У нас вы можете посмотреть бесплатно संत गाडगे : शिक्षा, स्वच्छता व क्रांति के नायक || सामाजिक न्याय की पाठशाला Ep.24 || Dr. Laxman Yadav или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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“अगर खाने की थाली भी बेचनी पड़े, तो उसे बेचकर शिक्षा ग्रहण करो. हाथ पर रोटी लेकर खाना खा सकते हो, पर विद्या के बिना जीवन अधूरा है.“ यह वाक्य उन्नीसवीं शताब्दी में जिस शख़्स ने कही, वह आईडिया ऑफ़ इंडिया की बुनियाद का वह पत्थर है, जिसके बिना आधुनिक भारत की कल्पना अधूरी होगी. मगर ऐसी शानदार शख़्सियत के बारे में कितना जानते हैं आप? जिन्होंने 31 शिक्षा संस्थाओं तथा एक सौ से अधिक अन्य संस्थाओं को स्थापित किया, जिन्होंनें प्रेम, सद्भाव और गरीब व दुखी लोगों के प्रति कर्तव्य की त्रिमूर्ति के आधार पर 51 वर्षों तक समाज की सेवा की. सफ़ाई को राजनीतिक नहीं सामाजिक और सांस्कृतिक क्रांति का ज़रिया मानते थे. फटे चीथड़ों को तुरुपाई करके उसे पहनते हुए पैग़ाम देते थे कि जातियों में बिखरे बहुजन समाज को जोड़ना है. जो बाबा साहब के मुरीद रहे, साथी रहे. जो संत कबीर, रैदास की परंपरा के संत रहे. जो मानवता के पैरोकार रहे. जो आइडिया ऑफ़ इंडिया के शिल्पकार रहे. #सामाजिक_न्याय_की_पाठशाला के ताज़ा एपिसोड 24 में आज हम बात करने जा रहे हैं 'डेबूजी झिंगराजी जानोरकर' यानी संत गाडगे के बारे में. संत गाडगे : शिक्षा, स्वच्छता व सामाजिक-सांस्कृतिक क्रांति के नायक. लिंक पर जाकर अपना इतिहास ज़रूर देखने, जानें और हर एक बहुजन तक इस इतिहास को पहुँचाएँ- • संत गाडगे : शिक्षा, स्वच्छता व क्रांति के ...