У нас вы можете посмотреть бесплатно आखिर क्यों यहाँ ज़हरीले बिच्छू भी बन जाते है आपके दोस्त | बिछुओ की दरगाह | Mysterious Amroha Dargah или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
दोस्तों क्या कभी आपने हाथों में जहरीले बिच्छू को रखने की कल्पना की है? नहीं की होगी, क्योंकि जहरीले बिच्छू के काटते ही कुछ घंटो में मौत होना तय है। लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी जगह के बारे में जहां हज़ारों जहरीले बिच्छू होने के बाद भी वह आपको नहीं काटते। जी हाँ दोस्तों एक ऐसी दरगाह मौजूद है, जहां सैकड़ों बिच्छू घूमते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि वो बिच्छू लोगों को काटते नहीं हैं बल्कि उनको अपना दोस्त बना लेते हैं| जी हाँ आप बिलकुल सही समझे हम बात कर रहे हैं यूपी के अमरोहा का हज़रत सैयद शाह साहब की दरगाह की| आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की यह दरगाह तकरीबन 800 साल पुरानी है और दरगाह में सैकड़ों बिच्छू हर वक्त यहां वहां घूमते रहते हैं| पर आज तक का रिकॉर्ड है की यहां के बिच्छू लोगों को ना काटते हैं और ना परेशान करते हैं| दरअसल यूपी के अमरोहा में वाक़े हजरत सैयद शाह साहब की दरगाह को लोग बिच्छू वाले बाबा की मजार के नाम से भी जानते हैं । मज़ार की तारीख़ 800 साल पुरानी है लेकिन हैरानी की बात ये है कि वहां मौजूद सैकड़ों बिच्छु इंसान को अपना दोस्त बना लेते है। और अगर आप सोच रहे हो की बिच्छू जहरीले नहीं है तो आपको बता दूँ बिच्छू इतने जहरीले है की अगर किसी इन्सान को काट ले तो उस इन्सान का मरना तय है पर आपको बता दूँ की दरगाह के अंदर ये बिच्छू नहीं काटते लेकिन बाहर निकलते ही काट लेते हैं| दरअसल मान्यता यह है कि कोई इंसान इन बिच्छुओं को हफ्ते या दस दिन के लिए बाबा से इजाज़त लेकर दरगाह से कहीं बाहर ले जाता है तो वो उसे नहीं काटते। लेकिन तय मुद्दत पूरी होते ही वे उसे तुरंत काट लेते हैं। दरगाह के जमीन, छतों, दीवारों और आस-पास के बगीचे के पेड़ों की जड़ों के पास से मिट्टी हटाने पर ढेरों बिच्छू निकलते हैं । पर जो बिच्छू हाथ लगाते ही डंक मारने लगते है उनकी आदत इस कदर कैसे बदल गयी अगर आप भी यही सोच रहे है तो आपको बता दूँ की मज़ार में बिच्छुओं की बदली आदत को कोई हजरत सैयद शाह का चमत्कार बताता है तो कोई कुदरत का करिश्मा| लेकिन जो भी हो ये वाक्या ऐसा है जिस पर यकीन आसानी से नहीं होता लेकिन आंखों देखी बात को नज़र अंदाज़ भी नहीं किया जा सकता| पर क्या आपको पता है की बिच्छू इस दरगाह में ही एसा व्यवहार क्यों करते है अगर नहीं तो चलिए आपको पूरा वाकया बताता हूँ| दरअसल करीब 800 साल पहले ईरान से सैयद सरबुद्दीन सहायवलायत ने अमरोहा में आकर डेरा डाला था। पर अमरोहा में में पहले से बाबा शाह नसरुद्दीन रहते थे| और हर कोई अपनी समस्याओ के निदान के लिए बाबा शाह के पास ही जाता था| पर लोगो ने जब सैयद सरबुद्दीन सहायवलायत के चमत्कार देखे तो वे अपनी समस्याओ के निदान के लिए उनके पास जाने लगे| इस पर यहां पहले से रह रहे बाबा शाह नसरुद्दीन ने इस पर एतराज जताया और एक कटोरे में पानी भरकर उनके पास भेजा। बिच्छू वाले बाबा ने कटोरे के ऊपर एक फूल रखकर उसे वापस कर दिया और कहा हम इस शहर में ऐसे रहेंगे जैसे कटोरे में पानी के ऊपर फूल। दरअसल बाबा शाह नसरुद्दीन यह कहना चाहते थे की यह शहर पहले से पूरा भरा हुआ है और यहाँ किसी और के रहने की जगह नहीं है| वे चाहते थे की सैयद सरबुद्दीन सहायवलायत इस बात को समझ जाये और यहाँ से चले जाये जिससे किसी को कोई तकलीफ नहीं हो| पर सैयद सरबुद्दीन सहायवलायत ने भी दिमाग से काम लिया और उन्होंने उस जल से भरे हुए बर्तन पर जो फूल रखा था उसका अर्थ यह था की उनके कारण किसी भी व्यक्ति को कोई तकलीफ नहीं होगी| वे अल्लाह की इबादत करते रहेंगे और किसी को परेशान नहीं करेंगे| पर उनकी इस बार से बाबा शाह नसरुद्दीन नाराज हो गए और उनके इस कारनामे पर बाबा शाहनसुरद्दीन ने बिच्छू वाले बाबा को बददुआ दी| दरअसल बाबा शाहनसुरद्दीन भी पहुंचे हुए फ़क़ीर थे उनके पास भी चमत्कारी शक्तियां थी| उन्होंने सैयद सरबुद्दीन सहायवलायत को बद्दुआ दी की उनके स्थान पर हमेशा सांप-बिच्छू निवास करेंगे और शहर के खोए हुए गधे, घोड़े वहां पर मिला करेंगे| इसके उत्तर में बिच्छू वाले बाबा ने हुक्म दिया कि आज से इस दरगाह में सांप बिच्छू किसी को काटोंगे नहीं और इसकी सीमा के भीतर कोई भी गधा, घोड़ा पेशाब या लीद आदि नहीं करेगा। इसके बाद सैयद सरबुद्दीन सहायवलायत बिच्छू वाले बाबा के नाम से जाने जाने लगे। ये सैयद सरबुद्दीन सहायवलायत यानि बिच्छू वाले बाबा का चमत्कार ही था की सैंकड़ो की संख्या में बिच्छू होने के बाबजूद वे कभी किसी को नहीं काटते| यह भी कहा जाता है कि सांप, बिच्छू दरगाह के आस-पास किसी को भी नहीं काटते लेकिन दरगाह के बाहर निकलते ही वे आदमी को डस लेते हैं। जी हाँ दोस्तों यहां यह भी मान्यता है कि कोई व्यक्ति इन बिच्छुओं को सप्ताह या दस दिन के लिए बाबा से इजाजत लेकर दरगाह से बाहर कहीं ले जाता है तो वे उसे नहीं काटते लेकिन निर्धारित अवधि पूरी होते ही वे उसे तुरंत काट लेते हैं। और इन्ही सभी करामातो के कारण हर साल लाखो से ज्यादा जायरीन इस दरगाह में सजदा करने आते है और मन्नते मांगते है| जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वे बिच्छू वाले बाबा की मजार पर चादर चढ़ा कर सजदा करते है| Channel Link: / @hindipack #bicchuwalidargah #amrohadargah #hindipack #dargah