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दिवाली रोशनी का हिंदू त्योहार है और इसकी विविधताएं अन्य भारतीय धर्मों में भी मनाई जाती हैं। यह आध्यात्मिक "अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञान पर ज्ञान की जीत" का प्रतीक है। दिवाली विभिन्न धार्मिक घटनाओं, देवताओं और व्यक्तित्वों से जुड़ी हुई है, जैसे कि वह दिन जब राम राक्षस राजा रावण को हराने के बाद अपनी पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या में अपने राज्य लौटे थे। यह व्यापक रूप से समृद्धि की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता और बाधाओं को दूर करने वाले गणेश से भी जुड़ा हुआ है। अन्य क्षेत्रीय परंपराएँ छुट्टी को विष्णु, कृष्ण, दुर्गा, शिव, काली, हनुमान, कुबेर, यम, यमी, धन्वंतरि, या विश्वकर्मन से जोड़ती हैं। पुण्य अयोध्या तीर्थ है Singer - Ravindra Jain कागा संग खेले राम सलोने - Lyrical "स्वर- रवींद्र जैन गीत- रवींद्र जैन संगीत- रवींद्र जैन" बाल समय में श्री राम से खेलने के लिए कागभुशुंडी जी एक काग के रूप में आते थे तब श्री राम उनसे बहुत देर तक खेला करते थे यही दृश्य देख कर देवश्री नारद जी ये गीत गाते हैं। राजा राम चले निज धाम - Lyrical "स्वर- रवींद्र जैन गीत- रवींद्र जैन संगीत- रवींद्र जैन" श्री राम अपने सभी कार्य को पूर्ण करने के बाद अपने कार्य काल की अवधि को समाप्त कर चुके थे इसलिए वो अपने धाम को वापस जाने केलिए जल समाधि लेने जा रहे थे तो उनके साथ उनकी प्रजा के लोग एवं उनके साथी उनके साथ जल समाधि लेकर उनके साथ वैकुंठ जाने की बात श्री राम से कहते हैं तो श्री राम उनकी बात मान लेते हैं। अश्वमेध का अश्व राम ने पूजन कर छोड़ा - Lyrical "स्वर- रवींद्र जैन, सुशील और साथी गीत- रवींद्र जैन संगीत- रवींद्र जैन" श्री राम अपने राज्य की विस्तार के लिए अश्वमेध का यज्ञ करते हैं और उसके लिए वो अश्वमेध का अश्व पूजन करके चारों देशाओ में उसे घूमने के लिए छोड़ा जाता हैं। रघुराई हे रघुराई पग धोकर नांव चढ़ियो (केवट प्रसंग) - Lyrical "स्वर- रवींद्र जैन और अरुण दांगले गीत- रवींद्र जैन संगीत- रवींद्र जैन" केवट श्री राम के चरण धोकर नाव मैं बैठना चाहता था ताकि उन पर प्रभु श्री राम की कृपा हो सके। #diwali #diwalibhajan #diwali2024 #shreeram #shreerambhajan