• ClipSaver
  • dtub.ru
ClipSaver
Русские видео
  • Смешные видео
  • Приколы
  • Обзоры
  • Новости
  • Тесты
  • Спорт
  • Любовь
  • Музыка
  • Разное
Сейчас в тренде
  • Фейгин лайф
  • Три кота
  • Самвел адамян
  • А4 ютуб
  • скачать бит
  • гитара с нуля
Иностранные видео
  • Funny Babies
  • Funny Sports
  • Funny Animals
  • Funny Pranks
  • Funny Magic
  • Funny Vines
  • Funny Virals
  • Funny K-Pop

जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन скачать в хорошем качестве

जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन 4 года назад

скачать видео

скачать mp3

скачать mp4

поделиться

телефон с камерой

телефон с видео

бесплатно

загрузить,

Не удается загрузить Youtube-плеер. Проверьте блокировку Youtube в вашей сети.
Повторяем попытку...
जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि  के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन
  • Поделиться ВК
  • Поделиться в ОК
  •  
  •  


Скачать видео с ютуб по ссылке или смотреть без блокировок на сайте: जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन в качестве 4k

У нас вы можете посмотреть бесплатно जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:

  • Информация по загрузке:

Скачать mp3 с ютуба отдельным файлом. Бесплатный рингтон जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन в формате MP3:


Если кнопки скачивания не загрузились НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru



जड़-चेतन ग्रंथि खोलने में सहायक ज्ञानदीपक एवं भक्तिमणि के प्रकाश का तुलनात्मक वर्णन

