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गुरु सों प्रीति निबाहिये | Kabir Ke Dohe | Sant Kabir Das संत कबीर दास जी की वाणी भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का अनमोल रत्न है। उनके दोहे जीवन के सत्य को सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हैं। “गुरु सों प्रीति निबाहिये” दोहा गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध की महत्ता को उजागर करता है। कबीर साहेब के अनुसार गुरु केवल ज्ञान देने वाला नहीं, बल्कि अज्ञान के अंधकार से बाहर निकालने वाला सच्चा मार्गदर्शक होता है। कबीर दास जी कहते हैं कि यदि गुरु के प्रति प्रेम, श्रद्धा और विश्वास सच्चे मन से निभाया जाए, तो जीवन की हर उलझन का समाधान स्वतः मिलने लगता है। गुरु वह दीपक है, जो स्वयं जलकर शिष्य के जीवन को प्रकाशमान करता है। बिना गुरु की कृपा के आत्मज्ञान और सत्य की प्राप्ति संभव नहीं है। “गुरु सों प्रीति निबाहिये” का भाव हमें यह सिखाता है कि— गुरु पर पूर्ण विश्वास आवश्यक है ज्ञान अहंकार से नहीं, विनम्रता से प्राप्त होता है सच्चा गुरु जीवन की दिशा बदल देता है गुरु का सम्मान ही वास्तविक भक्ति है कबीर साहेब ने समाज में फैले पाखंड, आडंबर और बाहरी दिखावे का विरोध किया। उन्होंने बताया कि तीर्थ, व्रत और कर्मकांड से अधिक महत्वपूर्ण है गुरु की आज्ञा और उसके उपदेशों का पालन। जब शिष्य गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, तभी उसका जीवन सार्थक बनता है। कबीर के दोहे आज के युग में भी उतने ही प्रासंगिक हैं। भौतिकता, तनाव और भ्रम से भरे जीवन में गुरु का मार्गदर्शन मन को स्थिरता और शांति प्रदान करता है। गुरु हमें सिखाता है कि सत्य, प्रेम और करुणा ही जीवन के मूल आधार हैं। इस प्रस्तुति में संकलित Kabir Ke Dohe आत्मचिंतन और साधना के लिए प्रेरित करते हैं। यह वाणी हमें अपने भीतर झांकने, स्वयं को पहचानने और आत्मिक उन्नति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। कबीर दास जी की वाणी केवल सुनने के लिए नहीं, बल्कि जीवन में उतारने के लिए है। यह वीडियो विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो— गुरु भक्ति का वास्तविक अर्थ समझना चाहते हैं संत कबीर दास जी की अमृतवाणी सुनना चाहते हैं जीवन में शांति, संतुलन और स्पष्टता चाहते हैं भक्ति, ज्ञान और आत्मविकास के मार्ग पर चलना चाहते हैं कबीर साहेब की शिक्षाएँ हमें यह स्मरण कराती हैं कि गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है और प्रेम के बिना भक्ति व्यर्थ है। जब गुरु और शिष्य का संबंध सच्चे प्रेम और विश्वास पर आधारित होता है, तब जीवन स्वयं एक साधना बन जाता है। यदि आपको यह Sant Kabir Das Vani पसंद आए, तो वीडियो को लाइक करें, चैनल को सब्सक्राइब करें और इस दिव्य संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ। कबीर कहते हैं — गुरु सों प्रीति निबाहिये, तभी जीवन सफल होइ।