У нас вы можете посмотреть бесплатно मुक्तिबोध से भेंट और मेरी दृष्टि - Meeting With Muktibodh and My Vision - Naresh Saxena - Life Raag или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
स्मृति- मुक्तिबोध से भेंट और मेरी दृष्टि - नरेश सक्सेना डाक्युमेंट्री फिल्म का अंश नरेश सक्सेना – समकालीन हिंदी कविता की एक विलक्षण आवाज़ नरेश सक्सेना हिंदी साहित्य के उन चुनिंदा कवियों में से हैं, जिन्होंने कम शब्दों में गहनतम अर्थ कहने की कला में महारत हासिल की है। उनका जन्म 1939 में ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे एक कवि, नाटककार, फिल्मकार और इंजीनियर के रूप में बहुआयामी पहचान रखते हैं। 🖋️ साहित्यिक योगदान नरेश सक्सेना की कविताएँ अपनी सादगी, गहराई और सामाजिक सरोकारों के लिए जानी जाती हैं। उनकी प्रमुख काव्य संग्रहों में ‘समुंदर पर हो रही है बारिश’, ‘सुनो चारुशीला’, और ‘चंबल एक नदी का नाम’ शामिल हैं। उनकी कविताएँ — विशेष रूप से ‘भूख’ और ‘घृणा से भरे इस समय में’ — समकालीन समय की त्रासदियों और मानवीय संवेदनाओं को तीव्रता से सामने लाती हैं। 🎭 रंगमंच और फिल्म नरेश सक्सेना ने नाटक ‘आदमी का आ’ लिखा, जो अब तक 5000 से अधिक बार विभिन्न भाषाओं में मंचित हो चुका है। उन्होंने लघु फिल्म ‘संबंध’ का निर्देशन किया, जिसे वर्ष 1990 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (विशेष उल्लेख) से सम्मानित किया गया। 🏆 सम्मान और पुरस्कार उनके साहित्यिक योगदानों के लिए उन्हें पहल सम्मान, नागार्जुन पुरस्कार, साहित्य भूषण सम्मान, और राही मासूम रज़ा साहित्य सम्मान जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनकी कविताएँ कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी हैं। 🌐 अन्य पहचान नरेश सक्सेना पेशे से एक इंजीनियर भी रहे हैं और उत्तर प्रदेश जल निगम में उप प्रबंधक के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने एशियन डेवलपमेंट बैंक के लिए भी सलाहकार की भूमिका निभाई है। नरेश सक्सेना की कविताएँ न केवल पढ़ी जाती हैं, बल्कि महसूस की जाती हैं। वे कविता को जीवन से जोड़ते हैं — एक ऐसी भाषा में, जो सीधे पाठक के अंतर्मन तक पहुँचती है। उनकी लेखनी आज के सामाजिक यथार्थ की सच्ची दस्तावेज़ है। #kavita #hindikavita #hindipoetry #nareshsaxena #nareshsaxenakavita #hindikavitayen #modernhindipoetry #hindikavi #kavitavachan #hindisahitya #hindipoetrycommunity #hindikavitaye #hindikavitayein #hindisahityakaitihas #liferaag