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आत्महत्या के मुख्य कारण और रोकथाम के उपाय | विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस World Suicide Prevention Day इस विशेष वीडियो के माध्यम से आपको सुसाइड के पीछे छिपे कारणों और उसके निवारण के लिए उपायों के बारे में जानकारी मिलेगी। आत्महत्या के मुद्दे पर हमारे चैनल पर उपलब्ध अन्य विडियोज भी देखें: https://youtube.com/live/9Vok8VjiAt8?... मनुष्य जीवन एक बहुत बड़ा वटवृक्ष है और जीवन की सफलता के लिए/आनंद मय व्यतीत करने के लिए मनुष्य को असंख्य कार्यों का सहारा लेना होता है जो इस वटवृक्ष की टहनियों है और इन असंख्य कार्यों में से प्रत्येक कार्यों को करने के लिए असंख्य माध्यम/रास्ते/तरीके/उपाय होते हैं जो इस वटवृक्ष के पत्ते हैं आप सदैव देखते हैं कि किसी वृक्ष के किसी पत्ते के टूट जाने से किसी टहनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता वह टहनी बगैर रुके दूसरे पत्ते को अंकुरित करने में लगी रहती है और फिर कभी हवा के किसी झोंके से कोई टहनी भी टूट जाए तो भी वृक्ष को कोई प्रभाव नहीं पड़ता वृक्ष दूसरी टहनी को विकसित करने में लगा रहता है और यदि कोई पत्ता या टहनी किसी कारण से भी वृक्ष से अलग ना भी हो तो भी प्रतिवर्ष स्वत स्वाभाविक ही वृक्ष अपने असंख्य पत्तों और टहनियों को त्याग ही देता है परंतु वृक्ष वैसा का वैसा बना रहता है और प्रतिवर्ष वह नई टहनियां और नए पट्टे अंकुरित करते रहता है और अपनी इस मौज और आनंद के अंदर जीवन व्यतीत करता है इसी प्रकार मनुष्य जीवन में भी जीवन को मौज और आनंद में बिताने के लिए उसे विभिन्न प्रकार के प्रयास और विभिन्न प्रकार के कार्य जीवन पर्यंत करते ही रहते हैं और हर किसी कार्य को पूरा करने के लिए प्रकृति और समाज में विभिन्न प्रकार के उपाय/तरीके/रास्ते/माध्यम उपलब्ध होते हैं और फिर कार्य के संपूर्ण होने के उपरांत हम उन सभी उपाय और कार्य को त्याग ही देते हैं और फिर नए कार्यों में लग जाते हैं इस प्रकार जैसे प्रकृति के नियम अनुसार वृक्ष के पत्ते और टहनियां आती और जाती रहती है ठीक उसी प्रकार प्रकृति के नियम अनुसार ही मनुष्य के जीवन में भी नए-नए कार्य और नए-नए रास्ते आते और जाते रहते हैं कोई भी रास्ता या कोई भी कार्य जीवन भर स्थाई नहीं होता मंजिल प्राप्त करने के बाद रास्ते का कोई महत्व नहीं होता और जब मंजिल मिल ही जाती है तो अब उस मंजिल के लिए कार्य भी नहीं करना होता हम किसी दूसरे कार्य में लग जाते हैं यह प्राकृतिक है और प्रकृति में सभी जीवो,मनुष्यों वृक्षों और संपूर्ण प्रकृति के लिए यही नियम है इस बात को ठीक-ठीक जानने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य के किसी तरीके के सफल न होने पर यह मान लें कि वह कार्य उससे होगा ही नहीं और उस कार्य के सफल न होने पर वह यह मान लें की जीवन ही व्यर्थ है तो उस व्यक्ति को ना समझ और वास्तविकता से दूर ही माना जाना चाहिए अर्थात आज के मनुष्य और समाज को यह मनुष्य जीवन की सच्चाई ठीक-ठीक समझ लेनी चाहिए और स्पष्ट रूप से अपने मन मस्तिष्क में बैठा लेना चाहिए की जीवन के लिए कार्य होते हैं और कार्यों को करने के लिए उनके रास्ते होते हैं कोई एक रास्ता वह कार्य नहीं होता और कोई एक कार्य जीवन नहीं होता जीवन बहुत बड़ी व्यवस्था है इसकी वास्तविकता को ठीक-ठीक समझ जाना चाहिए। जीवन अनमोल है जीवन के महत्व को समझें! विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर हम सबको मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने आसपास के लोगों से बातचीत करते रहे और उनके मन में क्या चल रहा है यह जानने का प्रयत्न करते रहें। जिससे कि उसे इतना तनाव या लाचारी महसूस ना हो कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठा सके। याद रखें यदि आप किसी की परेशानी को दूर नहीं कर सकते तो कम से कम से बढ़ाये भी ना। अगर कोई व्यक्ति आसपास में तनावग्रस्त दिखाई देता है या कहीं खोया खोया सा दिखता है तो हमें जानने की कोशिश करना चाहिए कि क्या वह किसी परेशानी में है और क्या हम उसका किसी तरह मनोबल बढ़ा सकते हैं। आपकी छोटी सी सतर्कता किसी की जान बचा सकती है। आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर आइए यह संकल्प करें कि अपने आसपास मित्रों, प्रियजनों और स्वजनों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखेंगे और उनको अवसाद से बाहर लाने में मदद करेंगे। अगर आपको या आपके प्रियजनों को कोई अवसाद, चिंता, तनाव या और भी कोई समस्या हो रही है तो आप हमसे संपर्क कर परामर्श ले सकते है। कॉल : 9785238500 #WorldSuicidePreventionDay #SayNotoSuicide #SuicidePrevention #SuicidePreventionDay #DepressionIssue #Anxiety #विश्व_आत्महत्या_रोकथाम_दिवस