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भगवद गीता का आठवां अध्याय “अक्षर ब्रह्म योग” आत्मा, मृत्यु और मोक्ष के रहस्यों को प्रकट करता है। इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि मृत्यु अंत नहीं है, बल्कि आत्मा का नया मार्ग है। मृत्यु का क्षण जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि उसी समय आत्मा जिस भाव में होती है, उसी मार्ग की ओर बढ़ती है। श्रीकृष्ण समझाते हैं कि यदि मृत्यु के समय मनुष्य प्रभु का स्मरण करता है, तो वह परम धाम को प्राप्त करता है। लेकिन यह स्मरण केवल उसी को सहज रूप से होता है जिसने जीवनभर अभ्यास किया हो। इसलिए गीता हमें सिखाती है कि हर क्षण भगवान को याद करो – चाहे काम करते समय, खाते समय, परिवार के साथ रहते हुए या सोने से पहले। इस अध्याय में हमें दो मार्ग बताए जाते हैं – प्रकाश का मार्ग (देवयान) और अंधकार का मार्ग (पितृयान)। प्रकाश का मार्ग आत्मा को परमात्मा तक ले जाता है, जहाँ से फिर लौटना नहीं पड़ता। और अंधकार का मार्ग आत्मा को बार-बार जन्म-मरण के चक्र में डाल देता है। श्रीकृष्ण स्पष्ट करते हैं कि स्वर्ग भी स्थायी नहीं है। वहाँ पहुँचने के बाद आत्मा को धरती पर लौटना ही पड़ता है। असली मंज़िल है – भगवान का शाश्वत धाम, जहाँ न जन्म है, न मृत्यु, न दुःख है और न ही कोई बंधन। भगवद गीता अध्याय 8 हमें यह सिखाता है कि साधना कठिन नहीं है। ईश्वर को पाने के लिए केवल प्रेम और अभ्यास चाहिए। चाहे कोई साधारण गृहस्थ ही क्यों न हो, अगर वह अपने हर काम को भगवान को समर्पित कर दे, तो वह भी अक्षर ब्रह्म योग को प्राप्त कर सकता है। श्रीकृष्ण कहते हैं – “जो भक्त पूरे प्रेम से मुझे भजता है, मैं स्वयं उसकी रक्षा करता हूँ।” इस अध्याय का मुख्य संदेश यह है कि मृत्यु का भय केवल तभी मिटता है जब जीवन में हम भगवान को हर क्षण याद करना सीख लें। अभ्यास से ही मृत्यु का क्षण उत्सव में बदल सकता है। यही अक्षर ब्रह्म योग है – मृत्यु को समझकर जीवन को साधना बना देना। इस वीडियो में हम आपको सरल और भावनात्मक भाषा में इस अध्याय की गहराई से व्याख्या कर रहे हैं। आप सुनेंगे कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा की यात्रा, ओम जप, अभ्यास की महत्ता और परम धाम के रहस्यों को समझाया। यह वीडियो न केवल आपके आध्यात्मिक ज्ञान को गहरा करेगा, बल्कि आपके जीवन को भी नई दिशा देगा। 🙏 अगर आप जीवन और मृत्यु के रहस्यों को समझना चाहते हैं, आत्मा की शांति पाना चाहते हैं और अपने भीतर ईश्वर का अनुभव करना चाहते हैं, तो यह वीडियो अंत तक अवश्य सुनें। ✨ Keywords (script related): भगवद गीता अध्याय 8, अक्षर ब्रह्म योग, आत्मा और मृत्यु, मोक्ष का मार्ग, ओम जप, कृष्ण की शिक्षा, अर्जुन संवाद, आत्मा की यात्रा, मृत्यु का रहस्य, प्रकाश का मार्ग, अंधकार का मार्ग, भक्ति योग, कर्म योग, जीवन का उद्देश्य, शाश्वत धाम, गीता का ज्ञान, श्रीकृष्ण उपदेश। #हिन्दी_गीता #अध्याय8 #अक्षरब्रह्मयोग #भगवद्गीता #गीता_ज्ञान #श्रीकृष्ण #आध्यात्मिक_प्रेरणा #भक्ति #योग #मोक्ष #जीवन_का_सत्य #मृत्यु_का_रहस्य #atma #moksha #om #geeta #krishna 🔖 Disclaimer - The content on Dharma Decode is intended for educational, inspirational, and spiritual enrichment purposes only. We explore ancient Hindu scriptures, teachings from the Bhagavad Gita, Upanishads, Ramcharitmanas, and other dharmic texts to promote timeless wisdom, inner peace, and conscious living. We do not claim to represent any religious organization or official authority. Interpretations shared on this channel are derived from personal study, reflection, and traditional commentaries, and are not meant to replace professional advice—spiritual, psychological, medical, or otherwise. Viewer discretion is advised. Respect for all beliefs is encouraged. All visuals and voiceovers are either original, licensed, or used under fair use for commentary and transformative purposes. All rights reserved © Dharma Decode.