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🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... 📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... ~~~~~~~~~~~~~ वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 14.09.2019, अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा, भारत प्रसंग: ~ धर्मों ने स्त्रियों को नीचा क्यों समझा? ~ क्या बुद्ध स्त्रियों को नीचा समझते थे? ~ क्या संतों ने स्त्रियों को नीचा कहा? ~ पुराने समय में अर्थव्यवस्था में महिलाओं का कितना योगदान था? ~ महिलाएं देहभावना में क्यों ज़्यादा जीती हैं? मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्यु पापयोनयः । स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम् ॥ हे अर्जुन! स्त्री, वैश्य, शूद्र तथा पापयोनि चाण्डालादि जो कोई भी हों, वे भी मेरे शरण होकर परमगति को ही प्राप्त होते हैं। ~ श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय ९, श्लोक ३२) संगीत: मिलिंद दाते ~~~~~~~~~~~~