उत्तरकाण्ड प्लेलिस्ट    • रामचरितमानस गायन (उत्तरकाण्ड)   18006271632 औरउ ग्यान भगति कर भेद सुनहु सुप्रबीन। जो सुनि होइ राम पद प्रीति सदा अबिछीन॥116 ख॥ भावार्थ:-हे सुचतुर गरुड़जी! ज्ञान और भक्ति का और भी भेद सुनिए, जिसके सुनने से श्री रामजी के चरणों में सदा अविच्छिन्न (एकतार) प्रेम हो जाता है॥116 (ख)॥ चौपाई : सुनहु तात यह अकथ कहानी। समुझत बनइ न जाइ बखानी॥ ईस्वर अंस जीव अबिनासी। चेतन अमल सहज सुख रासी॥1॥ भावार्थ:-हे तात! यह अकथनीय कहानी (वार्ता) सुनिए। यह समझते ही बनती है, कही नहीं जा सकती। जीव ईश्वर का अंश है। (अतएव) वह अविनाशी, चेतन, निर्मल और स्वभाव से ही सुख की राशि है॥1॥ सो मायाबस भयउ गोसाईं। बँध्यो कीर मरकट की नाईं॥ जड़ चेतनहि ग्रंथि परि गई। जदपि मृषा छूटत कठिनई॥2॥ भावार्थ:-हे गोसाईं ! वह माया के वशीभूत होकर तोते और वानर की भाँति अपने आप ही बँध गया। इस प्रकार जड़ और चेतन में ग्रंथि (गाँठ) पड़ गई। यद्यपि वह ग्रंथि मिथ्या ही है, तथापि उसके छूटने में कठिनता है॥2॥ तब ते जीव भयउ संसारी। छूट न ग्रंथि न होइ सुखारी॥ श्रुति पुरान बहु कहेउ उपाई। छूट न अधिक अधिक अरुझाई॥3॥ भावार्थ:-तभी से जीव संसारी (जन्मने-मरने वाला) हो गया। अब न तो गाँठ छूटती है और न वह सुखी होता है। वेदों और पुराणों ने बहुत से उपाय बतलाए हैं, पर वह (ग्रंथि) छूटती नहीं वरन अधिकाधिक उलझती ही जाती है॥3॥ जीव हृदयँ तम मोह बिसेषी। ग्रंथि छूट किमि परइ न देखी॥ अस संजोग ईस जब करई। तबहुँ कदाचित सो निरुअरई॥4॥ भावार्थ:-जीव के हृदय में अज्ञान रूपी अंधकार विशेष रूप से छा रहा है, इससे गाँठ देख ही नहीं पड़ती, छूटे तो कैसे? जब कभी ईश्वर ऐसा संयोग (जैसा आगे कहा जाता है) उपस्थित कर देते हैं तब भी कदाचित्‌ ही वह (ग्रंथि) छूट पाती है॥4॥ सात्विक श्रद्धा धेनु सुहाई। जौं हरि कृपाँ हृदयँ बस आई॥ जप तप ब्रत जम नियम अपारा। जे श्रुति कह सुभ धर्म अचारा॥5॥ भावार्थ:-श्री हरि की कृपा से यदि सात्विकी श्रद्धा रूपी सुंदर गो हृदय रूपी घर में आकर बस जाए, असंख्य जप, तप व्रत यम और नियमादि शुभ धर्म और आचार (आचरण), जो श्रुतियों ने कहे हैं,॥5॥ तेइ तृन हरित चरै जब गाई। भाव बच्छ सिसु पाइ पेन्हाई॥ नोइ निबृत्ति पात्र बिस्वासा। निर्मल मन अहीर निज दासा॥6॥ भावार्थ:-उन्हीं (धर्माचार रूपी) हरे तृणों (घास) को जब वह गो चरे और आस्तिक भाव रूपी छोटे बछड़े को पाकर वह पेन्हावे। निवृत्ति (सांसारिक विषयों से और प्रपंच से हटना) नोई (गो के दुहते समय पिछले पैर बाँधने की रस्सी) है, विश्वास (दूध दुहने का) बरतन है, निर्मल (निष्पाप) मन जो स्वयं अपना दास है। (अपने वश में है), दुहने वाला अहीर है॥6॥ परम धर्ममय पय दुहि भाई। अवटै अनल अकाम बनाई॥ तोष मरुत तब छमाँ जुड़ावै। धृति सम जावनु देइ जमावै॥7॥ भावार्थ:-हे भाई, इस प्रकार (धर्माचार में प्रवृत्त सात्विकी श्रद्धा रूपी गो से भाव, निवृत्ति और वश में किए हुए निर्मल मन की सहायता से) परम धर्ममय दूध दुहकर उसे निष्काम भाव रूपी अग्नि पर भली-भाँति औटावें। फिर क्षमा और संतोष रूपी हवा से उसे ठंडा करें और धैर्य तथा शम (मन का निग्रह) रूपी जामन देकर उसे जमावें॥7॥ मुदिताँ मथै बिचार मथानी। दम अधार रजु सत्य सुबानी॥ तब मथि काढ़ि लेइ नवनीता। बिमल बिराग सुभग सुपुनीता॥8॥ भावार्थ:-तब मुदिता (प्रसन्नता) रूपी कमोरी में तत्व विचार रूपी मथानी से दम (इंद्रिय दमन) के आधार पर (दम रूपी खंभे आदि के सहारे) सत्य और सुंदर वाणी रूपी रस्सी लगाकर उसे मथें और मथकर तब उसमें से निर्मल, सुंदर और अत्यंत पवित्र वैराग्य रूपी मक्खन निकाल लें॥8॥ दोहा : जोग अगिनि करि प्रगट तब कर्म सुभासुभ लाइ। बुद्धि सिरावै ग्यान घृत ममता मल जरि जाइ॥117 क॥ भावार्थ:-तब योग रूपी अग्नि प्रकट करके उसमें समस्त शुभाशुभ कर्म रूपी ईंधन लगा दें (सब कर्मों को योग रूपी अग्नि में भस्म कर दें)। जब (वैराग्य रूपी मक्खन का) ममता रूपी मल, जल जाए, तब (बचे हुए) ज्ञान रूपी घी को (निश्चयात्मिका) बुद्धि से ठंडा करें॥117 (क)॥ तब बिग्यानरूपिनी बुद्धि बिसद घृत पाइ। चित्त दिआ भरि धरै दृढ़ समता दिअटि बनाइ॥117 ख॥ भावार्थ:-तब विज्ञान रूपिणी बुद्धि उस (ज्ञान रूपी) निर्मल घी को पाकर उससे चित्त रूपी दीए को भरकर, समता की दीवट बनाकर, उस पर उसे दृढ़तापूर्वक (जमाकर) रखें॥117 (ख)॥ तीनि अवस्था तीनि गुन तेहि कपास तें काढ़ि। तूल तुरीय सँवारि पुनि बाती करै सुगाढ़ि॥117 ग॥ भावार्थ:-(जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति) तीनों अवस्थाएँ और (सत्त्व, रज और तम) तीनों गुण रूपी कपास से तुरीयावस्था रूपी रूई को निकालकर और फिर उसे सँवारकर उसकी सुंदर कड़ी बत्ती बनाएँ॥117 (ग)॥ सोरठा : एहि बिधि लेसै दीप तेज रासि बिग्यानमय। जातहिं जासु समीप जरहिं मदादिक सलभ सब॥117 घ॥ भावार्थ:-इस प्रकार तेज की राशि विज्ञानमय दीपक को जलावें, जिसके समीप जाते ही मद आदि सब पतंगे जल जाएँ॥117 (घ)॥ चौपाई : सोहमस्मि इति बृत्ति अखंडा। दीप सिखा सोइ परम प्रचंडा॥ आतम अनुभव सुख सुप्रकासा। तब भव मूल भेद भ्रम नासा॥1॥ भावार्थ:-'सोऽहमस्मि' (वह ब्रह्म मैं हूँ) यह जो अखंड (तैलधारावत्‌ कभी न टूटने वाली) वृत्ति है, वही (उस ज्ञानदीपक की) परम प्रचंड दीपशिखा (लौ) है। (इस प्रकार) जब आत्मानुभव के सुख का सुंदर प्रकाश फैलता है, तब संसार के मूल भेद रूपी भ्रम का नाश हो जाता है,॥1॥ प्रबल अबिद्या कर परिवारा। मोह आदि तब मिटइ अपारा॥ तब सोइ बुद्धि पाइ उँजिआरा। उर गृहँ बैठि ग्रंथि निरुआरा॥2॥ भावार्थ:- और महान्‌ बलवती अविद्या के परिवार मोह आदि का अपार अंधकार मिट जाता है। तब वही (विज्ञानरूपिणी) बुद्धि (आत्मानुभव रूप) प्रकाश को पाकर हृदय रूपी घर में बैठकर उस जड़ चेतन की गाँठ को खोलती है॥2॥ शेष यहाँ: https://hindi.webdunia.com/religion/r...

