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Kindly SUBSCRIBE if you like our content! 😊🙌🏼 / @sanatanrecords #shiva #mahadev #bholenath #shiv #Rudrashtakam #focusmusic Sampoorna Shri Rudrashtakam with lyrics, संपूर्ण श्रीरुद्राष्टकम Mantra & Meaning : नमामीशमिशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद: स्वरुपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाश मकाशवासं भजेऽहम् ॥ हे ईशान! मैं मुक्तिस्वरूप, समर्थ, सर्वव्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, निज स्वरूप में स्थित, निर्गुण, निर्विकल्प, निरीह, अनन्त ज्ञानमय और आकाश के समान सर्वत्र व्याप्त प्रभु को प्रणाम करता हूं।।1।। निराकामोंकारमूलं तुरीयं गिरा ध्यान गोतीतमीशं गिरिशम । करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोअहम ॥ जो निराकार हैं, ओंकाररूप आदिकारण हैं, तुरीय हैं, वाणी, बुद्धि और इन्द्रियों के पथ से परे हैं, कैलासनाथ हैं, विकराल और महाकाल के भी काल, कृपाल, गुणों के आगार और संसार से तारने वाले हैं, उन भगवान को मैं नमस्कार करता हूं ।।2।। तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा लासद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा ॥ जो हिमालय के समान श्वेतवर्ण, गम्भीर और करोड़ों कामदेवों के समान कान्तिमान शरीर वाले हैं, जिनके मस्तक पर मनोहर गंगाजी लहरा रही हैं, भाल देश में बाल-चन्द्रमा सुशोभित होते हैं और गले में सर्पों की माला शोभा देती है।।3।। चलत्कुण्डलं शुभ नेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकंठ दयालम । मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ जिनके कानों में कुण्डल हिल रहे हैं, जिनके नेत्र एवं भृकुटि सुन्दर और विशाल हैं, जिनका मुख प्रसन्न और कण्ठ नील है, जो बड़े ही दयालु हैं, जो बाघ के चर्म का वस्त्र और मुण्डों की माला पहनते हैं, उन सर्वाधीश्वर प्रियतम शिव का मैं भजन करता हूं।।4।। प्रचण्डं प्रकष्ठं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम । त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम ॥ जो प्रचण्ड, सर्वश्रेष्ठ, प्रगल्भ, परमेश्वर, पूर्ण, अजन्मा, कोटि सूर्य के समान प्रकाशमान, त्रिभुवन के शूलनाशक और हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले हैं, उन भावगम्य भवानीपति का मैं भजन करता हूं।।5।। कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सच्चीनान्द दाता पुरारी । चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ हे प्रभो! आप कलारहित, कल्याणकारी और कल्प का अंत करने वाले हैं। आप सर्वदा सत्पुरुषों को आनन्द देते हैं, आपने त्रिपुरासुर का नाश किया था, आप मोहनाशक और ज्ञानानन्दघन परमेश्वर हैं, कामदेव के शत्रु हैं, आप मुझ पर प्रसन्न हों, प्रसन्न हों।।6।। न यावद् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम । न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥ मनुष्य जब तक उमाकान्त महादेव जी के चरणारविन्दों का भजन नहीं करते, उन्हें इहलोक या परलोक में कभी सुख तथा शान्ति की प्राप्ति नहीं होती और न उनका सन्ताप ही दूर होता है। हे समस्त भूतों के निवास स्थान भगवान शिव! आप मुझ पर प्रसन्न हों।।7।। न जानामि योगं जपं पूजा न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् । जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥ हे प्रभो! हे शम्भो! हे ईश! मैं योग, जप और पूजा कुछ भी नहीं जानता, हे शम्भो! मैं सदा-सर्वदा आपको नमस्कार करता हूं। जरा, जन्म और दुःख समूह से सन्तप्त होते हुए मुझ दुःखी की दुःख से रक्षा कीजिए।।8।। रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। ॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥ Credits: Lyrics: Adi Shankaracharya Vocals & music: Ikshwaku Deopathak Visuals: Team Sanatan Records Old Ancient Mantra Of Lord Shiva Powerful mantra of lord shiva shiva mantra chanting shiv gayatri mantra shiv nirwana stotram rudrashtakam hare krishna hare rama spiritual mantra om mantra shiva meditation shiv vandana shiv chanting shiva music shiva amritwani anuradha paudwal suresh wadkar Shiv Puran shiv charcha Shiv tandav Stotram shiv aarti shiv chalisa shiv tandav shiva bhajan shiva shivoham shivoham Shiv chalisa Shiv dhyana mantra Shiv Gayatri mantra Shiv tandav Shiv bhajan Shiv tandav Stotram Shiv charcha nirvana stotram Mantra for clarity of mind Shiva meditation mantra