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#baglamukhitantra #motivation #trendingshorts #viral 🛕 माँ बगलामुखी दीक्षा विधान एवं गुरूकुल परम्परा 🛕 🔱 “दीक्षा वह क्षण है जब साधक भीतर से जागता है और माँ की शक्ति उसके जीवन में प्रवाहित होती है।” माँ बगलामुखी साधना केवल एक मंत्र या अनुष्ठान नहीं — यह आत्मा के जागरण की वह दिव्य प्रक्रिया है जहाँ गुरू अपने शिष्य में ऊर्जा, शक्ति और ज्ञान का संचार करते हैं। इसी को ज्ञानदीक्षा या शक्तिपात दीक्षा कहा जाता है। 🌼 दीक्षा का रहस्य 🌼 दीक्षा का अर्थ है — ‘दुःखों का क्षय’ और ‘कर्मों का क्षालन।’ जब साधक गुरू के चरणों में समर्पित होकर माँ बगलामुखी मंत्र को गुरूमुख से ग्रहण करता है, तो वही मंत्र जीवंत शक्ति बन जाता है। गुरुदेव अपनी साधना से प्राप्त ऊर्जा का संचार शिष्य में करते हैं — जिससे साधक का जीवन रूपांतरित हो जाता है। गुरूदेव कहते हैं — “मंत्र केवल उच्चारण नहीं, यह चेतना का द्वार है। गुरूकृपा से ही यह द्वार खुलता है।” -- 🕉️ गुरूकुल परम्परा की पवित्र धारा 🕉️ भारत की महान परम्परा में गुरूकुल केवल शिक्षा का केंद्र नहीं था, बल्कि आध्यात्मिक जीवन का निर्माण स्थल था। जहाँ शिष्य केवल ज्ञान नहीं पाता था —बल्कि जीवन का अर्थ, अनुशासन, तप, ब्रह्मचर्य, सेवा और साधना का महत्व सीखता था। 🛕माँ बगलामुखी पीठ सावंगी (जिला बैतूल, म.प्र.)🛕 आज उसी परम्परा को पुनर्जीवित कर रहा है — जहाँ साधकों को न केवल दीक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें सत्संग, साधना मार्गदर्शन, ध्यान योग, और शास्त्र ज्ञान भी सिखाया जाता है। --- 🔆 दीक्षा प्रक्रिया 🔆 1️⃣ सर्वदेव पूजन एवं आत्मशुद्धि। 2️⃣ गुरु-संकल्प और साधक का संकल्प। 3️⃣ माँ बगलामुखी बीज मंत्र की गुरूमुखी दीक्षा। 4️⃣ शक्तिपात — ऊर्जा संचार द्वारा साधक का अंतःजागरण। 5️⃣ ध्यान, जप, और ब्रह्मचर्य का अभ्यास। 6️⃣ सत्संग व साधना अनुभव का मार्गदर्शन। --- 🌺 दीक्षा का परिणाम 🌺 मन, वाणी और कर्म में संयम उत्पन्न होता है। साधक को नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है। आत्मबल, आत्मविश्वास और तेजस्विता का विकास होता है। शत्रु नाश, भय निवारण, कार्य सिद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। दीक्षा के पश्चात साधक का जीवन गुरू-मार्गदर्शन से संचालित होता है। गुरूदेव प्रत्येक चरण पर साधक को निर्देशित करते हैं कि कब जप करें, कैसे ध्यान करें, और अनुभवों का अर्थ कैसे समझें। 💛 गुरुकृपा – साधना की आत्मा 💛 बिना गुरूकृपा के कोई साधना पूर्ण नहीं। गुरूदेव केवल मंत्र नहीं देते — वे शिष्य के भीतर छिपे दिव्य तत्व को जगाते हैं। यहाँ दीक्षा का अर्थ है — अज्ञान से ज्ञान की यात्रा। “गुरू वह दीपक हैं जो साधक के भीतर की माँ बगलामुखी शक्ति को प्रकट करते हैं | 📿 माँ बगलामुखी गुरूकुल की विशेषता 📿 परंपरागत वैदिक और तांत्रिक साधना शिक्षा। ध्यान, योग, जप, पूजा, और ब्रह्मचर्य मार्गदर्शन। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में सत्संग व शिक्षा। प्रत्येक साधक के स्तर के अनुसार व्यक्तिगत मार्गदर्शन। 🕉️ माँ बगलामुखी पीठ सावंगी, जिला बैतूल (म.प्र.) 🙏 गुरुदेव — आचार्य रविन्द्र जी 📱 Call / WhatsApp: 9806284177