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1. धर्म-दर्शन-अध्यात्म । विचार, विश्वास, आचरण । मुनि क्षमासागर जी प्रवचन । @aagamkeparipekshme ✍️ Video length : 39:19 मिनट To listen more Jain bhajans/Stuti/Chalisa of this channel you can click on the link below in the comment section :- SUBSCRIBE to our channel: / @aagamkeparipekshme जैन धर्म के अनेक विषयों के स्वाध्याय के लिए यूट्यूब चैनल "आगम के परिपेक्ष में" को सब्सक्राइब जरूर करें तथा नए विषय के लिए Bell Icon अवश्य दबायें । If you have any query, please contact - 9810774124 धर्म की क्रिया करना आसान है परंतु अगर उसके पीछे का भाव नहीं जान पाए तो ये सारी क्रियाएं बेमानी हो जाएंगी | मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज हमें आध्यात्म के विषय को और अधिक विस्तार से समझा रहे हैं | वे कहते है आध्यात्म की सहायता से ही शरीर को आत्मसाधना का साधन मान कर हम अपने आत्म स्वभाव को जान पाते है | हमारा सुख हमारे भीतर ही है परंतु हम इसे बाहर ढूंढ़ते हुए भटकते रहते हैं | मुनिश्री एक कहानी के माध्यम से यह बोध दे रहे हैं कि हमारे सुख का उपाय हमारे भीतर ही है | आध्यात्म, जिनवाणी की मनन और गुरुजनों के सान्निध्य के माध्यम से जब हम आत्मा की शुद्ध अवस्था का ध्यान करने लगते हैं "वह ही स्व समय अथवा अंतरात्मा अवस्था है" | हमारा शरीर और हमारी आत्मा भिन्न है, यह जानने और मानने से ही काम नही चलेगा... यह अनुभव में आना ही भेद विज्ञान है | मुनिश्री भेद विज्ञान को समझाते हुए कहते हैं कि अपन को शरीर और आत्मा को अलग अलग जान कर उनके साथ तदनुरूप व्यवहार करना चाहिए | आत्मा और शरीर अलग हैं यह वास्तविकता सिर्फ जानना ही काफी नहीं है बल्कि उसको Realize करना (महसूस करना) उसको अनुभव करना ही भेद विज्ञान है, जिससे हमारे आचरण में भी आत्मा को मलिन करने वाले राग द्वेष आदि से बचने का वैसा बदलाव आ पाए | आध्यात्म यही है कि हम अपनी आत्मा और शरीर दोनो के धर्म को पहचान करके हमेशा शरीर में होने वाली इन हर्ष - विषाद की प्रक्रियाओं में समता भाव रखते हुए जीवन जिएं | भेद विज्ञान शरीर और आत्मा को अलग अलग अनुभव करने का विज्ञान है | राग द्वेष से चुप्पी ठान कर अपने वीतरागी स्वभाव की तरफ जा सकते हैं | Instagram:- https://www.instagram.com/aagamkepari... Blogspot:- https://aagamkeparipeksh.blogspot.com Facebook:- https://www.facebook.com/profile.php?... Whatsapp :- वाहटसअप के स्वाध्याय गुप मे एड होने का लिंक https://chat.whatsapp.com/EXhnXayISYi... Your Query :- मुनि श्री क्षमासागर जी प्रवचन । kshama sagar ji maharaj pravachan । pranamya sagar ji maharaj । क्षमा सागर । क्षमासागर प्रवचन । मुनि क्षमासागर जी । @aagamkeparipekshme । aagam ke paripeksh me । आगम के परिपेक्ष में । शलभ जैन । shalabh jain । Jinvani Channel । jain bhugol । jain education । jain aagam । Jain Dharam । jain kosh । jain pravachan । Purnmati Mataji । Muni Shri Pranamya Sagar ji ke Bhakt । jigyasa samadhan । sudha sagar ji maharaj । Shri Gyan Vidya । vishudh deshna । jain digital pathshala । mahavir amritwani । Jainology । jain focus news । क्षमा ब्रेकिंग जैन न्यूज । jainphilosopy । santhaara । #aagamkeparipekshme #Shalabhjain #jaindharm #jinpuja #Anuvart #Chhahdhala #BarahBhavna #kshamasagarji #jainaagam #PurnmatiMataji #jigyasasamadhan #sudhasagarmaharaj #JinvaniChannel #tattvarthsutra #Daslakshandharma #PrinciplesofKarmas