У нас вы можете посмотреть бесплатно उत्तर रामायण - EP 13 - सीता को वाल्मीकि आश्रम में मिला आश्रय। или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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Uttar Ramayan - Episode 13 - Sita found shelter in Valmiki Ashram. सीता गंगा किनारे महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में पहुँच जाती हैं। चूँकि सीता अपने नाम और पहचान का त्याग कर चुकी हैं अतएव उन्हें महर्षि वाल्मीकि वनदेवी का नया नाम देते हैं। गुरुवर वाल्मीकि की आज्ञा है कि कोई भी सीता से अनावश्यक प्रश्न नहीं करेगा और गौतमी माँ की आज्ञा है कि वनदेवी को अकेला न छोड़ा जाये अन्यथा वे स्वर्ग से भी ऊपर स्थित अपने लोक वापस चली जायेंगी। आश्रम की स्त्रियां इन विचित्र निर्देशों से विस्मित हैं। सीता की दिनचर्या अब पूरी तरह बदल चुकी है। वे आश्रम की अन्य स्त्रियों की भाँति हर कामकाज करती हैं किन्तु उनका चेहरा स्थिर और आँखें पथरा गयी हैं। स्मृतियाँ उनका पीछा नहीं छोड़ रहीं। उधर यही हाल अयोध्या नरेश का है। उन्होंने सिर पर राजमुकुट तो धारण कर रखा है किन्तु हृदय में सीता का चित्र अमिट है। राम प्रतिदिन राजदरबार में न्याय करते हैं, प्रजा हित के कार्य करते हैं लेकिन संध्याकाल में अपने अन्तर्मन के शोक में डूब जाते हैं। राम सिया का यह हाल देखकर तीनों लोक सहम से गये हैं। त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकि सीता की दशा यह देखकर परेशान होते हैं कि ऐसे में विधि का विधान कैसे आगे बढ़ेगा। अन्ततः एक रात्रि गुमसुम बैठी सीता को महर्षि वाल्मीकि मृदु स्वर में समझाते हैं कि उन्होंने एक लक्ष्य लेकर पति का त्याग किया था और संकल्प लिया था कि वह अपनी सन्तान को वीर और प्रतापी बनायेंगी। वाल्मीकि कहते हैं कि यदि सीता उदास रहेंगी तो उनके गर्भस्थ शिशु पर अच्छे संस्कार कैसे पड़ेंगे। सीता की आँखें खुलती हैं। उन्हें अपने कर्तव्य पथ का भान होता है। उसी रात्रि अयोध्या में दुर्ग पर खड़े प्रहरी राजा जनक के रथ के आने की सूचना देते हैं। लक्ष्मण यह सूचना राम तक पहुँचाते हैं। उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं। कैसे लव कुश श्री राम और माँ सीता को मिलाते हैं देखे सम्पूर्ण उत्तर रामायण के सभी एपिसोड सिर्फ़ तिलक YouTube चैनल पर। रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी। इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है। निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर पटकथा और संवाद - रामानंद सागर संगीत - रविंद्र जैन शीर्षक गीत - जयदेव अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा संपादक - सुभाष सहगल कैमरामैन - अजीत नाइक प्रकाश - राम मडिक्कर साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार In association with Divo - our YouTube Partner #uttarramayan #uttarramayanyoutube #uttarramayanfullepisode #fullepsiode