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मार्कंडेय जी की कहानी क्या है? पौराणिक कथा के अनुसार, मार्कंडेय ऋषि के पिता का नाम मर्कण्डु ऋषि था. इन्हें कोई संतान नहीं थी. तब इन्होंने अपनी पत्नी के साथ भगवान शिव की तपस्या की. इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव प्रकट हुए और कहा कि, तुम गुणहीन दीर्घायु पुत्र चाहते हो या गुणवान अल्पायु पुत्र जिसकी उम्र केवल 16 साल होगी मारकंडा नदी का उद्गम स्थल कौन सा है? चलिए, आज हम आपको पवित्र नदी के उद्गम स्थल की यात्रा पर ले चलते हैं। मारकंडा नदी हिमाचल प्रदेश के सिरमौर (Sirmaur) जिले की शिवालिक पहाड़ियों में नाहन विकास खंड के जोगिबन (उत्तम वाला) से निकलती है। यहां एक छोटी सी बावड़ी है, जिसमें 12 महीने एक ही बहाव से जलधारा प्रकट होती है। मार्कंडेय और शिव की कहानी क्या है? मार्कण्डेय बड़े होकर शिव के महान भक्त बन गए और अपनी नियत मृत्यु के दिन भी उन्होंने शिवलिंग के रूप में शिव की पूजा जारी रखी । शिव के प्रति उनकी महान भक्ति और निरंतर पूजा के कारण मृत्यु के देवता यम के दूत उनके जीवन को छीनने में असमर्थ थे। मार्कंडेय महादेव की कहानी, भगवान शिव की कृपा से अल्पायु में ही चिरंजीवी बनने की है. यह कहानी पौराणिक है. मार्कंडेय महादेव की कहानी: मार्कंडेय महादेव के पिता का नाम मर्कण्डु ऋषि था. मर्कण्डु ऋषि और उनकी पत्नी मरन्धती को कोई संतान नहीं थी. किसी ने व्यंग्य करके अपमानित किया कि बगैर पुत्र के उनका वंश नहीं बढ़ पाएगा. संतान की कामना से मर्कण्डु ऋषि और उनकी पत्नी ने भगवान शिव की कठिन तपस्या की. भगवान शिव ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया, लेकिन कहा कि उनका पुत्र सिर्फ़ 12 साल तक ही जीवित रहेगा. कुछ साल बीतने के बाद जब मार्कंडेय को अपनी अल्पायु के बारे में पता चला तो उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की. भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें दीर्घायु प्रदान की. यमराज को 12 साल की उम्र पूरी होने पर बगैर उनके प्राण लिए ही लौट जाना पड़ा. मार्कंडेय महादेव के नाम से कई मंदिर हैं. #hindupilgrimage #hindutemple #vlog #onlymohitnumberdar