У нас вы можете посмотреть бесплатно जब इंद्र ने कल्पवृक्ष के लिए भगवान कृष्ण से युद्ध कर दिया! | Swami Shri Raghavacharya Ji Maharaj или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
जब इंद्र ने कल्पवृक्ष के लिए भगवान कृष्ण से युद्ध कर दिया! | Swami Shri Raghavacharya Ji Maharaj Swami Shri Raghavacharya Ji Maharaj Official YouTube Account अध्यक्ष: श्रीरामलला सदन देवस्थान ट्रस्ट रामकोट अयोध्या 🚩 ⇝⇝⇝⇝✹✹✹✹✹✹✹⇝⇝⇝⇝ ♬ ❝भक्तिमय श्रीमद् भागवत कथा, श्री राम कथा भजन, रामचरित मानस, भगवान परशुराम जी की कथा, और रामायण के गूढ़ रहस्यों को सुनने के लिए चैनल सब्सक्राइब करें! नई कथाओं की सूचना हेतु बेल आइकन दबाएँ।❞ स्वामी श्री राघवाचार्य जी से जुड़े रहने के लिए: 👉 https://bit.ly/3kS8Kcr #swamiraghvacharya #krishna #indra #kalpavriksha #bhagwatkatha #spirituality #livekatha #ayodhya #divyakatha इस चैनल पर आपको मिलेगा: श्रीराम भजन रामचरित मानस भगवान परशुराम की कथा श्रीमद् भागवत कथा श्रीकृष्ण लीला जगद्गुरु स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज के दिव्य प्रवचन 🆕 नई वीडियो अपडेट्स और लाइव कथा के लिए जुड़े रहें! ⇝⇝⇝⇝✹✹✹✹✹✹✹⇝⇝⇝⇝ 📖 आज का विषय: 🌸 जब इंद्र ने कल्पवृक्ष के लिए भगवान कृष्ण से युद्ध कर दिया 🌸 सारांश: घटना का प्रसंग: एक बार श्रीकृष्ण द्वारका में अपनी प्रिय पत्नी सत्यभामा जी के साथ इंद्रलोक गए। वहाँ उन्हें कल्पवृक्ष दिखाई दिया — वह दिव्य वृक्ष जो हर इच्छा को पूर्ण करता था। इंद्र का अहंकार: इंद्र ने उस वृक्ष को स्वर्ग की शोभा और वैभव का प्रतीक माना। जब श्रीकृष्ण ने उसे पृथ्वी पर लाकर सत्यभामा जी के उपवन में स्थापित करना चाहा, तो इंद्र को यह अपमानजनक लगा — उसने युद्ध की घोषणा कर दी। भगवान की लीला: इंद्र के साथ हुआ वह युद्ध वास्तव में अहंकार के विनाश की लीला थी। श्रीकृष्ण ने सहज भाव से इंद्र को परास्त किया, परंतु उसका सम्मान भी बनाए रखा — यह सिखाने के लिए कि परमात्मा केवल विजय नहीं देते, विनम्रता भी सिखाते हैं। आध्यात्मिक रहस्य: कल्पवृक्ष भक्ति का प्रतीक है — जो भक्त के हृदय में फलता है। इंद्र अहंकार का प्रतीक है — जो सदैव ईश्वर की इच्छा के सामने टिक नहीं पाता। भगवान श्रीकृष्ण की यह लीला बताती है कि संपत्ति और प्रतिष्ठा नहीं, प्रेम और समर्पण ही सच्चा वैभव है। शास्त्रों का संदेश: “अहंकारेण जनो नश्यति।” — अहंकार व्यक्ति के विवेक को हर लेता है, और जो ईश्वर के भक्त पर अहंकार करता है, उसका पतन निश्चित होता है। वीडियो में जानिए: 👉 कल्पवृक्ष की वास्तविक कथा क्या है? 👉 क्यों इंद्र ने भगवान श्रीकृष्ण से युद्ध किया? 👉 इस लीला का आध्यात्मिक संदेश क्या है? 👉 कैसे श्रीकृष्ण ने अहंकार पर विजय पाई? ⇝⇝⇝⇝✹✹✹✹✹✹✹⇝⇝⇝⇝ संपर्क सूत्र: ☎ 9616703209, 9415370651 📜 About Swami Shri Raghavacharya Ji Maharaj & Ramlala Sadan: Shrimadjagadguru Swami Dr. Raghavacharyaji, Peethadishwar – Shridham Ramvarnashram, Ayodhya; Sarvarahkar Mahant – Shri Ramlala Sadan Devasthan Trust. ट्रस्ट श्री रामलला मंदिर के जीर्णोद्धार और Shri Nandani Goshala के विस्तार हेतु समर्पित है — मंदिर को वैदिक एवं आध्यात्मिक केन्द्र बनाने का सतत प्रयास। वर्तमान में संचालित संस्थाएँ (अयोध्या): Shridham Ramvarnashram Ayodhya Shri Ramlala Sadan Devasthan Trust Ayodhya Shri Hanuman Mandir, Ramkot Ayodhya Shriram Janki Mandir, Khodiya Bazar, Dist.–Gonda 🌐 Official Social Profiles (Subscribe & Follow): YouTube | Facebook | Instagram | Twitter | Official Website | Android App Digital Partner: Team Anish Sahasrabudhe ⇝⇝⇝⇝✹✹✹✹✹✹✹⇝⇝⇝⇝ 🙏 राधे राधे! जय सियाराम! धन्यवाद!