У нас вы можете посмотреть бесплатно 272 # बुद्ध तथा उनके सन्देश - हम छटपटाते ही क्यों हैं, बुद्ध ने कहा प्रतीत्यसमुत्पाद के कारण I 63 или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
प्रतीत्य समुत्पाद सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है,जिसके बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। प्रतीत्य समुत्पाद का शाब्दिक अर्थ है- प्रतीत्य(किसी वस्तु के होने पर) समुत्पाद (किसी अन्य वस्तु की उत्पत्ति)। प्रतीत्य समुत्पाद के 12 क्रम हैं ,जिसे द्वादश निदान कहा जाता है। 12 निदान इस प्रकार हैं- अविद्या – (अज्ञान – कर्म – दुःख का मूल कारण) संस्कार विज्ञान – चेतना नामरूप – षङायतन (सलायतन) – 6 इन्द्रिया स्पर्श वेदना तृष्णा उपादान भव – जन्म गृहण करने की प्रवृति जाति – पुनर्जन्म की इच्छा जरा – मरण