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उत्तराखंड की ऊँची पहाड़ियों पर स्थित माता का मंदिर। पर लोगों की पहुँच से बहुत दूर। Rishikesh देवभूमि का गंगा घाट जहां अघोर तंत्र की सिद्धि करने वालों के लिए विशेष महत्त्व रखता है, वहीं गंगा का यह तट आध्यात्मिक रूप से सात्विक और देवी शक्ति को प्राप्त करने वाले साधकों के लिए स्वर्ग माना जाता है। गंगा तट पर जहां शिव के अनेक सिद्ध स्थान स्थित हैं, वहीं देवी मां के कई सिद्धपीठ स्थित हैं, जो देवी शक्ति को प्राप्त करने वाले साधकों के लिए साधना का प्रमुख केंद्र माने जाते हैं। ऋषिकेश लक्ष्मणझूला से लगभग 23 किलोमीटर यमकेश्वर मार्ग पर गरुड़चट्टी से कुछ आगे चलकर पीपलकोटी के पास बायीं तरफ स्थित पर्वत के शिखर पर एक भव्य मंदिर के दर्शन होते हैं, यह मंदिर मां बालकुमारी के नाम से जाना जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पीपलकोटी से यमकेश्वर मार्ग पर लगभग आधा किलोमीटर बाद ईडिय़ा नामक एक छोटे से गांव से सडक़ के नीचे की तरफ एक पैदल रास्ता जाता है, जिस पर लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। लगभग तीन सौ मीटर पैदल चलकर मंदिर का मुख्यद्वार दिखता हैं यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 400 सीढिय़ां हैं। पर्वत के शिखर पर एक छोटे से निर्जन मैदान में स्थित इस मंदिर परिसर के शांत तथा मनोरम वातावरण में पहुंचते ही मार्ग की सारी थकान दूर हो जाती है। मंदिर परिसर में खड़े होकर आप विस्तृत पर्वत श्रृंखलाओं तथा आसपास के क्षेत्र के नयनाभिराम दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के नीचे एक तरफ आमड़ी गांव तथा दूसरी तरफ ग्योंठ गांव दिखाई देता है साथ ही एक तरफ नीलकंठ क्षेत्र से यमकेश्वर विकासखंड का काफी बड़ा भूभाग तथा एक तरफ हेंवल नदी की मनोरम घाटी दिखाई देती है। मंदिर के पुजारी के विवरण अनुसार इस मंदिर की स्थापना लगभग 150 वर्ष पहले की गई थी। मान्यता है कि आमड़ी ग्राम के किसी वृद्ध चरवाहे को माता ने यहां पिंडी रूप में दर्शन दिए थे, जिसके बाद यहां एक छोटे से मंदिर की स्थापना कर दी गई थी। उसके बाद लगभग 40 वर्ष पूर्व मंदिर का जीर्णोद्धार करके यहां माता बालकुमारी का बड़ा मंदिर बनाया गया। वर्ष 2005 में पुराने मंदिर का पुन: जीर्णोद्धार किया गया साथ ही गणेश, शिवजी तथा माता काली के तीन मंदिर बनाए गए। हालांकि यह मंदिर आधुनिक मंदिरों की तरह ही बना है, लेकिन 2005 के बाद इस पूरे मंदिर परिसर की भव्यता तथा विशालता देखते ही बनती है। #rishikesh #rishikeshgangaaarti #rishikeshtemple