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नगरी बसी है खैरोदाई हो मांय… यह जस गीत नवरात्रि 2025 के पावन अवसर पर प्रस्तुत किया गया है, जिसमें खैरोदाई माता के जन्म, उनके जीवन और 7 भाइयों व 5 बहनों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। गोंड आदिवासी परंपरा के अनुसार, खैरोदाई माता को ग्राम की आदिशक्ति देवी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि प्राचीन समय में उन्होंने ग्राम की बसाहट की, रीति-रिवाजों को सुधारा और समाज को सही दिशा दी। उनके 7 भाई और उनके सहित 5 बहनें देवतुल्य माने जाते हैं, जो आज भी ग्राम के विभिन्न स्थानों पर विराजमान होकर ग्राम की रक्षा और मार्गदर्शन करते हैं। इस जस गीत में खैरोदाई माता से जुड़े विश्वास और लोककथाएँ सुंदर शब्दों और मधुर गायन के माध्यम से प्रस्तुत की गई हैं। 🎤 गायक — तिरू. ललित कुलस्ते एवं समस्त मण्डली, रमपुरी 📍 स्थान — सिद्ध मट्टा ठाना, ग्राम रमपुरी, डाकघर खारी, जिला मण्डला, मध्य प्रदेश 📺 निर्माण एवं प्रस्तुति — Shivlal Urveti 750 यह प्रस्तुति गोंड आदिवासी संस्कृति, आस्था और लोक परंपरा को समझने का एक सजीव माध्यम है। 🙏 जय खैरोदाई माता | जय गोंडवाना