У нас вы можете посмотреть бесплатно बुराड़ी मौतकांड: एक रहस्यमय त्रासदी ! The Burari Deaths (2018 – Delhi) или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
बुराड़ी मौतकांड: एक रहस्यमय त्रासदी The Burari Deaths (2018 – Delhi) दिनांक: 1 जुलाई 2018 स्थान: संत नगर, बुराड़ी, उत्तर दिल्ली सुबह के लगभग 7 बजे, बुराड़ी के एक पड़ोसी ने देखा कि भाटिया परिवार की दुकान (जो उनके घर के नीचे थी) खुली नहीं है, जो कि रोज़ सुबह 6 बजे खुल जाती थी। परेशान होकर पड़ोसी ऊपर गए और जब दरवाज़ा खोला गया — जो दृश्य सामने था, वह किसी डरावनी फिल्म से कम नहीं था। मौत का मंजर: दृश्य जो रूह कंपा दे 10 शव लटके हुए मिले, सभी एक लोहे की जाली से, बिल्कुल गोल घेरे में। सभी की आंखों पर पट्टियाँ, हाथ पीछे बंधे, और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। सभी के शरीर एक ही दिशा में मुड़े हुए थे — जैसे किसी अनुष्ठान का हिस्सा हों। 11वां शव, 77 वर्षीय नरायण देवी, एक दूसरे कमरे में मिला — उसका गला घोंटा गया था। शरीरों पर संघर्ष या चोट के कोई निशान नहीं थे। घर में चोरी या ज़बरदस्ती घुसपैठ के कोई संकेत नहीं थे। परिवार का परिचय भाटिया परिवार एक सम्मानित, शिक्षित और धार्मिक परिवार माना जाता था। तीन पीढ़ियाँ एक साथ रहती थीं नरायण देवी (दादी) उनके तीन बेटे: भवनेश, ललित, दिनेश उनकी पत्नियाँ और बच्चे परिवार सामूहिक रूप से शांत, मेहनती और धार्मिक माना जाता था। डायरियों का रहस्य जांच के दौरान, पुलिस को घर में 11 सालों की डायरी प्रविष्टियाँ मिलीं। इन डायरियों में विस्तार से लिखा था कि परिवार को कैसे आध्यात्मिक अनुष्ठान करने हैं, कैसे शरीर को त्यागना है, और कैसे “मोक्ष” प्राप्त होगा। सबसे चौंकाने वाली बात: डायरी के ज़्यादातर हिस्से ललित के हाथ से लिखे गए थे, जो माना करता था कि उसके मृत पिता की आत्मा उसके ज़रिए बोलती है। डायरियों में बताया गया था कि यदि परिवार पूरी श्रद्धा से यह अनुष्ठान करेगा, तो उन्हें ईश्वर के दर्शन होंगे और वे पुनः जीवित होंगे अंतिम अनुष्ठान की रात 30 जून 2018 की रात को, पूरा परिवार एक सुनियोजित तरीके से तैयार हो चुका था: रस्सियाँ पहले से तैयार थीं स्टूल्स जमा किए गए थे हाथ-पैर बाँधने के कपड़े और पट्टियाँ रखी गई थीं मोबाइल फोन और CCTV कैमरा खुद बंद किया गया सबने खुद को संपूर्ण समर्पण की स्थिति में रखा डायरी में लिखा था: "जब समय आएगा, सब कुछ अपने आप होगा। डरना नहीं, आंखें बंद रखना। बाबा तुम्हें बचाएंगे।" जांच के निष्कर्ष पुलिस और मनोवैज्ञानिकों ने इसे एक मामला माना: Mass Psychogenic Disorder एक व्यक्ति (ललित) की मानसिक स्थिति धीरे-धीरे पूरे परिवार पर हावी हो गई। कोई हत्या का सबूत नहीं मिला, ना ही कोई बाहरी व्यक्ति इस कांड में शामिल पाया अनसुलझे सवाल अगर ये मोक्ष का रास्ता था, तो दादी की हत्या क्यों हुई? अगर यह भ्रम था, तो सभी ने सहमति कैसे दे दी? क्या कोई तीसरा व्यक्ति था जो अब तक सामने नहीं आया? CCTV में दिखने वाले कुछ अजीब हावभाव अब भी विश्लेषण में हैं। आज का हाल वह घर खाली और सील है। स्थानीय लोग वहां से गुजरने में भी डरते हैं। कई लोग मानते हैं कि वहाँ कुछ रहस्यमय शक्ति है। कुछ डॉक्युमेंट्री और वेब सीरीज़ इस मामले पर बनी हैं, लेकिन सच्चाई अब भी एक रहस्य है।