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21. कुतुबमीनार एवं उसके स्मारक कुतुब मीनार और उसके स्मारक परिसर दिल्ली के लाल कोट में स्थित है इसका निर्माण कार्य कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा सन् 1192 में शुरू किया गया था लेकिन इसके बाद भी इस स्मारक का कई बार जीर्णोद्धार हुआ सन् 1211 से 1236 में इल्तुतमिश ने , 1296 से 1316 के मध्य अलाउद्दीन खिलजी ने इस स्मारक समूह का पुनः निर्माण करवाया और इसे बड़ा बनाया । लेकिन वर्ष 1326 और 1368 में बिजली गिरने के कारण यह इमारत काफी क्षतिग्रस्त हुआ लेकिन फिरोज़ शाह तुगलक द्वारा इस इमारत का मरम्मत करवाया गया जिसके पश्चात सन् 1503 सिकंदर लोदी ने इस इमारत के ऊपर के मंजिलों का जीर्णोद्धार करवाया । दिल्ली में स्थित यह स्मारक समूह भारत के प्रसिद्ध स्मारको में से एक है वर्तमान में यह भारत के प्रसिद्ध सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों में से एक है यूनेस्को द्वारा वर्ष 1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया । 22. भारतीय पर्वतीय रेलवे यूनेस्को द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के पर्वतीय इलाकों में स्थित भारत की तीन प्रमुख पर्वतीय रेलवे दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका-शिमला रेलवे और नीलगिरि पर्वतीय रेलवे को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है । 1. भारतीय पर्वतीय रेलवे दार्जिलिंग – भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया था वर्तमान समय में यह हिमालयन रेलवे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच संचालित है । इस हिमालयन रेलवे को “Toy Train” के नाम से भी जाना जाता है पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित इस पर्वतीय रेलवे को वर्ष 1999 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया था । 2. नीलगिरी माउंटेन रेलवे – तमिलनाडु के नीलगिरी पहाड़ियों पर स्थित यह रेलवे एक सिंगल रेलवे ट्रैक है जिसे वर्ष 2005 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था । 3. कालका शिमला रेलवे – कालका शिमला रेलवे भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित इस पर्वतीय रेलवे की स्थापना सन् 1903 में की गई थी यह रेलवे हिमाचल प्रदेश के कालका और शिमला पहाड़ियों के बीच चलती है इस पर्वतीय रेलवे को वर्ष 2008 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया । 23. बोधगया का महाबोधि मंदिर बोधगया का महाबोधि मंदिर भारत के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है महाबोधि मंदिर भारत के बिहार राज्य के बोधगया में स्थित है यह मंदिर बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध को समर्पित है यह मंदिर उसी स्थान पर स्थित है जहां महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी इस मंदिर में महात्मा बुद्ध की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित है यह मूर्ति उसी स्थान पर स्थापित है जिस स्थान पर महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था । 24. भीमबेटका की गुफाएं यह स्थान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले स्थित है जो पुरापाषाण काल का एक पुरास्थल है यह स्थल आदि मानव द्वारा बनाए गए शैलाचित्रों के लिए प्रसिद्ध है जो भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन का प्राचीनतम साक्ष्य है इस स्थल की खोज सन् 1957-58 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के द्वारा की गई थी इस स्थान पर कई पुराने अवशेष मिले हैं जो भारत की प्राचीनता का साक्ष्य है भीमबेटका के इस क्षेत्र को अगस्त 1990 में भारत के पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया गया जिसके पश्चात वर्ष 2003 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया । 25. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल छत्रपति शिवाजी टर्मिनल भारत के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर का ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है यह रेलवे स्टेशन भारत के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है इसके पहले इस रेलवे स्टेशन को विक्टोरिया टर्मिनल कहा जाता था ।स्टेशन की इमारत का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया गया था। यह इमारत विक्टोरियन गोथिक शैली और परंपरागत भारतीय शैली का संगम दर्शाता है। यह स्टेशन उन्नत संरचना, तकनीकी विशेषता एवं भारतीय स्थापत्य कला के सौंदर्य को दर्शाता है । 2 जुलाई 2004 को इस स्टेशन को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया । 26. चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्व उद्यान यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्व उद्यान भारत के गुजरात राज्य के पंचमहल जिले में स्थित एक पुरातात्विक उद्यान है यहां स्थित पावागढ़ किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में चौहान राजपूतों के द्वारा किया गया था इस पुरातत्व उद्यान में कई स्मारक स्थित है इस उद्यान में वृहद स्तर पर भारतीय पुरातात्विक, ऐतिहासिक और जीवंत संस्कृतिक धरोहर स्थित है जिसके कारण यूनेस्को द्वारा वर्ष 2004 में इस उद्यान को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया । 27. लाल किला – नई दिल्ली लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों में से एक इस किले का निर्माण 1648 मुगलों के द्वारा किया गया था इस किले के निर्माण में लाल बलुआ पत्थरों का प्रयोग किया गया है इस किले की दीवारें लाल होने के कारण इसे लाल किला कहा जाता है । यह किला मुगल शासकों का राजनीतिक एवं औपचारिक केंद्र था जो मुगलकालीन वास्तुकला और सौंदर्य का उत्कृष्ट उदाहरण है । दिल्ली में स्थित यह किला भारत की आजादी और आन – बान तथा शान का प्रतीक है इस किले की भव्यता और सुंदरता को देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं इस किले को दिल्ली में स्थित इस ऐतिहासिक किले को वर्ष 2007 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया । .................................#facts #interesting #interestingfacts #motivational #history #historical #historicalfacts #indianheritagesites @beexcellent93