Comments
  • भरत-भरद्वाज संवाद एवं भरद्वाज ऋषि द्वारा भरतजी का सत्कार  #मानसगान #RamcharitManas 4 года назад
    भरत-भरद्वाज संवाद एवं भरद्वाज ऋषि द्वारा भरतजी का सत्कार #मानसगान #RamcharitManas
    Опубликовано: 4 года назад
  • Крысы доедят Зеленского 2 часа назад
    Крысы доедят Зеленского
    Опубликовано: 2 часа назад
  • Что убило 96% жизни на Земле? 5 Апокалипсисов Земли 2 недели назад
    Что убило 96% жизни на Земле? 5 Апокалипсисов Земли
    Опубликовано: 2 недели назад
  • Генетик объяснил, почему Путин так боится за свою ДНК, от чего отказался Сталин, ИИ, ГМО 6 часов назад
    Генетик объяснил, почему Путин так боится за свою ДНК, от чего отказался Сталин, ИИ, ГМО
    Опубликовано: 6 часов назад
  • कागभुशुण्डिजी का पूर्व-जन्‍म-चरित्र:लोमश मुनि से रामोपासना मंत्र और वरदान प्राप्ति #मानसगान 4 года назад
    कागभुशुण्डिजी का पूर्व-जन्‍म-चरित्र:लोमश मुनि से रामोपासना मंत्र और वरदान प्राप्ति #मानसगान
    Опубликовано: 4 года назад
  • Корабль Пошел На Дно - Первые Пять Уже Бежали🏃🛳️Массированный Удар💥⚡ Военные Сводки 19.11.2025 4 часа назад
    Корабль Пошел На Дно - Первые Пять Уже Бежали🏃🛳️Массированный Удар💥⚡ Военные Сводки 19.11.2025
    Опубликовано: 4 часа назад
  • जड़ और चेतन क्या है ? ..... What is root and consciousness ? 3 года назад
    जड़ और चेतन क्या है ? ..... What is root and consciousness ?
    Опубликовано: 3 года назад
  • 8 признаков редчайшего типа личности по Карлу Юнгу. Вы — психологическая элита? 2 недели назад
    8 признаков редчайшего типа личности по Карлу Юнгу. Вы — психологическая элита?
    Опубликовано: 2 недели назад
  • Adharam Madhuram I Krishna Bhajan | Bhakti Song | मधुराष्टकम् I Madhurashtakam I Bhajan Song Трансляция закончилась 10 часов назад
    Adharam Madhuram I Krishna Bhajan | Bhakti Song | मधुराष्टकम् I Madhurashtakam I Bhajan Song
    Опубликовано: Трансляция закончилась 10 часов назад
  • श्री गुरुगीता नया रूप नए अंदाज में सुंदर भजन 7 месяцев назад
    श्री गुरुगीता नया रूप नए अंदाज में सुंदर भजन
    Опубликовано: 7 месяцев назад
  • अयोध्या से बारात का जनकपुर के लिये प्रस्थान #मानसगान #RamcharitManas 4 года назад
    अयोध्या से बारात का जनकपुर के लिये प्रस्थान #मानसगान #RamcharitManas
    Опубликовано: 4 года назад
  • सुर, गुरु, ब्राह्मण एवं सन्त-समाज वन्दना #मानसगान #RancharitManas 4 года назад
    सुर, गुरु, ब्राह्मण एवं सन्त-समाज वन्दना #मानसगान #RancharitManas
    Опубликовано: 4 года назад
  • Константин Сивков | Топить Флот США. Сивков о Новой Войне | Актуальные События 6 часов назад
    Константин Сивков | Топить Флот США. Сивков о Новой Войне | Актуальные События
    Опубликовано: 6 часов назад
  • Ramcharitmanas | Volume 1&2 | Audio Jukebox | Devotional | Vocal | Chhannulal Mishra | Music Today 10 лет назад
    Ramcharitmanas | Volume 1&2 | Audio Jukebox | Devotional | Vocal | Chhannulal Mishra | Music Today
    Опубликовано: 10 лет назад
  • Что такое квантовая теория 13 лет назад
    Что такое квантовая теория
    Опубликовано: 13 лет назад
  • Эти соглашения Второй мировой от нас всегда скрывали! Валентин Катасонов 2 недели назад
    Эти соглашения Второй мировой от нас всегда скрывали! Валентин Катасонов
    Опубликовано: 2 недели назад
  • श्री राम कथा | Shri Ram Katha | Day - 1 | Brahmaleen Rajeshwaranand Saraswati Ji | Jaipur Трансляция закончилась 4 года назад
    श्री राम कथा | Shri Ram Katha | Day - 1 | Brahmaleen Rajeshwaranand Saraswati Ji | Jaipur
    Опубликовано: Трансляция закончилась 4 года назад
  • अपने में सावधान | आध्यात्मिक भजन | ब्र. श्री रवींद्रजी 'आत्मन्' | सहजपाठ संग्रह | Apne Me Savdhan 5 месяцев назад
    अपने में सावधान | आध्यात्मिक भजन | ब्र. श्री रवींद्रजी 'आत्मन्' | सहजपाठ संग्रह | Apne Me Savdhan
    Опубликовано: 5 месяцев назад
  • Зеленский покинул страну / Отставка правительства Украины? 19 часов назад
    Зеленский покинул страну / Отставка правительства Украины?
    Опубликовано: 19 часов назад
  • मनु-शतरुपा का भगवान की पुत्ररुप से प्राप्ति के लिये तप एवं वरदान #मानसगान #RamcharitManas 4 года назад
    मनु-शतरुपा का भगवान की पुत्ररुप से प्राप्ति के लिये तप एवं वरदान #मानसगान #RamcharitManas
    Опубликовано: 4 года назад

Контактный email для правообладателей: [email protected] © 2017 - 2025

Отказ от ответственности - Disclaimer Правообладателям - DMCA Условия использования сайта - TOS



Карта сайта 1 Карта сайта 2 Карта сайта 3 Карта сайта 4 Карта сайта 5