У нас вы можете посмотреть бесплатно Kishori Mori ! Karahu Kripa Kor with Hindi Subtitle | Kripaluji Maharaj Bhajan | или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
Written and Composed by Jagadguru Shri Kripaluji Maharaj Prem Ras Madira - Dainya Madhuri किशोरी मोरी, करहु कृपा की कोर । बहु बिधि नाच नचावति स्वामिनि ! यह माया बरजोर। काम, क्रोध अरू लोभ, मोह मद, घेरे चहुँ दिशि चोर । जानत हूँ नहिं मानत ठानत, हठहिं हठी मन मोर । सुत, वित,नारि पियारि लगति अति,यदपि कहावत तोर। ताते दै निज प्रेम 'कृपालुहि', हेरहु हमारिहुँ ओर । भावार्थ- हे किशोरीजी हमारे ऊपर भी कृपा दृष्टि करो। यह प्रवल माया मुझे अनेक प्रकार के नाच नचा रही है । काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह ये बड़े-बड़े शत्रु चारों ओर से घेरे हुए हैं। सब कुछ जानते हुए भी यह हठीला मन दुराग्रह के कारण नहीं मानता, संसार की ओर ही जाता है। यद्यपि मैं तुम्हारा कहलाता हूँ फिर भी धन, पुत्र, स्त्री आदि से प्यार करता हूँ। 'कृपालु' कहते हैं इसलिए एक बार हमारी ओर भी देखकर, अपना विशुद्ध प्रेम देकर कृतार्थ करों।