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0:00 Introduction 0:29 प्रमुख विचार 2:56 Ending This video covers रचनात्मक विचार की शक्ति- परमहंस योगानंद परमहंस योगानंद,व्यक्तिगत विकास और आध्यात्मिक अनुभूति के लिए रचनात्मक विचार की शक्ति पर बल दिया उन्होंने लोगों को सकारात्मक सोच विकसित करने, वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करने और सभी चीज़ों के परस्पर संबंध को समझने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी शिक्षाएँ आत्म-जागरूकता, अपने दिव्य स्वभाव के साथ तालमेल बिठाने और अपने भीतर ईश्वर की उपस्थिति को पहचानने के महत्व पर प्रकाश डालती हैं। यहां उनके कुछ प्रमुख विचारों पर विस्तृत जानकारी दी गई है: 1. विचार की शक्ति: • रचनात्मक विचार: योगानंद का मानना था कि सकारात्मक और रचनात्मक विचार मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य करते हैं, जो सफलता और खुशी की ओर ले जाते हैं। • मन पर नियंत्रण: उन्होंने मन को नियंत्रित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों के लिए किया जा सकता है। • नकारात्मक पैटर्न को तोड़ना: उन्होंने लोगों को उन नकारात्मक आदतों और सीमित विश्वासों को पहचानने और उनसे मुक्त होने के लिए प्रोत्साहित किया जो उनकी प्रगति में बाधा डालते हैं। 2. वर्तमान में जीना: • पल-पल की जागरूकता: योगानंद ने लोगों को वर्तमान क्षण में जीने, प्रत्येक अनुभव का पूर्ण अनुभव करने और उसकी सराहना करने के लिए प्रोत्साहित किया। • अतीत और भविष्य को छोड़ देना: उन्होंने अतीत के पछतावे पर ध्यान देने या भविष्य की चिंता करने के बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, क्योंकि यही वह समय है जब कोई सही मायने में कार्य कर सकता है। 3. आध्यात्मिक विकास और आत्म-साक्षात्कार: • ईश्वरीय उपस्थिति: उन्होंने सिखाया कि ईश्वर सभी चीजों में और प्रत्येक व्यक्ति के भीतर मौजूद है। • आत्म-साक्षात्कार: योगानंद ने आत्म-साक्षात्कार के महत्व पर जोर दिया, जिसमें एक दिव्य प्राणी के रूप में अपने वास्तविक स्वरूप को समझना शामिल है। • ध्यान और क्रिया योग: उन्होंने ईश्वर से जुड़ने और आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त करने के लिए ध्यान और क्रिया योग के अभ्यास की वकालत की। 4. करुणा और सेवा: • निःस्वार्थता: योगानंद ने निःस्वार्थता और दूसरों के बारे में पहले सोचने के महत्व पर बल दिया, क्योंकि इससे सच्चे मित्र आकर्षित होते हैं और समुदाय की भावना को बढ़ावा मिलता है। • मानवता की सेवा: उन्होंने लोगों को मानवता की सेवा करने और दूसरों की भलाई में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। 5. चुनौतियों पर काबू पाना: • असफलता से निपटना: योगानंद असफलता को विकास और सीखने के अवसर के रूप में देखते थे, तथा व्यक्तियों को दृढ़ता बनाए रखने तथा असफलताओं से हतोत्साहित न होने के लिए प्रोत्साहित करते थे। • भय का सामना करना: उन्होंने सलाह दी कि अपने डर का सीधे सामना करें, क्योंकि इससे व्यक्ति पर उनकी शक्ति कम हो सकती है। संक्षेप में, परमहंस योगानंद की शिक्षाएं सकारात्मक सोच की परिवर्तनकारी शक्ति, वर्तमान क्षण में जीने के महत्व, तथा ध्यान और दूसरों की सेवा जैसे अभ्यासों के माध्यम से आध्यात्मिक विकास और आत्म-साक्षात्कार की क्षमता पर जोर देती हैं।