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Video is about varicocele causing testicular swelling, testes pain and low sperm count IN HINDI. #varicocele symptoms and treatment #varicocele #vericose treatment in hindi वैरिकोसील (Varicocele) क्या है? वैरिकोसील टेस्टिकल (अंडकोष) और स्क्रॉटम (अंडकोष की थैली) की सूजी हुई नसों को कहते हैं। सूजी हुई नसों में दर्द (Pain) की समस्या हो सकती है और इसका बुरा प्रभाव पुरुषों के प्रजनन पर भी पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार 15 से 35 वर्ष के लोग इसका ज्यादा शिकार होते हैं। वैरिकोस (Varicocele) नसों में वॉल्व मौजूद होते हैं, यह ब्लड को टेस्टिकल (Testicular) और स्क्रॉटम (Scrotum) से हार्ट की ओर पहुंचाने में मदद करता है, लेकिन वॉल्व के काम नहीं करने पर ब्लड (Blood) एक ही जगह रह जाता है, जिस कारण स्क्रॉटम और आस-पास की थैली में सूजन शुरू हो जाती है। इस परेशानी या बीमारी को वैरिकोसील कहते हैं। कितना सामान्य है वैरिकोसील (Varicocele) की समस्या? वैरिकोसील (Varicocele) किशोरावस्था और बचपन के दौरान भी विकसित हो सकती है। इस बीमारी की वजह से कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन वैरिकोसील की वजह से तकरीबन 40% पुरुषों में इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या देखी गई है। वैसे वैरिकोसील (Varicocele) की समस्या सामान्य मानी जाती है और 15 प्रतिशत वयस्क पुरुषों में देखी जाती है। वहीं किशोर पुरुषों में 20 प्रतिशत इसकी समस्या देखी जाती है और यह 15 से 25 साल के पुरुषों में इसकी परेशानी ज्यादा होती है। Varicocele: वैरिकोसील क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार वैरिकोसील के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Varicocele) लक्षणों से समझना काफी मुश्किल होता है। मरीजों को इसकी जानकारी तबतक नहीं हो पाती है, जबतक की डॉक्टर स्क्रोटम टेस्ट न करें। कभी-कभी स्क्रोटम (Scrotum) का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है, लेकिन इससे दर्द या भारीपन का अहसास नहीं होता है। हालांकि वैरिकोसील (Varicocele) की वजह से टेस्टिकुलर एट्रोफी (Testicular atrophy) हो जाता है। 1. टेस्टिकल्स (Testicles) के एक साइड में लंप होना, लेकिन लंप की वजह से दर्द महसूस नहीं होता है। वैसे अगर आपको कोई परेशानी या दर्द महसूस नहीं हो रही है, तो भी आपको डॉक्टर से मिलकर लंप की जानकारी देनी चाहिए। 2.स्क्रोटम में सूजन (Swelling in Scrotum) होना। 3. स्क्रोटम का सामान्य से ज्यादा बड़ा होना या स्क्रोटम के वेन ट्विस्टेड होना जिसे आसानी से देखा जा सकता है। 4. स्क्रोटम में दर्द (Pain in Scrotum) महसूस होना। 5. गर्मी के मौसम में दर्द बढ़ जाना। दरअसल गर्म मौसम की वजह से नसें कमजोर हो सकती हैं या इनके आकार में बदलाव आ सकता है। जिससे प्रभावित नसें हृदय (Heart) तक ब्लड (Blood) को पहुंचाने में असमर्थ हो जाती हैं। 6. अगर आप लंबे वक्त तक या अत्यधिक एक्सरसाइज करते हैं, तो वेन में तनाव (Tension) के कारण ब्लड (Blood) ज्यादा इक्कठा हो जाता है। जिससे वैरिकोसील की समस्या शुरू हो सकती है। इसलिए फिट रहने के लिए जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज(Workout) न करें। 7.अगर आपको वैरिकोसील (Varicocele) की समस्या है तो यह ध्यान रखें की ज्यादा देर तक खड़े रहने की वजह से भी आपकी परेशानी जैसे दर्द ज्यादा होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए ज्यादा देर तक खड़े न रहें और अगर आप खड़े हैं और आपको दर्द महसूस हो रहा है तो आप लेट जायें। डॉक्टर से कब मिलना चाहिए? स्क्रोटम के आकार में बदलाव, दर्द, सूजन जैसी कोई और परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना चाहिए। बच्चों में भी इसका ध्यान रखना चाहिए। इस परेशानी को इग्नोर न करें और डॉक्टर से कंसल्टेशन करें। Dr Santosh Agrawal, urologist and transplant surgeon, Bhopal, MP, India Email address : [email protected] APPOINTMENT 0751 40860009, Website: www.drsantoshagrawal.com www.bansalhospital.com