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जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद क्या करना चाहिए I What Should Be Done After Registration of the Land? 2 года назад


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जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद क्या करना चाहिए I What Should Be Done After Registration of the Land?

रजिस्ट्री करने के बाद आमतौर पर लोग Maan लेते हैं की कम पूरा हो गया है और हम उसे संपत्ति के मलिक बन गए हैं अगर आप भी कोई प्रॉपर्टी खरीदने के बाद ऐसा ही सोच रहे रख रहे हैं तो आपकी यह सोच पुरी तरह से गलत है रजिस्ट्री करने के बाद एक निश्चित अवधि तक इस रजिस्ट्री के विरोध में आपत्तियों दर्ज कराई जा सकती हैं आपत्ति दर्ज करने वालों में विक्रेता के परिजन रिश्तेदार या हिस्सेदारी शामिल हो सकते हैं आज की वीडियो में हम बताएंगे आपको की आपके रजिस्ट्री कब और कैसे रद्द हो सकती है रजिस्ट्री होने के बाद प्रॉपर्टी के विक्रेता को सूचना भेजी जाती है की इस संपत्ति का उक्त व्यक्ति के नाम बेनाम किया गया है यदि इस बारे में आपको कोई आपत्ति है तो उसे दर्ज कर सकते हैं इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है की यह ऋषि करने वाला व्यक्ति वास्तविक मलिक ही है और उससे किसी के दबाव में तो बेनाम नहीं कर लिया गया है आपतित दर्ज करने के लिए विभिन्न राज्यों में अलग-अलग अवधि निर्धारित है उत्तर प्रदेश में इसके लिए 90 दिन की अवधि है इस दरमियां तहसीलदार कार्यालय में कभी भी आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है अगर विक्रेता को प्रॉपर्टी की पुरी कीमत नहीं मिल पाई है तो वह आपत्ति दर्ज कर कर इसका और दाखिल खारिज करवा सकता है विक्रेता के पारिवारिक सदस्यों और hissedaron की ओर से ही दर्ज कराई जाती है इसकी प्रमुख वजह ग्रह होती है कई बार खरीददार रजिस्ट्री के समय विक्रेता को चेक भी दे देता है इस तरह के मामले भी सामने आए हैं जिम विक्रेता ने आपत्ति दर्ज कर कर उत्तराखंड खरीद रिकॉर्ड दिया है और खरीदार से और पैसा वसूलने के लिए दावा बना दिया है तहसीलदार कार्यालय में इस तरह के सभी मामलों की सूची बनाकर उनका निस्तारण किया जाता है आपत्तियों के मामले में करवाई की जाती है अगर aapatya फर्जी हैं और दस्तावेजों में सब कुछ सही पाया जाता है तो खरीददार का नाम रसोई विभाग के अभिलेख में दर्ज कर दिया जाता है #NationalHighways #NationalExpressway #NHAI #LandAcquisition #LandKnowledge #BhoomiAdhigrahn

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