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🚩🙏Jhumadhuri Mela 2025 ll Lohaghat, Champawat, Uttrakhand 🌺💐 #JhumadhuriMela2025 #LohaghatMela #ChampawatUttarakhand #DevotionalNight #BhaktiAurAastha #CulturalFestival #UttarakhandTourism #HimalayanTradition #JhumadhuriJagran #SpiritualVibes #Mela2025 #IndianCulture #MandirMahima #UttarakhandMela #BhaktiMahotsav 🌼 Description:- झुमाधुरी मेला 2025, लोहाघाट (चंपावत, उत्तराखंड) भक्ति, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम है। यह मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि उत्तराखंड की आध्यात्मिक पहचान और लोक परंपराओं का जीवंत चित्रण है। हर साल हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से यहाँ पहुँचते हैं ताकि वे माँ झुमाधुरी देवी की आराधना कर सकें और रात्रि जागरण के पावन अवसर पर भक्ति रस में डूब सकें। ✨ मेले का महत्व लोहाघाट, चंपावत अपनी सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है। झुमाधुरी मेला यहाँ के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है। मान्यता है कि इस मेले में शामिल होने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यही कारण है कि हर वर्ष इस मेले में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है। 🎶 महिला संगीत और नृत्य की छटा रात्रि जागरण का सबसे आकर्षक पहलू है – महिलाओं का सामूहिक भजन और पारंपरिक नृत्य। लोक वाद्य यंत्रों की धुन, भक्ति गीतों की मधुर आवाज और तालमेल से भरी नृत्य प्रस्तुतियाँ पूरे वातावरण को दिव्य बना देती हैं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी महिलाएँ जब देवी माँ की स्तुति करती हैं तो पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से गूंज उठता है। 🙏 आस्था का महापर्व भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रातभर देवी माँ का गुणगान करते हैं। ढोल, नगाड़े और शंख की आवाज श्रद्धालुओं के उत्साह को और भी प्रखर बना देती है। बच्चे, बुजुर्ग और युवा – सभी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। मेले में भजन संध्या, कथा, हवन और प्रसाद वितरण जैसे आयोजन भी होते हैं। 🏞️ सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन झुमाधुरी मेला सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। आसपास की प्राकृतिक सुंदरता, हिमालयी वादियाँ और लोक संस्कृति का संगम इसे एक अद्भुत अनुभव बना देता है। बहुत से लोग इसे Uttarakhand Tourism का खास हिस्सा मानते हैं। 🌟 2025 का आयोजन इस वर्ष झुमाधुरी मेला 2025 और भी भव्य रूप में आयोजित किया गया। सजे-धजे मंदिर, बिजली की रोशनी, फूलों की सजावट और भक्तों की भारी भीड़ ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया। लोगों ने अपने परिवार सहित माँ झुमाधुरी के चरणों में मत्था टेका और रातभर जागरण में शामिल होकर भक्ति रस का आनंद लिया। 🕉️ क्यों देखें यह मेला? 1. धार्मिक आस्था और भक्ति का अद्भुत अनुभव। 2. लोक नृत्य और भजन संध्या की मनमोहक प्रस्तुतियाँ। 3. उत्तराखंड की परंपरा और संस्कृति से साक्षात्कार। 4. पर्यटन, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का संगम। 5. माँ झुमाधुरी देवी के आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार। 🌺 निष्कर्ष झुमाधुरी मेला 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और भक्ति का प्रतीक है। यहाँ आने वाले हर भक्त के मन में श्रद्धा, शांति और आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है। अगर आप भी देवभूमि उत्तराखंड की आस्था और संस्कृति को करीब से अनुभव करना चाहते हैं, तो झुमाधुरी मेला आपके लिए एक अद्वितीय अवसर है। अगर आपको हमारी वीडियो अच्छी लगती है तो प्लीज चैनल को लाइक कीजिए ,सब्सक्राइब कीजिए ,शेयर कीजिए कमेंट कीजिए। आपका वीडियो देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।।