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@RbsMoinStories पर 20 मार्च, 2021 को विश्व घरेलू चिड़िया दिवस पर अपलोड किए गए हमारे वीडियो पर आप सबका शानदार रुझान देखने को मिला। • आओ चिड़िया को मिलकर बचाएं हम! Let's Unite t... इस स्टोरी को देखने के बाद चिड़िया के घोंसले की डिमांड आई, बहुत सारे लोग यह जानना चाहते थे कि यह बर्ड हाउस हम कैसे बनाएं। आज का वीडियो इसीलिए बनाया गया है। आप इसे बनाएं और अपने घर के आसपास लगाएं। शरद पुरोहित बताते हैं, इसी पैटर्न और इसी सफल आइडिया से कई लोग प्रोत्साहित हुए और वे भी इसी तरह के बर्ड हाउस बना रहे हैं जो एक कामयाब पहल है क्योंकि इसे चिड़िया क्या चाहेगी अपने फ्लैट में उसे सोच कर बनाया गया है। इसकी चौड़ाई, ऊंचाई, प्रवेश द्वार सब सुरक्षित शिकारियों से भी और सबसे बड़ी बात ‛यूथ अरण्य’ से जुड़ा हर व्यक्ति जो इसे बनाता है, उसका कोई शुल्क या सहायता किसी से भी नहीं लेता। लगभग एक लाख रुपए से ज्यादा के खर्च को गत कई वर्षों से किया जा चुका है। यह निष्काम यात्रा शायद आपको भी प्रोत्साहित करे। ‛यूथ अरण्य’ की शुरुआत करने वाले शरद पुरोहित बताते हैं, रेस्क्यू के दौरान डॉ हेमंत जोशी मेरे परम मित्र हुआ करते थे, उन्होंने कहा कि एक नाम लिखो तो दिमाग में ‛यूथ अरण्य’ नाम आया। मेरी सोच थी कि बूढ़ा होकर मर भी जाऊं, लेकिन संस्था जवान रहनी चाहिए। युवाओं का आह्वान किया कि इस संस्था के तहत घरेलू चिड़ियों के सरंक्षण, सर्पों के सरंक्षण, जागरूकता के लिए कार्य करेंगे। 50 से ज़्यादा लड़कियां-लड़के जुड़ गए। काम तो हम लम्बे समय से कर रहे थे, कर रहे हैं पर 2011-12 में हमें विधिवत रूप से नाम रखकर काम शुरू किया। वर्षों की साधना का ही परिणाम है कि आज सीए, डेंटिस्ट, अकाउंटेंट, मीडियाकर्मी, वेबसाइट के महारथी साथ जुड़े हैं। कइयों को तो रेस्क्यू करने के लिए तैयार भी किया है। आज हम सब साथ मिलकर काम कर रहे हैं। संस्था के नाम पर हमने कभी किसी से एक पैसा तक नहीं लिया, उल्टे पक्षियों के नाम पर खुद की जेब से सालभर में 30 से 40 हज़ार रुपये तक खर्च करते हैं। अब तो पुलिस, वन विभाग को सांपों को पहचानने, उनके सरंक्षण को लेकर ट्रेंड कर रहे हैं। 2013 में कुछ लोगों ने कहा कि, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सब सही चल रहा है, मुझे यह काम अब बन्द कर देना चाहिए। कुछ ने यहां तक भी कहा कि अब हमें आपके ज्ञान की जरूरत नहीं है। इस पर मैंने फ़ेसबुक पर एक आह्वान भरी पोस्ट की। लिखा, किसी भी कैमरे से घरेलू चिड़िया की एक फोटो खींचकर लाकर दें, हम एक प्रदर्शनी में आपकी फोटो लगाएंगे। घरेलू चिड़िया जो बरसों से हमारे घर के आंगन में रहती आई है, कभी पंखे पर घोसला बनाती तो कभी हमारे घर को अपना घर समझ के खूब कचरा करती और दादागिरी से अपने बच्चे हमसे पलवाती थी। एक सप्ताह के भीतर ही मुझे सैंकड़ों लोगों के फोन कॉल्स आए। यह चिंता का विषय था। वे कह रहे थे, वो चिड़िया जो कभी दिखती थी, अब नहीं दिख रही, कहां गई? एक दाढ़ी वाला चिड़ा होता था, उसके बच्चे होते थे, एक चिड़िया हुआ करती थी, वे अब नहीं मिल रहे। मैंने कहा अब आप समझ जाइए, हमने उसको निर्वासित कर देश निकाला दे दिया, हमारी गलियों से। 2013-14 में एक दिन अचानक बैठे बैठे बर्ड हाउस बनाने का खयाल आया। पुराने जमाने के लोग तो घर बनाने के बाद इस बात को मानते थे कि उन्होंने इस घर को बनाने के दौरान कई कीड़े मकोड़ों को कष्ट दिया है, बहुत से जानवरों को कष्ट पहुंचाया। इसका प्रायश्चित करने के लिए वे अपने घर के बाहर चिड़िया के घर रखते थे। हमने अपने द्वारा बनाए बर्ड हाउसेस को संभावित जगहों पर लगाया। परिणाम यह रहे कि 3 घंटे के भीतर ही चिड़े ने मुआयना किया, चिड़िया को बुलाया, घर पसन्द आया और रहवास शुरू हुआ, परिवार बना, मेरा दिल और दिमाग खुशी के मारे झूम उठे। जनवरी-फरवरी में, मैं अपने कुछ शिष्यों के साथ अपने घर में बैठकर इन चिड़ियों के लिए घर बनाता हूं। अपने घर के खर्चों से पैसे बचाकर तकरीबन 100-150 बर्ड हाउस बना लेता हूं। ‛वर्ल्ड स्पेरो डे’ 20 मार्च को मनाता हूं। अब यह समझ आ गया है कि पूरी दुनिया के नक्शे से यह चिड़िया खत्म होती जा रही है। आम जीवन में इस चिड़िया को कैसे पुनर्वासित किया जाए, इस पर काम जारी है। लगभग 500-700 बर्ड हाउस मैंने निजी तौर पर लगाए हैं। पिछले साल तो एक व्यक्ति मिले जिनके पिताजी की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने 100 बर्ड हाउस लगवाए पिता की याद में। मैं अगली पीढ़ी की रक्त शिराओं में चिड़िया को फिर से पुनर्जीवित करना चाहता हूं, आ जाएगी वो, हम उसकी चहक सुनने के लिए मजबूर होंगे। इन सबके अलावा जोधपुर के आसपास के 13 तालाबों में देश विदेश से आने वाली 150 से 170 पक्षियों की प्रजातियों पर भी शोध-अध्धयन जारी है। देखिए आज की संदेशप्रद कहानी। यदि आप चैनल पर पहली बार आए हैं चैनल को सब्सक्राइब करते हुए हमारा हौसला बढ़ाएं ताकि हम आपके लिए ऐसी ही और प्रेरक कहानियां लेकर आते रहे। यदि आपके आसपास भी ऐसी ही कोई संघर्ष की दास्तान है, या कोई लोग या संस्था अपने क्षेत्र में कुछ उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं, कुछ अनोखा या रोचक काम हुआ हो जिसे आप दुनिया को दिखाना चाहते हैं तो हमें जरूर बताएं। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम उस कहानी को कवर कर अपने चैनल पर दिखाएं। आप हमसे ईमेल और फेसबुक के माध्यम से जुड़ सकते हैं- #HowToMakeBirdHouse #Thehousesparrow #Chidiya #youtharanya #goreya #ngo #jodhpur #sharadpurohit #manishkumarsolanki #rbsmoinstories