У нас вы можете посмотреть бесплатно रोओ मत, अभी बकरी मरी हुई है जिस दिन ब्याई उस दिन क़यामत होगी | Harshvarrdhan Jain | 7690030010 или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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#harshwardhanjain Man is the master of unlimited possibilities, powers and options. He can make whatever he wants through his imagination. समय प्रत्येक व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का अवसर देता है। अब यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है कि वह अपना कौन सा पहलू दुनिया के सामने प्रस्तुत करना चाहता है। आपको ब्रह्मांड ने सब कुछ दिया है। अब यह आपके विवेक पर निर्भर करता है कि आप किस कार्य के लिए स्वयं को जगाना चाहते हैं। यदि आपने स्वयं को जनकल्याण के लिए जगा दिया, तो एक दिन ब्रह्मांड का चमकता हुआ सूर्य होना निश्चित है। यदि आपने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए स्वयं को जगाया तो आपका इस भीड़ में विलीन हो जाना निश्चित है। सफल लोग अपनी सकारात्मक मानसिकता को विकसित करके दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करते हैं, जिससे उनकी सफलता की संभावनाएं निखर कर लोगों को आकर्षित करती हैं और उनकी सफलता चुंबक के समान अनंत तक अपनी सीमाओं का विस्तार करने में सक्षम हो जाती है। भले ही दुखों का सुनामी आपको घेर ले, फिर भी आप अपने दुख को नहीं, बल्कि अपनी मुस्कुराहट को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का सफल प्रयास करें, जिससे भविष्य में आपकी मुस्कुराहट के पंख लग जाएं। यही अनमोल अनुभव लोगों की मुस्कुराहट का कारण बनेगा। यही अवसर आपके भविष्य का सर्वोत्तम रूप होगा, उपलब्धियों का सागर होगा और सुख का साम्राज्य होगा। आप क्या हैं? यह लोग नहीं देखना चाहते, लेकिन आप दुनिया को क्या दिखाना चाहते हैं, उसी से आपके भविष्य के स्वरूप का पता चलता है। इसलिए आप जाने अनजाने जो कुछ भी करते हैं, वही आपके व्यक्तित्व के निर्माण का कारण बनता है। अधिकतर लोग अपना भविष्य बदलना चाहते हैं, अपनी कल्पनाओं के अनुसार भविष्य को अंकुरित करना चाहते हैं। लेकिन दिन-रात वे अपने क्रियाकलापों में नकारात्मक ऊर्जा को जगाने का सफल प्रयास करते रहते हैं, जिससे उनके भविष्य में प्रकाश नहीं, बल्कि अंधकार के साम्राज्य का निर्माण हो जाता है। शेर कितना भी भूखा हो जाए, फिर भी घास नहीं खाता है, शेर कितना भी बूढ़ा हो जाए, फिर भी घास नहीं खाता है और कैसी भी परिस्थिति आ जाए, शेर कभी अपने व्यक्तित्व से समझौता नहीं करता है। यह शेर की प्रकृति है। जो प्रकृति शेर की है, वही प्रकृति के सभी जीव जंतुओं और वनस्पतियों की है। लेकिन मनुष्य प्रकृति से भिन्न कैसे हुआ? मनुष्य ने अपने व्यक्तिगत लाभ या हानि के लिए अपने व्यक्तित्व को बदल कर रख दिया। मनुष्य असीमित संभावनाओं, शक्तियों और विकल्पों का स्वामी होता है। वह जो चाहे, अपनी कल्पनाओं से साकार कर सकता है। फिर भी वह अपने वास्तविक स्वरूप को न पहचान कर अपने दुखों का कारण बनता है क्योंकि जाने अनजाने वह दुखों के बीज ही बो रहा होता है। दुख हमारे द्वारा किए गए कार्यों का परिणाम होते हैं। यदि हमने किसी को दुखी किया है, तो दुख लौट कर आएगा हमारे पास और यदि हमने किसी की मुस्कुराहट का कारण पैदा किया है, तो एक दिन वह मुस्कुराहट लौट कर हमारे पास आएगी। इसीलिए महान लोगों ने लोगों की मुस्कुराहट को बढ़ाने के लिए संपूर्ण जीवन प्रयास किया। यही प्रयास उन्हें लौटकर परम आनंद के रूप में उपहार स्वरूप प्राप्त हुआ। FOR TRAINING CONTACT US: 📧 Email: [email protected] 📱 Mobile: 📞 1️⃣ +91-7690030010 📞 2️⃣ +91-8306653253 📞 3️⃣ +91-8824183845 ------------------------------------------------------------------------------------------------------------ Connect with Mr. Harshvarrdhan Jain : 🌎 Website: www.harshvarrdhanjain.com 📸 Instagram: / harshvardhanjainofficial 📱 Facebook: / harshvardhanjainofficial 📩 Telegram: https://t.me/harshvardhanjain1008 🐦 Twitter: https://x.com/crownhvj 🛄 Linked in: / harshvardhanjainofficial ------------------------------------------------------------------------------------------------------------ JOIN OUR MEMBERSHIP: 💻 Click this link to join: https://bit.ly/3M8HkMA ! आव्हान ! प्यासे का नदी से मिलना तय है | 🎥 https://bit.ly/3s5zFYA