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बवासीर, पाइल्स, फिस्टुला, फिशर का घरेलू उपाय, piles, bawasir, fistula, fissure sab thik ho jayega. बस 1 बार ये खा लो लाइफ में कभी भी पाइल्स की समस्या नहीं होगी, piles ka ilaj, piles treatment दोस्तों, आज के इस वीडियो में आप देखेंगे कि बवासीर क्या होती है, बवासीर क्यों होती है, बवासीर के लक्षण क्या होते हैं, बवासीर के कारण क्या होते हैं और बवासीर के घरेलू उपचार क्या हैं जिनसे आप घर पर ही रसोई में ही मौजूद चीजों से बड़ी ही आसानी से बवासीर की दवा बना कर अपने बवासीर का इलाज कर सकते हैं. doston, aaj ke is video mein aap dekhenge ki bawasir kya hoti hai, bawasir kyon hoti hai, bawasir ke lakshan kya hote hain, bawasir ke karan kya hote hain, aur bawasir ke gharelu upchar kya hain jinse aap ghar par hi rasoi me hi maujood chijo se badi hi aasani se bawasir ki dawa banakar apne bawasir ka ilaj kar sakte hain. Friends, in today's video you will see what is piles, why piles happens, what are the symptoms of piles, what are the causes of piles, and an easy home remedy for piles treatment with the help of kitchen ingredients. इस वीडियो में गुलकंद और दूध से पाइल्स को ख़त्म करने का ईलाज बताया गया है. ये बवासीर, पाइल्स, फिस्टुला, फिशर और पेट साफ नहीं होने जैसी हर तरह की प्रॉब्लम्स को ठीक कर देता है. आयुर्वेद में बवासीर (पाइल्स) के उपचार के लिए दूध के साथ गुलकंद का सेवन करने की इसलिए सलाह दी जाती है क्योंकि यह दोनों सामग्रियाँ मिलकर कई लाभ प्रदान करती हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं। इसके पीछे निम्न कारण हो सकते हैं: 1. पाचन सुधारता है: i. गुलकंद एक नैचुरल रेचक (laxative) है, जो मल को नरम करता है और कब्ज को दूर करता है। कब्ज बवासीर का मुख्य कारण है, और इसे दूर करना उपचार का पहला कदम है। ii. दूध पाचन तंत्र को शांत करता है और मल त्याग को सुगम बनाता है। 2. सूजन कम करता है: i. गुलकंद में गुलाब की पंखुड़ियों के गुण होते हैं जो सूजन को कम करने और जलन को शांत करने में मदद करते हैं। ii. बवासीर में गुदा क्षेत्र की सूजन और दर्द को कम करने के लिए यह उपयोगी है। 3. पेट ठंडा रखता है: i. आयुर्वेद के अनुसार, बवासीर को बढ़ाने वाले कारकों में "पित्त" का असंतुलन भी एक है। गुलकंद और दूध दोनों शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं, जो पित्त को नियंत्रित करने में मदद करता है। 4. मल मार्ग को चिकना करता है: i. गुलकंद और दूध मिलकर आंतों में चिकनाई लाते हैं, जिससे मल त्याग के दौरान दर्द और खून आने की समस्या कम होती है। 5. पोषण प्रदान करता है: i. गुलकंद में मौजूद गुलाब के प्राकृतिक तत्व और दूध के पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा और ताकत प्रदान करते हैं, जिससे रोगी जल्दी ठीक होता है। सेवन का सही तरीका: रात के समय सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध के साथ एक या दो चम्मच गुलकंद का सेवन करें। इसे नियमित रूप से करने से कब्ज, सूजन और बवासीर की जलन में राहत मिल सकती है। यह उपचार बवासीर के लिए आयुर्वेद में एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय माना गया है। #बवासीर #bawasir #piles #healthtips #homeremedies #gharelunuskhe #ayurveda #sachingoyal #jaipurthepinkcity