 
                                У нас вы можете посмотреть бесплатно Women's safety: Know your rights|| महिला सुरक्षा : जानिए अपने अधिकार , मांगिए अपना हक|| или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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Anchor and copywriter- 𝐀𝐊𝐒𝐇𝐈𝐓𝐀 𝐉𝐇𝐀 महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कर रही हैं । जमीन से लेकर आसमान में ही नहीं अंतरिक्ष में भी उनके कदमों की छाप मौजूद है । जिस तरह से उनका कद बढ़ा है , तो अब वे अपने हक और उससे जुड़े कानूनों के बारे में भी जानना चाती हैं । 🟡गोपनीयता का अधिकार 👇 आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बलात्कार की शिकार महिला जिला मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करवा सकती है 🟡घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार 👇 शादी नहीं टूटनी चाहिए , यह विचार भारतीय महिलाओं के जेहन में इतना जड़ें जमा चुका है कि वे अकसर बिना आवाज उठाए घरेलू हिंसा झेलती रहती हैं । आईपीसी की धारा 498 - ए दहेज संबंधित हत्या की निंदा करती है । इसके अलावा दहेज अधिनियम 1961 की धारा 3 और 4 में न केवल दहेज देने या लेने , बल्कि दहेज मांगने के लिए भी दंड का प्रावधान है । इस धारा के तहत एक बार इस पर दर्ज की गई एफआईआर इसे गैर - जमानती अपराध बना देती है । शारीरिक , मौखिक , आर्थिक , यौन संबंधी या अन्य किसी प्रकार का दुर्व्यवहार धारा 498 - एक के तहत आता है । आईपीसी की इस धारा के अलावा , घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम , 2005 भी महिलाओं को उचित स्वास्थ्य देखभाल , कानूनी मदद , परामर्श और आश्रय गृह संबंधित मामलों में मदद करता है । 🟡इंटरनेट पर सुरक्षा का अधिकार 👇🏻 आपकी सहमति के बिना आपकी तस्वीर या वीडियो , इंटरनेट पर अपलोड करना अपराध है । किसी भी माध्यम से इंटरनेट या व्हाट्सएप पर साझा की गई आपत्तिजनक या खराब तस्वीरें या वीडियोज किसी भी महिला के लिए बुरे सपने से कम नहीं है । आपको उस वेबसाइट से सीधे संपर्क करने की आवश्यकता है , जिसने आपकी तस्वीर या वीडियो को प्रकाशित किया है । ये वेबसाइट कानून के अधीन हैं और इनका अनुपालन करने के लिए बाध्य भी । आप न्यायालय से एक इंजेक्शन आदेश विकल्प भी चुन सकती हैं , ताकि आगे आपकी को प्रकाशित न किया जाए । सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम ( आईटी एक्ट ) की धारा 67 और 66 - ई बिना किसी भी व्यक्ति की अनुमति के उसके निजी क्षणों की तस्वीर को खींचने , प्रकाशित या प्रसारित करने को निषेध करती है । आपराधिक कानून ( संशोधन ) अधिनियम 2013 की धारा 354 - सी के तहत किसी महिला की निजी तस्वीर को बिना अनुमति के खींचना या साझा करना अपराध माना जाता हैं|| 🔴 𝓱𝓮𝓪𝓻𝓽 𝓽𝓸𝓾𝓬𝓱𝓲𝓷𝓰 𝓹𝓸𝓮𝓽𝓻𝔂 मैं कल भी रोती थी मैं आज भी रोती हूं क्योंकि मैं स्त्री हूं !! जब मैंने जन्म लिया सब मुझे देखकर आंखें फेरी मैं तब भी कुछ नहीं बोली मैं आज भी कुछ नहीं बोल पा रही हूं क्योंकि मैं स्त्री हूं !! मेरी डोली उठी , मैं रोई मैं मां बनी , मैं रोई मैं अब भी रो रही हूं क्योंकि मैं स्त्री हूं !! मैं पूछना चाहती हूं कि मेरा गुनाह क्या है ? शायद ! स्त्री बनना || By Bunty sir ( knowledge point) Thank you keep supporting, do share with friends & family