У нас вы можете посмотреть бесплатно ग़ौस पाक और शेर वाले बाबा का वाक़िया | Gous Pak Ki Karamat или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
ग़ौस पाक और शेर वाले बाबा का वाक़िया | Gous Pak Ki Karamat #gousepaak #ghouspakkawaqia #islamicwaqiyat gaus pak ka bachpan ka vakya | kaise ek kutte ne sher pe humla kiya | ग़ौस पाक और शेर वाले बाबा का वाक़िया | Gous Pak Ki Karamat #Allahdeen #ghouspakkawaqia #ajeebwaqia #gousepaak #islamicwaqiyat #history #abdulqadirjilani #gousepaak दोस्तों, अस्सलाम वालेकुम! उम्मीद है कि आप सब खैरियत से होंगे। आज का हमारा दिलचस्प वाकया शेख अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्लाह अलैही के बारे में है, जिसमें एक शेर और कुत्ते का किस्सा है। एक शेर ने गायें खा लीं। आइए, इस वाकये की ओर चलते हैं। लेकिन उससे पहले, कृपया इस वीडियो को लाइक और शेयर जरूर करें। एक बार का जिक्र है कि इराक में एक बहुत बड़े बुजुर्ग थे, जो अल्लाह की इबादत किया करते थे। जैसे दूसरे बुजुर्ग अक्सर किसी वीरान या खामोश जगह पर जाकर अल्लाह को याद करते थे, यह हजरत भी गहरी वादियों में जाकर इबादत करते थे। अल्लाह ताला उनसे रजी हो गया और उनसे इतना खुश हुआ कि उनकी जुबान में असर पैदा हो गया। जानवर उनके हर इशारे को समझने लगे। जब वह जंगल में जाते, तो वहां के जानवर और परिंदे उनके आसपास घूमने लगते। उन्हें यकीन हो गया था कि जानवर उनकी बात समझते हैं और उनके इशारों पर कुछ भी कर सकते हैं। वह चाहते थे कि उनके पास एक ऐसा जानवर हो, जो ताकतवर हो और कमजोर न हो, जिसे देखकर सब डर जाएं। शेर के अलावा जंगल का कोई और बादशाह नहीं हो सकता। उन्होंने अल्लाह से दुआ की, "या रब्बे करीम, तू मेरी दुआ सुनता है। मुझे कोई छोटा-मोटा जानवर नहीं चाहिए, बल्कि तूने जिस जानवर को बादशाह बनाया है, वह चाहिए। बस, तू उसे मेरे लिए भेज दे।" वह रोज यही दुआ मांगते रहे। फिर एक दिन, जब वह जंगल में इबादत कर रहे थे, तो एक शेर की गरज सुनाई दी। उन्होंने सलाम फेरा और जब नजर उठाई, तो वहां एक शेर खड़ा था। उन्होंने सोचा कि अब मैं अपनी ताकत आजमाता हूं कि क्या यह शेर मेरी बात सुनता है। उन्होंने शेर को इशारा किया और कहा, "आओ मेरे पास आ जाओ। आज से तुम मेरी सवारी बनोगे।" अल्लाह के हुकम से, उस शेर ने उनकी बात मान ली और उनके पास आ गया। वह दिल में बहुत खुश थे कि अल्लाह ताला ने उन्हें इतना बड़ा बना दिया है, यानी इतना बड़ा वली बना दिया है कि एक शेर उनकी बात मानता है। ghous pak ka waqia,hazrat ghous pak ka waqia,ghous pak ki karamat,gous pak ka waqia,hazrat ghous pak ka mazar kaha hai,hazrat ghous pak ka mazar,ghous e azam ka waqia,ghaus e azam ka waqia,ghaus pak ka waqia,gous pak ka pura waqia,gous pak ke jalal ka waqia,ghous pak,gous pak aur qabar ka waqia,hazrat ghous pak ki karamat,ghous e pak ki karamat,hazrat ghous pak,gause azam ka waqia,hazrat ghous pak ki history,waqia,gaus paak ka waqia About Us: Allah Deen provides programmes which are original, educational, informative and entertaining. Allah Deen is also promotes Dawat-o-Islam . The proper presentation, understanding and appreciation of Islam, as well as removing misconceptions about Islam - amongst less aware Muslims and non-Muslims. If we have mistakenly uploaded any copyright material, please message us and we will take it down immediately. For Any Copyright Concerns Contact Us at [email protected] We will act upon your query immediately Thank You