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छत्तीसगढ़ बिलासपुर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खुटाघाट डैम जो प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है जो पिकनिक स्पॉट के लिए काफी लोकप्रिय है यहां स्तिथ विशाल जलाशय सैलानियों को अपनी आकर्षित करता है। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻!! नमस्कार दोस्तो !!🙏🏻🙏🏻🙏🏻 स्वागत है आपका मेरे यू ट्यूब चैनल में एक नए वीडियो के साथ आज हम आपको इस vedio के माध्यम से बताएंगे कि खुंटाघाट का नाम खुंटाघाट कैसे पड़ा और खुटाघाट बांध के बारे में संपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं रतनपुर के खुटाघाट जलाशय का निर्माण 1930 में अंग्रेज शासन काल के दौरान करवाया गया था। खुटाघाट बांध का निर्माण में करीब 200 से ज्यादा गांव वालो का भागीदार था। खुटाघाट बांध को संजय गांधी जलाशय के नाम से भी जाना जाता है जिसमे काफी क्षेत्र जल में डूबा हुआ है। खुटाघाट के जलाशय पर एक ऐसे बेहतरीन तरीके से डैम बनाया गया। जिस पर कोई भी व्यक्ति जलाशय से निकलता हुआ पानी को आसानी से देख सकता है साथ ही साथ एक दिशा से दूसरे दिशा पर पैदल डैम के सहारे जलाशय का सौंदर्य का आनंद लेते हुए जा सकता है। खुटाघाट बांध छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर से 10 किलोमीटर की दूरी पर है बिलासपुर से जिसकी दूरी 45 किलोमीटर एवं छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर से 170 किलोमीटर है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन से बस की सुविधा द्वारा रतनपुर पहुंचने के बाद आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस जलाशय का निर्माण खारुन नदी में अंग्रेज शासन काल के दौरान करवाया गया था रतनपुर में स्तिथ खूटाघाट जलाशय विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है बताया जाता है जिस समय इस बांध का निर्माण करवाया गया था उस समय अधिक संख्या में बस्ती इस जलाशय में डूब गया था। इन बस्ती के साथ साथ ही इस जगह पर विशाल क्षेत्र में जंगल ऊंची ऊंची पेड़ पौधे, नदी नाले, पर्वत पहाड़ अपने आप में समेटे हुए है। छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग द्वारा इस जलाशय को पर्यटन स्थल घोषित किया है। खुटाघाट बांध प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण है यहां की शांत वातावरण सैलानियों के मन मोह लेता है। इस बांध की सहायता से आस पास गांव तक सिंचाई एवं पेय जल की सुविधा दूर दूर तक पहुंचाया जाता है। खुंटाघाट डैम अपनी व्यापक सुंदरता के लिए छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यो में भी चर्चित है यह स्थान सैलानियों के मनोरंजन के लिए बहुत बेहतरीन जगह है। खुटाघाट डैम में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में सैलानी यहां की प्राकृतिक वातावरण का आनंद एवं पिकनिक स्पॉट के लिए आते है। क्या आप जानते हैं इस जलाशय का नाम खुटाघाट नाम कैसे पड़ा दोस्तो प्राचीन समय में जब इस स्थान पर जलाशय का निर्माण करवाया गया उस समय बहुत संख्या में विशाल पेड़ पौधे हुआ करते थे जिन्हें नही काटा गया था जिससे जलाशय में जल भरने से पेड़ का ऊपरी हिस्सा दिखने लगा था। जिसे छत्तीसगढ़ी भाषा में खुट कहते है जिसके कारण इस जगह का नाम खुटाघाट रखा गया। यह नाम प्राचीन समय से ही प्रचलित है। खुटाघाट जलाशय पर प्राचीन भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है यह मंदिर बरसात के समय में जलाशय में जल अधिक होने के कारण पूरी तरीका से डूब जाता हैं। जलाशय का जल स्तर कम होने के बाद यह मंदिर आसानी से दिख जाता है यह मंदिर खुटाघाट का मनमोहक आकर्षण का केंद्र है। खुटाघाट बांध वैसे तो पर्यटन किसी भी समय में जा सकते है बहुत सारे पर्यटक अक्टूबर से अप्रैल महीने के बीच पिकनिक स्पॉट के लिए जाते है। अगर आप यहां स्थित जलाशय का विशाल स्वरूप देखना चाहते है तो बरसात के समय सबसे अच्छा समय माना गया है क्योंकि इस समय पानी के साथ साथ हरियाली भी अच्छी खासी देखने को मिलता हैं। ऐसे ही जानकारियों के लाइक हमारे यू ट्यूब चैनल को लाइक और सब्सक्राइब जरूर करें। My you tube channel link / @tajsstravelers