У нас вы можете посмотреть бесплатно અડાલજની વાવ નો ઇતિહાસ || History Of Adalaj Ni Vav|| अडालज वावड़ी का इतिहास или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
#adalajnivav, #historyofadalajvav, #adalajstepwell Adalaj stepwell... अडालज वाव। Visiting Date: 7 march 2021. Hello दोस्तो। आज हम अहमदाबाद से नजदीक आयी हुई एक ऐतिहासिक अडालज की वाव या जिसे रुदाबाई की वाव भी कहते है उसकी मुलाकात के लिये आये है। Construction started:1499 Completed: 15th century Architectural Style : Hindu and Islamic architecture Distance from Ahmedabad 18 km Form Gandhinagar 5 km 00:00 introduction 02:31 1st story about rudabai vaav 06:43 2nd store about swaminarayan bhagwan 11:15 3rd story about creator of vaav इस वाव के बारे में 3 कहानिया मशहूर है। 1. 15वे शतक में राणा वीरसिंह वाघेला जो ये गांव या दण्डाय देश के राजा थे और ये उनका बहुत छोटासा राज था। उस समय उनके राज्य में पानी की समस्या बहुत बड़ी थी। लोगो को पानी के लिए सिर्फ बारिस पर ही निर्भर रहना पड़ता था। इसलिये राणा ने लोगो की समस्या दूर करने के लिए एक बहोत बड़ी और गहरी वाव का निर्माण शुरू करवाया। ये वाव का काम खत्म हो उससे पहले ही मोहम्मद बेगड़ा के साथ हुई लड़ाई में राणा की मौत हो जाती है और ये राज बेगड़ा के पास चला जाता है। राणा की मौत के बाद उनकी विधवा पत्नी रानी रूप बा राणा के पीछे सती होने के लिए तैयार हो जाती है।जब ये बात बेगड़ा को पता चलती है तो वो रानी को शादी के लिए प्रपोज़ करता है और उसे वो राज भी वापस देने को कहता है। रानी उस वख्त बेगड़ा की बात मान लेती है पर वाव को पूरा करने की शर्त भी रखती है। खूबशूरत रानी के साथ शादी करने की चाह में बेगड़ा उस वाव को बहोत जल्दी record time में पूरा करवा देता है। और जब वाव का काम पूरा हो जाता है तब बेगड़ा रानी को उनका शादी केलिए दिया हुआ वचन याद दिलाता है। पर वाव का काम पूरा हो जाने के बाद अब रानी उसी वाव में प्रार्थना केलिए जाती है और उसमें ही कुदके अपनी जान दे देती है। इस तरह इस वाव का ये दर्द भरा इतिहास है। 2. अब इस के बाद इससे जुड़ी एक और कहानी ... जब रानी रूप बा ने इस वाव में कूद कर अपनी जान दी थी उस वख्त उन्होंने कहा था कि जब कोईं महान संत इस वाव में स्नान करेंगे तब ये वाव का पानी पवित्र हो जाएगा और वो भी पापो से मुक्त हो जाएगी । आज से लगभग 200 साल पहले भगवान स्वामीनारायण यहां आए और उन्होंने यहां स्नान किया था और रानी के पाप दूर हुए और इस वाव का पानी भी पीने लायक हुआ ऐसी मान्यता है। उसके बाद रानी का दूसरा जन्म हुआ और वो कुशलकुवर बा के नाम से जानी गयी जो एक स्वामीनारायण भगवान की परम भक्त थी। इसलिये सत्संगी सब इस वाव के पानी को आज भी पवित्र समज कर उपयोग करते हैं। 3. इसके बाद एक और कहानी इस वाव के बारे में पता चलती है। जिसमे इस वाव के जो architect थे उनको बेगड़ा ने ऐसी वाव वो दूसरी ना बना पाए इसलिये मार डाला और उनको यही दफना भी दिया था। उनकी कबर इस वाव के पास आज भी मौजूद है ये भी इस वाव की एक दुखभरी कहानी है। तो दोस्तो मेने इस वाव के बारे में जो कुछ माहिती लोकल गाइड के माध्यम से मेरी जानकारी में आई वो आपके सामने रखी है। इस वीडियो में भी ये सारी बाते बताई है। फिर भी इसमें कोई गलती हो या कुछ और माहिती आपके पास हो तो कॉमेंट मे जरूर बताइए। यदि आपको ये वीडियो पसंद आये तो इसे like और share जरूर कीजियेगा। मेरे चेनल को subscribe भी जरूर कीजिये। ताकि ऐसेही informative video मैं आपके लिए लाता रहू और उसका Notification आपको तुरंत मिलता रहे। Thank you फिर मिलेंगे एक नए वीडियो में। Chirag Gohel. our another channel link / rashmingohel