У нас вы можете посмотреть бесплатно पूज्य रामायणी जी के मुखारविंद से सुनिए संतों की महिमा - संतन के संग लाग रे तेरी बिगड़ी बनेगी | или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
रम पूज्य रामायणी जी के अमृतमय मुखारविंद से सुनिए संतों की महिमा और सत्संग का अद्भुत महत्व। इस प्रेरणादायक प्रवचन/भजन के माध्यम से महाराज श्री समझा रहे हैं कि सच्चे संतों की संगति से ही जीवन के सारे कष्ट और बिगड़े काम बन जाते हैं। "संतन के संग लाग रे, तेरी बिगड़ी बनेगी" यह भजन/प्रवचन हमें भक्ति मार्ग पर चलने और साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने की सीख देता है। इस वीडियो में आप सुनेंगे: संतों की संगति का वास्तविक लाभ। कैसे सत्संग हमारे जीवन की दिशा बदलता है। पूज्य रामायणी जी द्वारा संतों की महिमा का गुणगान। भावपूर्ण भजन - संतन के संग लाग रे। इस वीडियो को पूरा देखें और आध्यात्मिक ज्ञान से अपने जीवन को सफल बनाएँ। हिन्दी हैशटैग,अंग्रेजी हैशटैग #पूज्यरामायणीजी,#PujyaRamayaniJi #संतन_के_संग_लाग_रे,#SantanKeSangLagRe #संतों_की_महिमा,#Satsang #सत्संग,#Bhajan #भजन,#DevotionalSong #हिन्दी_भजन,#RamayaniJi #धार्मिक_प्रवचन,#MotivationalPravachan #बिगड़ी_बनेगी,#HindiPravachan #रामकथा,#SantMahima 🌺✨ !! हमारे भक्तिमय चैनल में आपका हार्दिक स्वागत है !! ✨🌺 🕉 "जहाँ भक्ति है, वहीं जीवन का वास्तविक सार है..." इस चैनल पर आप अनुभव करेंगे एक ऐसा आध्यात्मिक संगम, जहाँ बहती है पूज्य श्री किशोरचंद्र जी रामायणी की मधुर वाणी से निकली 🔱 भावमय भजनों की रसधारा, 📿 हृदय को झकझोर देने वाली कथाओं की प्रेरणा, और ✨ आत्मिक चेतना को जाग्रत करने वाले दिव्य संदेश। यह केवल एक चैनल नहीं, यह है भक्ति का माध्यम, जहाँ आपका मन, आपकी आत्मा, और आपका जीवन संपूर्ण रूप से प्रभु प्रेम में लीन हो सकता है। 📌 ऐसे ही दिव्य भजनों और कथाओं का रसपान करते रहने के लिए: 📌 चैनल को Subscribe करें 🔔 📌 वीडियो को Like करें 👍 📌 अपने स्नेहीजनों में Share करें ❤ 👉 Keep your love like this on me and stay connected for more divine content! 📞पूज्य श्री किशोरचंद्र जी रामायणी के श्रीमुख से कथा आयोजन हेतु: 📲 Contact Number: +91-99509-66815 📲 Connect with P. Kishor Chandra Ji Ramayani: 🔴 YouTube Channel – https://www.youtube.com/ @Kishor_Chandra_Ramayani 🎥 Subscribe Now 🔵 Facebook Page – / 16tfxkanez 🎥 Follow Now 🔴 Instagram Page - https://www.instagram.com/gyan_setu22... 🎥 Follow Now 🛡 Copyright Notice: All Content © Kishor Chandra Ji Ramayani Unauthorized use of this content is strictly prohibited ---------------------------------------------------------------------------------- 🎥 Telecast By - Radheshyam Rao Bikaner - +91-99501-36105 ========================================= व्यास परंपरा की विलक्षण वाग्धारा की उत्ताल उर्मि के रसमय वाहक पंडित किशोर चंद्र जी का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले के सहजरासर नाम के ग्राम में 12-4-1992 को हुआ। हनुमान जी को इष्ट मानने वाले शास्त्री जी को 7 वर्ष की अवस्था में ही सुंदरकांड व रामायण जी के प्राय प्रसंग कंठस्थ हो गए। आप तीर्थवास को अपना भाग्योदय समझते हैं। इसलिए हरिद्वार, वृंदावन, बनारस, द्वारिका आदि तीर्थ में संत सानिध्य में रहे,तथा स्वाध्याय किया अत्यंत विनम्र मृदुभाषी पूज्य शास्त्री जी को विद्वत समाज ने रामायणी जी की उपाधि से विभूषित किया है l 30 वर्ष की अल्पायु में महाराज श्री भारतवर्ष के सभी महानगरों में 300 से अधिक विशाल व भव्य कार्यक्रम संपन्न कर चुके हैं। आपके अंदर जो प्रतिभा दृष्टिगोचर हो रही है वह परिश्रम साध्य नहीं कृपा साध्य है, जिसे आप स्वीकार भी करते हैं। आप संत महापुरुषों के आशीर्वाद को अपना कवच मानते हैंl आपकी कथा तो वास्तव में ही स्वातः सुखाय है। इसलिए भगवद् चरणों से सबको जोड़कर भागवती यात्रा मंगलमय कर रहे है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे - +99-509-6681591 ========================================== Copyright Disclaimer under Section 107 of the copyright act 1976, allowance is made for fair use for purposes such as criticism, comment, news reporting, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use. ----------------------------------------------------------------------------------