ हो जाना। पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना। किसी चोट या जन्म से ही मूत्रवाहिनी का संकुचित होना। गर्भाशय, मूत्राशय या मूत्रवाहिनी का कैंसर क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) के लक्षण- क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) के चरण हाइड्रोनेफ्रोसिस को मुख्य रूप से चार चरणों में बाँटा गया है। न्यूनतम(minimal) ,सौम्य (Mild), मध्यम (Moderate) और गंभीर (Severe)। इन चरणों को किडनी और उसकी मूत्र बनाने की कार्यक्षमता के हिसाब से विभाजित किया गया है, जिनका परीक्षण अल्ट्रासाउंड के द्वारा किया जाता है। क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस के वे चार चरण जिससे मरीज को इलाज कराने में मदद मिलती है- 1.न्यूनतम (minimal)- हाइड्रोनेफ्रोसिस का यह चरण है बहुत ही शुरुआती होता है जिसमें समस्या का अंदाजा भी लगाना मुश्किल होता है। 2. सौम्य (Mild)- हाइड्रोनेफ्रोसिस के इस चरण में किडनी की कार्यक्षमता कुछ ही सीमा तक प्रभावित होती है। यह वह सीमा होती है जो कभी-कभी अपने आप ही ठीक हो जाती है। 3. मध्यम (Moderate)- हाइड्रोनफ्रोसिस केइस चरण मेंआमतौर पर किडनी की कार्यक्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। सौम्य लक्षण दिखते हैं तो इलाज से हाइड्रोनेफ्रोसिस के लक्षणों में बढ़ोत्तरी नहीं होती। 4. गंभीर (Severe)- हाइड्रोनेफ्रोसिस केइस चरण में किडनी की कार्यक्षमता में कमी आ जाती है और इसमें किडनी विफलता (kidney failure) जैसी स्थिति भी आ सकती है। हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) का इलाज हाइड्रोनेफ्रोसिस के लिए मरीज को दिया जाने वाला उपचार मुख्य रूप से मूत्र के प्रवाह में रुकावट पैदा करने वाले कारण से छुटकारा पाने पर केंद्रित होता है। विशेषज्ञ, मरीज की समस्या के कारण और गंभीरता के अनुसार उसके इलाज का निर्धारण करता है। इसके अलावा अगर मरीज को पहले से कोई बीमारी या संक्रमण है तो उसके आधार पर इलाज किया जाता है। स्थितियाँ जिनमें हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) सामान्य है गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान हाइड्रोनेफ्रोसिस या पेशाब में रुकावट की समस्या सामान्य हो सकती है। इस अवस्था में जैसे-जैसे माता के गर्भाशय का आकार बड़ता वैसे ही मूत्र प्रणाली में भी कई बदलाव आते हैं। इन्हीं बदलावो के परिणामस्वरूप हाइड्रोनेफ्रोसिस या पेशाब में रुकावट की स्थिति आ जाती है। आपके मामले में यह स्थिति सामान्य है या नहीं यह विशेषज्ञ तय करता है, इसलिए विशेषज्ञ को दिखाकर ही कुछ फैसला करें। किडनी प्रत्यारोपण के बाद “हाइड्रोनेफ्रोसिस ” सामान्य है। ज्यादातर मामलों में किसी भी इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा अगर मरीज के विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) को इससे कोई समस्या होने की आशंका है तो वह कोई इलाज कर सकता है।